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हिसार: खराब फसल के पूरे मुआवजे की मांग को लेकर एडीसी से मिले किसान - हिसार किसान बीमा कंपनी मुआवजा

हिसार के गांव चिड़ौद के किसानों ने बीमा कम्पनी द्वारा बर्बाद हुई फसलों का पूरा मुआवजा ना देने की शिकायत को लेकर अतिरिक्त उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा.

Hisar Farmers Insurance Company Compensation
हिसार किसान बीमा कंपनी मुआवजा लेटेस्ट न्यूज
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Published : Feb 27, 2021, 10:33 AM IST

हिसार: जिले के गांव चिड़ौद के किसानों ने बीमा कंपनी पर पूरा मुआवजा नहीं देने का आरोप लगाया है. बता दें कि किसान अपनी मांगों को लेकर किसान सभा के जिला प्रधान शमशेर सिंह नंबरदार के नेतृत्व में अतिरिक्त उपायुक्त से मिले. किसानों ने अतिरिक्त उपायुक्त को अपनी मांगों का ज्ञापन दिया.

अतिरिक्त उपायुक्त से मिलने वाले किसान नेताओं में प्रेस सचिव सूबे सिंह बूरा, नफे सिंह थानेदार, दलीप सिंह, प्रकाश घड़वाल आदि शामिल रहे. किसान सभा के प्रेस सचिव सूबे सिंह बूरा ने बताया कि ज्ञापन में कहा गया है कि खरीफ 2020 की बर्बाद हुई फसलों की स्पेशल गिरदावरी हुई. जिसमें प्रशासन ने भी माना था कि 50 से 100 प्रतिशत तक फसलें बर्बाद हुई थीं.

ये भी पढ़ें: हरियाणा की जेलों में रेडियो स्टेशन: 3 जेलों के 21 कैदियों को दी गई ट्रेनिंग

सूबे सिंह बूरा ने बताया कि किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम पर मामूली मदद दी गई है. जबकि बीमा कम्पनी ने किसानों से बीमा योजना के नाम पर हजारों करोड़ रुपये ले लिये. मुआवजा पूरा ना देकर किसानों से खुली लूट की गई है.
बताया जा रहा है कि खरीफ 2020 की बर्बाद हुई फसलों की स्पेशल गिरदावरी हुई जिसमें 60 से 100 प्रतिशत तक फसलें बर्बाद हुई थीं. लेकिन जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल योजना के तहत बीमा करवाया था. उन किसानों को नाममात्र का मुआवजा दिया गया.

ये भी पढ़ें: 'हरियाणा में कोई भी गांव नहीं रहा बिजली से अछूता, 11 घरों की ढाणियों तक भी बिजली सप्लाई'

सूबे सिंह बूरा ने बताया कि अधिकांश किसानों को 500 रुपये से 4 हजार रुपये तक मुआवजा दिया गया. जबकि बीमा कम्पनी ने किसानों से बीमा योजना के नाम पर हजारों करोड़ रुपये ले लिये. पूरे जिले में 45 करोड़ रुपये मुआवजा दिया गया है. ज्ञापन में कहा गया है कि बर्बाद हुई फसलों का पूरा मुआवजा दिया जाए.बता दें कि इससे पहले नंगथला गांव के किसानों ने भी अपनी मांगों को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था.

हिसार: जिले के गांव चिड़ौद के किसानों ने बीमा कंपनी पर पूरा मुआवजा नहीं देने का आरोप लगाया है. बता दें कि किसान अपनी मांगों को लेकर किसान सभा के जिला प्रधान शमशेर सिंह नंबरदार के नेतृत्व में अतिरिक्त उपायुक्त से मिले. किसानों ने अतिरिक्त उपायुक्त को अपनी मांगों का ज्ञापन दिया.

अतिरिक्त उपायुक्त से मिलने वाले किसान नेताओं में प्रेस सचिव सूबे सिंह बूरा, नफे सिंह थानेदार, दलीप सिंह, प्रकाश घड़वाल आदि शामिल रहे. किसान सभा के प्रेस सचिव सूबे सिंह बूरा ने बताया कि ज्ञापन में कहा गया है कि खरीफ 2020 की बर्बाद हुई फसलों की स्पेशल गिरदावरी हुई. जिसमें प्रशासन ने भी माना था कि 50 से 100 प्रतिशत तक फसलें बर्बाद हुई थीं.

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सूबे सिंह बूरा ने बताया कि किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम पर मामूली मदद दी गई है. जबकि बीमा कम्पनी ने किसानों से बीमा योजना के नाम पर हजारों करोड़ रुपये ले लिये. मुआवजा पूरा ना देकर किसानों से खुली लूट की गई है.
बताया जा रहा है कि खरीफ 2020 की बर्बाद हुई फसलों की स्पेशल गिरदावरी हुई जिसमें 60 से 100 प्रतिशत तक फसलें बर्बाद हुई थीं. लेकिन जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल योजना के तहत बीमा करवाया था. उन किसानों को नाममात्र का मुआवजा दिया गया.

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सूबे सिंह बूरा ने बताया कि अधिकांश किसानों को 500 रुपये से 4 हजार रुपये तक मुआवजा दिया गया. जबकि बीमा कम्पनी ने किसानों से बीमा योजना के नाम पर हजारों करोड़ रुपये ले लिये. पूरे जिले में 45 करोड़ रुपये मुआवजा दिया गया है. ज्ञापन में कहा गया है कि बर्बाद हुई फसलों का पूरा मुआवजा दिया जाए.बता दें कि इससे पहले नंगथला गांव के किसानों ने भी अपनी मांगों को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था.

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