हिसार: जिला न्यायालय ने कथित संत रामपाल को ड्रग्स से जुड़े मामले में बरी कर दिया है. कोर्ट ने रामपाल के अलावा चार और आरोपियों को इस मामले में बरी किया है. एडीजे वेद प्रकाश सिरोही की कोर्ट मैं सोमवार को दोपहर बाद ये फैसला सुनाया गया है. दरअसल साल 2014 में हुई हिंसा के बाद संत रामपाल पर पुलिस ने कई केस दर्ज किए थे. इन्हीं में से एक ड्रग्स के मामले पर सुनवाई करते हुए सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल और अन्य 4 आरोपियों को बरी किया गया है.
इनमें से एक आरोपी ओमप्रकाश हुड्डा की मौत हो चुकी है और मुख्य आरोपी संत रामपाल फिलहाल हत्या के मामले में जेल में बंद है. वहीं आरोपी राजेन्द्र भी पुलिस कस्टडी में है. अन्य आरोपी विजेंद्र और बलजीत जमानत पर चल रहे हैं. दरअसल साल 2006 में करौंथा में जमीन विवाद को लेकर एक हिंसक घटना हुई थी. जिसमें एक युवक की मौत हो गई थी उसके बाद उसी मामले में संत रामपाल को गिरफ्तार किया जाना था. लेकिन बाबा ने अपने साम्राज्य के दम पर कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की थी.
ये भी पढ़ें: पटौदी भड़काऊ भाषण मामले में राम भक्त गोपाल की जमानत याचिका खारिज
जिसके बाद 18 नवंबर 2014 को पुलिस ने रामपाल की गिरफ्तारी के लिए आश्रम में प्रवेश करना चाहा तो वहां हालात बिगड़ गए और दो दिनों तक हिंसक घटनाएं चलती रहीं. इस दौरान रामपाल के समर्थकों समेत छह लोगों की मौत हो गई थी और कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे. फिर 20 नवंबर 2014 को हत्यारे संत रामपाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और साथ ही कई समर्थकों को भी हिरासत में लिया था. उस दौरान पुलिस ने संत रामपाल पर हत्या, अवैध धंधे जैसे कई मुकदमे दर्ज किए थे.
ये भी पढ़ें: हरियाणा: अब 400 किसानों के खिलाफ हुआ केस दर्ज, जानिए क्या है मामला
इनमें से अक्टूबर 2018 मैं हत्या के दो मामलों में संत रामपाल समेत 22 को दोषी करार दिया गया था और इनमें से रामपाल सहित कई लोगों को आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई गई थी. जिसके बाद से संत रामपाल और कई अन्य समर्थक अभी हिसार की जेल में बंद है.