हिसार: अभिनेत्री मुनमुन दत्ता उर्फ बबीता जी (munmun dutta) की मुश्किलें बढ़ गई हैं और उनके ऊपर गिरफ्तारी का खतरा मंडराने लगा है. अभिनेत्री की अग्रिम जमानत की याचिका हिसार की एससी एसटी एक्ट के तहत स्थापित विशेष अदालत (hisar court) के जज अजय तेवतिया ने खारिज कर दी है. इस मामले में दलित अधिकार कार्यकर्ता व वकील रजत कल्सन ने थाना शहर हांसी में 13 मई को एससी एसटी एक्ट की धाराओं के तहत एक मुकदमा दर्ज कराया था.
मुनमुन दत्ता के खिलाफ हरियाणा के हांसी के अलावा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान व मध्यप्रदेश में भी एफआईआर दर्ज हुई थी व इन मुकदमों को लेकर मुनमुन दत्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सभी मुकदमों की जांच एक जगह हरियाणा के हांसी में करने की मांग की थी. इसके अतिरिक्त मुनमुन दत्ता ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में मांग की थी कि उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों को खारिज किया जाए, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया था. उसके बाद मुनमुन दत्ता ने फिर हाईकोर्ट का रुख कर गिरफ्तारी पर रोक की मांग की थी, लेकिन बाद में उनके वकील ने हाईकोर्ट से याचिका वापस ले ली थी.
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अब उन्होंने हिसार की एससी एसटी एक्ट के तहत स्थापित अदालत में याचिका दायर की थी जिस पर 25 जनवरी को दोनों पक्षों की बहस हुई थी. आज अदालत ने मुनमुन दत्ता उर्फ बबीता जी की याचिका को खारिज कर दिया. आरोप है कि अभिनेत्री मुनमुन दत्ता ने इंस्टाग्राम पर जारी एक कथित वीडियो में कहा था 'उन्हें यूट्यूब पर वीडियो डालनी है, जिसमें वह अच्छा दिखना चाहती है और एक जाति विशेष जैसा नहीं दिखना चाहती'. गौरतलब है कि इससे पहले भी दलित अधिकार कार्यकर्ता रजत कल्सन ने पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह व अभिनेत्री युविका चौधरी के खिलाफ भी दलित समाज के बारे में कथित अपमानजनक भाषा इस्तेमाल करने के बारे में मुकदमा दर्ज कराया था जिसके बाद उन्हें भी जमानत करानी पड़ी थी.
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