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किसानों के समर्थन में उतरी हिसार बार एसोसिएशन, सरकार को दी आंदोलन की चेतावनी

हिसार जिला बार एसोसिएशन भी किसान आंदोलन के समर्थन में आ गई है. बार के वकीलों का कहना है किसानों की मांगें जायज हैं और सरकार जल्द से जल्द मांगों को पूरा करे, नहीं तो उनकी तरफ से भी आंदोलन किया जाएगा.

hisar bar association
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Published : Dec 3, 2020, 10:04 PM IST

हिसार: जिला बार एसोसिएशन ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है. बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट मनदीप बिश्नोई ने बताया कि बार एसोसिएशन के दर्जनों अधिवक्ताओं ने किसान आंदोलन का पूर्ण समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में बार एसोसिएशन किसानों के साथ मजबूती से खड़ा है और किसानों पर दर्ज मुकदमों की कड़ी निंदा करता है.

उन्होंने कहा कि किसानों पर दर्ज मुकदमों को बार एसोसिएशन की तरफ से मुफ्त लड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री जब ये कह रहे हैं कि एमएसपी और मंडी व्यवस्था को बहाल रखा जाएगा तो इसको लिखित में दिए जाने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.

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उन्होंने कहा कि जमाखोरी पर पाबंदी लगाने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम में ऐसे प्रावधान शामिल किए जाएं, ताकि जमाखोरों के द्वारा कालाबाजारी ना की जा सके. इसके साथ इन कानूनों में अदालतों को सुनवाई से बाहर रखा गया है. इसमें संशोधन करते हुए अदालतों को सुनाई के क्षेत्राधिकार दिए जाने का प्रावधान शामिल किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि किसान संगठनों की केंद्र सरकार के साथ बैठक में अगर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं निकलता है तो किसानों के हित में अगर धरना भी देना पड़ेगा तो इसमें बार एसोसिएशन पीछे नहीं हटेगी. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की मांग नहीं मानती है तो आंदोलन किया जाएगा.

हिसार: जिला बार एसोसिएशन ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है. बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट मनदीप बिश्नोई ने बताया कि बार एसोसिएशन के दर्जनों अधिवक्ताओं ने किसान आंदोलन का पूर्ण समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में बार एसोसिएशन किसानों के साथ मजबूती से खड़ा है और किसानों पर दर्ज मुकदमों की कड़ी निंदा करता है.

उन्होंने कहा कि किसानों पर दर्ज मुकदमों को बार एसोसिएशन की तरफ से मुफ्त लड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री जब ये कह रहे हैं कि एमएसपी और मंडी व्यवस्था को बहाल रखा जाएगा तो इसको लिखित में दिए जाने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.

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उन्होंने कहा कि जमाखोरी पर पाबंदी लगाने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम में ऐसे प्रावधान शामिल किए जाएं, ताकि जमाखोरों के द्वारा कालाबाजारी ना की जा सके. इसके साथ इन कानूनों में अदालतों को सुनवाई से बाहर रखा गया है. इसमें संशोधन करते हुए अदालतों को सुनाई के क्षेत्राधिकार दिए जाने का प्रावधान शामिल किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि किसान संगठनों की केंद्र सरकार के साथ बैठक में अगर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं निकलता है तो किसानों के हित में अगर धरना भी देना पड़ेगा तो इसमें बार एसोसिएशन पीछे नहीं हटेगी. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की मांग नहीं मानती है तो आंदोलन किया जाएगा.

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