हिसार: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं की मध्यावधि परीक्षाओं के लिए कोरोना महामारी के चलते इस बार एक नया पैटर्न अपनाया है. इस पैटर्न के तहत विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन माध्यम से परीक्षाएं आयोजित कराई गई, जो कारगर साबित हुई हैं.
इन परीक्षाओं में विद्यार्थियों ने सुविधानुसार बढ़-चढक़र हिस्सा लिया. विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. बी.आर.कंबोज ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते विद्यार्थियों के लिए मध्यावधि परीक्षाओं का आयोजन एक चुनौती भरा कार्य था. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन ने बैठक आयोजित कर एक नया पैटर्न अपनाते हुए पहली बार सभी परीक्षाओं को ऑनलाइन व ऑफलाइन माध्यम से आयोजित करने का फैसला लिया.
ऑफलाइन परीक्षाओं के लिए इस बार विश्वविद्यालय के विभिन्न जिलों में स्थापित कृषि विज्ञान केंद्रों में भी परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. विदेशियों व बाहरी राज्यों के विद्यार्थियों ने दी ऑनलाइन परीक्षा, बाकि पहुंचे नजदीकी परीक्षा केंद्र
परीक्षा नियंत्रक डॉ. एस.के. पाहुजा ने बताया कि जो विद्यार्थी विदेश से यहां पढ़ रहे थे या फिर जो बाहरी राज्यों से संबंध रखते थे और कोरोना महामारी के चलते वापस अपने देश व राज्य में चले गए, उनके लिए ऑनलाइन परीक्षा का माध्यम रखा गया.
जनवरी में भी इसी पैटर्न पर होंगे पेपर
जबकि प्रदेश के विभिन्न जिलों के पढऩे वाले विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के अलावा अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्रों में परीक्षा दी. उन्होंने बताया कि स्नातक व स्नातकोत्तर की विभिन्न कक्षाओं के लिए विश्वविद्यालय में कुल 616 विद्यार्थियों ने ऑफलाइन माध्यम से परीक्षा दी जबकि
- कृषि विज्ञान केंद्र पानीपत में 21
- कुरुक्षेत्र में 21
- जींद में 49
- यमुनानगर में 22
- फरीदाबाद में 4
- बावल में 25
- कैथल में 29
- पंचकूला में 3
- सोनीपत में 17
- सिरसा में 46
- रोहतक में 35
- मंडकौला में 9
- महेंद्रगढ़ में 52
- करनाल में 21
- फतेहाबाद में 48
- भिवानी में 65
- अंबाला में 4
- झज्जर में 2 और सदलपुर में 18 विद्यार्थियों ने ऑफलाइन माध्यम से परीक्षा दी.
इसके अलावा कुल 85 विद्यार्थी ऑनलाइन माध्यम से परीक्षाओं में शामिल हुए. जिनमें बाहरी राज्यों व विदेशों से परीक्षार्थी शामिल थे. इनमें से कुछ विद्यार्थी अफगानिस्तान व मयंमार से शामिल थे. परीक्षा नियंत्रक डॉ. एस.के. पाहुजा ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा जनवरी माह में आयोजित की जाने वाली फाइनल परीक्षाएं भी इसी पैटर्न पर ली जाएंगी ताकि विद्यार्थियों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े. साथ ही कोरोना महामारी के चलते केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जारी हिदायतों का पालन हो सके.