हिसार: हिमाचल में एक सप्ताह के दौरान हुई 70 सेंटीमीटर बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में भी दिखाई दे रहा है. मैदानी इलाकों में शीतलहर शुरू हो गई है, जिससे एक बार फिर तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. 25 से 35 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवा के कारण मौसम सर्द हो गया है. हरियाणा में पिछले 2 दिनों में ही तापमान में 9 डिग्री सेल्सियस तक की कमी दर्ज की गई है. वहीं हिसार में सोमवार रात को एक बार फिर धुंध गहरा गई. पिछले 24 घंटे में रात का पारा औसत 2 डिग्री गिरकर सामान्य के मुकाबले 2.6 डिग्री कम हो गया.
हरियाणा में न्यूनतम तापमान: मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार हिसार में तापमान में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है. यहां तापमान में सर्वाधिक 7.2 डिग्री गिरावट दर्ज की गई. वहीं बालसमंद में 4.1 डिग्री दर्ज किया गया. दिन का पारा भी औसत 4 डिग्री गिरकर सामान्य से 0.8 डिग्री कम हो गया है. कैथल के कौल में तापमान 19 डिग्री पर आ गया है. मौसम विभाग चंडीगढ़ सेंटर के निदेशक डॉ. मनमोहन सिंह के अनुसार उत्तर भारत में पहाड़ों पर बर्फबारी हो रही है. वहां से ठंडी हवा तेज गति से मैदानों की ओर चल रही है.
हरियाणा में शीतलहर 17 फरवरी तक: नॉर्थ पोल में उच्च दबाव और मैदानी इलाकों में कम दबाव के कारण हवा चल रही है. 15 फरवरी से भी इसी गति से ठंडी हवा चलेगी. इसके दो दिन बाद तापमान में 3 से 5 डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है. 17 फरवरी से पश्चिमी विक्षोभ का असर फिर से दिखाई दे सकता है. इससे प्रदेश के मौसम में भी बदलाव हो सकता है. ऐसे में पश्चिमी विक्षोभ व पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी पर ही मौसम निर्भर रहेगा.
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पहाड़ी क्षेत्र में बारिश ने बढ़ाई सर्दी: पहाड़ी क्षेत्र में भी ठंड बढ़ी है. हिमाचल के केलांग में रात का पारा -13.2, मनाली में -2 डिग्री रहा. यह कुल्लू में 1, शिमला में 1.4 डिग्री दर्ज किया गया. यहां पिछले 7 दिन में 21.5 मिमी. बारिश हुई है, जो सामान्य से 18% कम है. इस अवधि में 26.1 मिमी. बारिश सामान्य होती है. कुल्लू के कोठी में 70, केलांग में 33.3, कल्पा में 28.2, शिमला के खदराला में 7.7, कुफरी में 2.2, मनाली में 2 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई है. हरियाणा में 11.6 मिमी. बारिश हुई है, जो 48% कम है. इस अवधि में 22.4 मिमी. बरसात सामान्य होती है.
कल से बढ़ेगा पारा, 17 के बाद फिर घटेगा: मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉक्टर मदन लाल खीचड़ ने बताया कि 14 फरवरी को देर रात हवाओं की दिशा में बदलाव होगा. इससे 17 फरवरी तक तापमान में बढ़ोतरी होने के साथ साथ कहीं-कहीं तेज हवा चलने की संभावना है. 17 से पश्चिमी विक्षोभ अपना असर दिखाएगा. पहाड़ों पर बर्फबारी होगी, इसके बाद प्रदेश में फिर से तापमान में 3 से 5 डिग्री गिरावट आएगी.
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गेहूं की फसल को होगा फायदा: इन दिनों दिन का तापमान घटने से गेहूं का दाना अच्छी तरह फूलेगा. गेहूं एवं जौ राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान करनाल के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह का कहना है कि गेहूं की अगेती फसल दाना बनने के स्टेज में है. दिन में ज्यादा पारे से दाना कमजोर होने का खतरा रहता है. पारा घटने से दाना अच्छी तरह फूलेगा. 15 दिन और ठंडक बनी रहे, तो गेहूं का बंपर उत्पादन होगा. इसके बाद तापमान के विपरीत होने का फसल पर असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने बताया कि 16 फरवरी को किसानों के लिए एडवाइजरी भी जारी की जाएगी.
मौसम का सेहत पर असर: बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. दुलर्भ शाह बिश्नोई का कहना है कि दिन में पारा बढ़ने से गर्म कपड़े नहीं पहनते हैं. शाम को ठंड रहती है, इसलिए लापरवाही के कारण ठंड लगने का अंदेशा अधिक रहता है. खांसी, जुकाम, बुखार, कमजोरी, चक्कर आना, सांस लेने में दिक्कत, बदन दर्द, सिरदर्द जैसी बीमारियां इसी मौसम में अधिक होती है. इन दिनों बच्चों व बुर्जुगों का ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है. जैसे- जैसे ठंड छंटती है, तो वायरस, बैक्टीरिया ग्रो करते हैं. इसलिए मास्क का इस्तेमाल करें, तो और बेहतर होगा. इसके साथ ही चिकित्सकों ने मौसम के अनुरूप कपड़े पहनने की सलाह दी है.