हिसार: हरियाणा में लगातार मौसम (Haryana Weather Update) बदल रहा है, जिससे रोजाना ठंड बढ़ती जा रही है. गुलाबी ठंड का दौर अब खत्म हो चुका है. दिसंबर महीने की शुरूआत से ही मौसम और हवा परिवर्तनशील है. इसकी वजह से अब कड़ाके की ठंड शुरू हो चुकी (Haryana winter Temperature) है. मौसम आमतौर पर 6 दिसम्बर तक परिवर्तनशील बने रहने की संभावना है. परन्तु पाश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण जो बारिश होगी उससे ठंड का प्रकोप प्रदेश में और बढ़ने वाला है.
वहीं पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से प्रदेश के कुछ हिस्सों में 3 दिसम्बर रात और 5 से 6 दिसम्बर के बीच कुछ एक स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी होने की संभावना है. इस बार दिसंबर, जनवरी में न केवल कड़ाके की ठंड पड़ेगी बल्कि कोहरा भी कोहराम मचाएगा. बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में क्रमशः लो प्रेशरएरिया और चक्रवात जैसे सक्रिय मौसम प्रणाली के द्वारा और वैस्टर्न डिस्टरबेंस के मिलन से 5-6 दिसंबर के दौरान होगी पहाड़ी क्षेत्र में अच्छी बारिश, भारी मात्रा में हिमपात और सिमित इलाकों में ओलावृष्टि भी होने की संभावनाएं बन रही है. इस वजह से ठंड में असमान्य इज़ाफ़ा होगा.
इस सप्ताह अधिकतम और न्यूनतम तापमान
दिनांक | अधिकतम तापमान (°C) | न्यूनतम तापमान(°C) |
02/12/2021 | 23 | 11 |
03/12/2021 | 25 | 11 |
04/12/2021 | 26 | 10 |
5/12/2021 | 25 | 9 |
6/12/2021 | 24 | 11 |
7/12/2021 | 25 | 9 |
बता दें कि मौसम विभाग पहले ही 6 दिसम्बर तक मौसम के परिवर्तनशील रहने की संभावना जता चुका है. 5 दिसम्बर को एक और पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना चलते 5 दिसम्बर और 6 दिसम्बर की रात को राज्य में कोहरा और हवाओं व गरज-चमक के साथ कहीं-कहीं हल्की बारिश के आसार हैं. इस दौरान दोपहर के पारा में गिरावट रहेगी. जबकि रात के तापमान में बढ़ोत्तरी होगी. वहीं आने वाले दिनों में धुंध भी असर दिखाएगी
इस मौसम में तापमान कम होने के कारण प्रदूषण (Pollution In Haryana) के भारी कण ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं, और वायु मंडल में ही मौजूद हैं. इसी वजह से स्माग जैसे हालात अभी भी बन रहे हैं. ऐसे में मौसम के कारण लोगों को अधिक प्रदूषण महसूस हो रहा है. इस प्रदूषण की वजह से भी लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कतें हो रही हैं. सोमवार को हिसार में एयर क्वालिटी इंडेक्स 340 पर रहा.
कृषि मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस मौसम में बारिश की वजह से गेहूं की पछेती किस्म की बिजाई प्रभावित हो सकती है. अगर बिजाई के बीच में बारिश हो जाए तो बिजाई व्यर्थ हो जाएगी. इसलिए किसानों को संभावित बारिश को देखते हुए गेहूं की बिजाई ध्यान से करनी चाहिए.
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