हिसार: पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी का असर अब मैदानी इलाकों में भी दिखाई दे रहा है. लिहाजा हरियाणा में ठंड का कहर (temperature in haryana) जारी है. ठंड के मामले में हिसार ने जम्मू को भी पीछे छोड़ दिया है. सोमवार को जम्मू शहर का न्यूनतम तापमान 8.5 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि अधिकतम तापमान 20.5 डिग्री सेल्सियस रहा. जबकि हिसार का न्यूनतम तापमान (temperature in hisar) 4.2 डिग्री सेल्सियस नोट किया गया. सोमवार को हिसार प्रदेश का सबसे ठंडा जिला रहा.
13 दिसंबर का दिन इस सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा है. हरियाणा मौसम विभाग (haryana meteorological department) के अनुसार बर्फीली हवाओं के कारण रात का पारा लगातार गिरता जा रहा है. पहाड़ी क्षेत्रों शिमला, कांगड़ा जैसे ठंडे इलाकों से आने वाली हवाओं के चलते हरियाणा में पारा गिर रहा है. सोमवार को हिसार का मौसम सबसे ठंडा रहा. यहां पारा 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया. हिसार का तापमान (temperature in hisar) दिन में भी कम ही रहा.
सोमवार रात को हिसार का तापमान 4.2 डिग्री दर्ज किया गया. इसके बाद प्रदेश में नारनौल दूसरा सबसे ठंडा रहा, नारनौल में पारा 5.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम वैज्ञानिकों ने आने वाले दिनों में हरियाणा का तापमान और कम हो सकता है. इस बार नवंबर से ही उत्तर पर्वतीय क्षेत्रों पर हिमपात जारी है.
जिला | दिन का तापमान (डिग्री सेल्सियस में) | रात का तापमान (डिग्री सेल्सियस में) |
अंबाला | 21 | 8.3 |
भिवानी | 22.6 | 8.1 |
हिसार | 22 | 4.2 |
गुरुग्राम | 22 | 9 |
रोहतक | 22.2 | 7.3 |
सिरसा | 21 | 6.5 |
करनाल | 21 | 7 |
नारनौल | 22 | 5.1 |
सीजन की पहली शीत लहर और पाला जमने की स्थिति बनती जा रही है. पहाड़ों में हो रही बर्फबारी के चलते रोजाना तापमान में गिरावट हो रही है, जिसकी वजह से उत्तर भारत में ठंड बढ़ रही है. राहत की बात ये है कि अभी तक लोगों को कोहरे का सामना नहीं करना पड़ा है. अभी तक कोहरा सामान्य से कम है. मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर एमएल खीचड़ के अनुसार हरियाणा में मौसम आमतौर पर 15 दिसंबर तक परिवर्तनशील लेकिन खुश्क रहने की संभावना है.
ये भी पढ़ें- fruits and vegetables price in haryana: जानें क्या है हरियाणा में फल सब्जियों के दाम
इस दौरान बीच हल्के बादल रहने और कम गति से हवाएं चलने की संभावना है. पशुओं को लेकर डॉक्टर एमएल खीचड़ ने कहा कि पशुओं के लिए 5 से 10 डिग्री तक का तापमान नकारात्मक होता है. इसलिए पशुओं को रात के समय कमरों के अंदर ही बांधना चाहिए. ऐसे तापमान में पशुओं के रखरखाव में चूक नहीं होनी चाहिए. मत्स्य पालकों को नियमित रूप से तालाब का कुछ पानी निकालते रहने चाहिए और उसकी जगह नया ताजा पानी भरते रहना चाहिए.
हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP