ETV Bharat / state

मिर्चपुर कांड के पीड़ितों को हरियाणा सरकार ने दिए प्लॉट, बसाया जाएगा रिहायशी इलाका - what is mirchpur case

मिर्चपुर से विस्थापित हुए दलित समाज के लोगों को अब दोबारा से बसाया जा रहा है. सरकार ने उनको पुनर्वास के लिए योजना तैयार कर ली है. पुनर्वास के लिए राज्य सरकार ने प्लॉट आवंटन भी शुरू कर दिए हैं.

hisar
hisar
author img

By

Published : Oct 15, 2020, 10:22 PM IST

हिसार: हरियाणा के बहुचर्चित मिर्चपुर कांड के विस्थापितों का विस्थापन अब जल्द ही पूरा होने जा रहा है. मिर्चपुर से विस्थापित होकर हिसार के तंवर फार्म हाउस में रह रहे या फिर गांव छोड़कर अन्य शहरों में जा चुके परिवारों के पुनर्वास के लिए राज्य सरकार ने प्लॉट आवंटन करने शुरू कर दिए हैं.

मिर्चपुर के 102 परिवारों को जिला प्रशासनिक भवन के सभागार में मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार और पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी ने अलॉटमेंट पत्र दिए. उनके साथ हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा, विधायक डॉ. कमल गुप्ता, मेयर गौतम सरदाना और भाजपा के जिलाध्यक्ष कैप्टन भूपेंद्र सिंह भी मौजूद रहे.

मिर्चपुर कांड के पीड़ितों को सरकार ने दिए प्लॉट, देखें वीडियो

इस पुनर्वास योजना के तहत हिसार के कुछ किलोमीटर दूर सिरसा रोड पर गांव ढंढूर में 8 एकड़ से अधिक जमीन पर दीनदयाल पुरम रिहायशी इलाका स्थापित किया जा रहा है. इस रिहायशी इलाके को एक शहरी सेक्टर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- बीजेपी ने इन 30 नेताओं को दी बरोदा उपचुनाव में प्रचार की जिम्मेदारी

हालांकि, सरकार इन परिवारों से प्लॉट के लिए नाममात्र की मासिक किस्त भी लेगी जो उन्हें बीस सालों तक भरनी होगी. इसके लिए पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी का कहना है कि इन परिवारों का स्वाभिमान जिंदा रहे इसलिए ये किस्त ली जा रही हैं. उन्होंने बताया कि मिर्चपुर छोड़ चुके परिवारों के पुनर्वास की ये योजना भाजपा सरकार ने बनाई थी. उससे पहले की सरकार ने कुछ नहीं किया.

वहीं सरकार की इस योजना के बाद पुनर्वास के लिए हिसार शहर के पास के गांव में प्लॉट मिलने से मिर्चपुर छोड़कर आए परिवार काफी खुश हैं. उनका कहना है कि अब उन्हें अपनी छत के लिए चिंता करने की जरूरत नहीं रहेगी.

क्या है मिर्चपुर कांड?

आठ साल पहले 21 अप्रैल 2010 को हरियाणा के हिसार जिले के मिर्चपुर गांव में एक कुत्ते को लेकर उपजे विवाद के चलते जाट समुदाय के लोगों ने दलितों (वाल्मीकि समाज के लोगों) के लगभग दो दर्जन घरों में आग लगा दी थी. इसकी वजह से कई दलित परिवारों के घर जलकर राख हो गए और ताराचंद नाम के एक 60 वर्षीय दलित व्यक्ति और उनकी शारीरिक रूप से अक्षम बेटी सुमन की जिंदा जलने से मौत हो गई थी.

ये मामला राष्ट्रीय स्तर पर उछला था और तब कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी भी मिर्चपुर पहुंचे थे. इस कांड के बाद पीड़ित समुदाय ने मिर्चपुर गांव छोड़ दिया था. अब भाजपा सरकार ने उनके पुनर्वास की योजना को अमलीजामा पहनाया है.

हिसार: हरियाणा के बहुचर्चित मिर्चपुर कांड के विस्थापितों का विस्थापन अब जल्द ही पूरा होने जा रहा है. मिर्चपुर से विस्थापित होकर हिसार के तंवर फार्म हाउस में रह रहे या फिर गांव छोड़कर अन्य शहरों में जा चुके परिवारों के पुनर्वास के लिए राज्य सरकार ने प्लॉट आवंटन करने शुरू कर दिए हैं.

मिर्चपुर के 102 परिवारों को जिला प्रशासनिक भवन के सभागार में मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार और पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी ने अलॉटमेंट पत्र दिए. उनके साथ हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा, विधायक डॉ. कमल गुप्ता, मेयर गौतम सरदाना और भाजपा के जिलाध्यक्ष कैप्टन भूपेंद्र सिंह भी मौजूद रहे.

मिर्चपुर कांड के पीड़ितों को सरकार ने दिए प्लॉट, देखें वीडियो

इस पुनर्वास योजना के तहत हिसार के कुछ किलोमीटर दूर सिरसा रोड पर गांव ढंढूर में 8 एकड़ से अधिक जमीन पर दीनदयाल पुरम रिहायशी इलाका स्थापित किया जा रहा है. इस रिहायशी इलाके को एक शहरी सेक्टर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- बीजेपी ने इन 30 नेताओं को दी बरोदा उपचुनाव में प्रचार की जिम्मेदारी

हालांकि, सरकार इन परिवारों से प्लॉट के लिए नाममात्र की मासिक किस्त भी लेगी जो उन्हें बीस सालों तक भरनी होगी. इसके लिए पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी का कहना है कि इन परिवारों का स्वाभिमान जिंदा रहे इसलिए ये किस्त ली जा रही हैं. उन्होंने बताया कि मिर्चपुर छोड़ चुके परिवारों के पुनर्वास की ये योजना भाजपा सरकार ने बनाई थी. उससे पहले की सरकार ने कुछ नहीं किया.

वहीं सरकार की इस योजना के बाद पुनर्वास के लिए हिसार शहर के पास के गांव में प्लॉट मिलने से मिर्चपुर छोड़कर आए परिवार काफी खुश हैं. उनका कहना है कि अब उन्हें अपनी छत के लिए चिंता करने की जरूरत नहीं रहेगी.

क्या है मिर्चपुर कांड?

आठ साल पहले 21 अप्रैल 2010 को हरियाणा के हिसार जिले के मिर्चपुर गांव में एक कुत्ते को लेकर उपजे विवाद के चलते जाट समुदाय के लोगों ने दलितों (वाल्मीकि समाज के लोगों) के लगभग दो दर्जन घरों में आग लगा दी थी. इसकी वजह से कई दलित परिवारों के घर जलकर राख हो गए और ताराचंद नाम के एक 60 वर्षीय दलित व्यक्ति और उनकी शारीरिक रूप से अक्षम बेटी सुमन की जिंदा जलने से मौत हो गई थी.

ये मामला राष्ट्रीय स्तर पर उछला था और तब कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी भी मिर्चपुर पहुंचे थे. इस कांड के बाद पीड़ित समुदाय ने मिर्चपुर गांव छोड़ दिया था. अब भाजपा सरकार ने उनके पुनर्वास की योजना को अमलीजामा पहनाया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.