हिसारः दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम में कार्यरत पांच एसडीओ को टर्मिनेट और 7 एसडीओ को डिमोट करके जेई बनाने के बाद बिजली विभाग के अधिकारी सकते में है. हरियाणा पावर इंजीनियर एसोसिएशन ने पूरे मामले को लेकर स्टैंड लिया है. यूनियन ने पूरे प्रदेश में आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली है. माना जा रहा है कि ये डिमोशन इसलिए किया गया है क्योंकि ये कर्मचारी डिपार्टमेंटल अकाउंट एग्जाम क्लियर नहीं कर पाए.
क्यों हुई कार्रवाई?
हरियाणा पावर इंजीनियर एसोसिएशन के स्टेट प्रेसिडेंट केडी बंसल ने बताया कि इस एग्जाम में बिजली निगम के एसडीओ पद के लिए डिपार्टमेंटल अकाउंट एग्जाम होता है. इस परीक्षा में 4 तरह के पेपर होते हैं. बिजली निगम ने जिन पांच अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से टर्मिनेट किया है. इन पांच एसडीओ में से एक एचबीवीएस का और चार अन्य डीएचबीवीएन के हैं. उन्होंने बताया कि सभी एसडीओ साल 2010 में परीक्षा उत्तीर्ण कर नियुक्त हुए थे. नौकरी के 9 साल बाद डिपार्टमेंटल एग्जाम क्लियर नहीं करने पर निगम ने इनको वापस डिमोट और टर्मिनेट कर दिया है.
सीएम और डिप्टी सीएम से मांग
बिजली निगम ने ऐसा सख्त कदम पहली बार उठाया है. इसके विरोध में हरियाणा के प्रत्येक सर्कल पर रोजाना ड्यूटी के बाद गेट मीटिंग चल रही है, नारेबाजी कर विरोध जताया जा रहा हैं. स्टेट प्रेसिडेंट ने बताया कि प्रदेश की मनोहर सरकार पार्ट टू के सीएम, डिप्टी सीएम और नए बिजली मंत्री को भी पत्र लिख मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की गई है. मांग पत्र के जरिए मांग की गई है कि एग्जाम की तैयारी के लिए कोई अतिरिक्त समय नहीं मिल पाता है.
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मर्सी चांस की मांग
एसडीओ के पद पर वर्क लोड पहले ही अधिक है. सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले एसडीओ को होती है. ऐसे में बिजली निगम को उन्हें मर्सी चांस देना चाहिए. उनका कहना है कि वो कई सालों से निगम में नौकरी कर रहे हैं उनके साथ ऐसा नहीं होना चाहिए.
22 नवंबर तक दिया अल्टीमेटम
हरियाणा पावर इंजीनियर एसोसिएशन के स्टेट प्रेसिडेंट केडी बंसल ने बताया कि एसोसिएशन के समर्थन में बिजली विभाग की अन्य यूनियन जैसे वर्कर्स यूनियन, क्लर्क यूनियन, जेई यूनियन इत्यादि भी आने लगी हैं. उन्होंने बताया कि मांगों को मानने के लिए 22 नवंबर तक का समय यूनियन की तरफ से दिया गया है. इसके बाद हरियाणा में बड़े आंदोलन का मोर्चा खोल दिया जाएगा.