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हिसार: GJU शुरू करेगा ऐरोस्पेस इंजीनियरिंग से जुड़े कोर्स - Hisar GJU Aerospace Engineering Course

हिसार में एक एयरपोर्ट बनने जा रहा है. इसको देखते हुए गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने ऐरोस्पेस इंजीनियरिंग से जुड़े कोर्स शुरू करने का फैसला किया है.

GJU University will start Aerospace Engineering related courses
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Published : Oct 26, 2020, 8:19 PM IST

हिसार: जिले में स्थापित होने वाले एयरपोर्ट से यातायात की उच्च स्तरीय सुविधाओं के साथ-साथ रोजगार की अपार संभावनाएं पैदा होंगी. इस एयरपोर्ट की स्थापना से शोध और शिक्षण की दिशा में भी बहुत अधिक फायदा होने वाला है. इसी कड़ी में गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने ऐरोस्पेस इंजीनियरिंग और इससे सम्बंधित कोर्स शुरु करने की योजना बना रहा है.

गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय ऐरीजोना स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए के संयुक्त तत्वाधान में एक इंटरनेशनल ड्यूअल डिग्री बीटेक प्रोग्राम शुरु करने की योजना बना रहा है. इस प्रोग्राम में ऐरोन्यूटिकल इंजीनियरिंग और एस्ट्रोन्यूटिकल इंजीनियरिंग का स्पेशलाइजेशन होगा.

इस प्रोग्राम के तहत गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार में अंडरग्रेजुएट ऐरोस्पेस इंजीनियरिंग प्रोग्राम में दाखिल विद्यार्थी सफलतापूर्वक दो साल पूरे करने के बाद एरीजोना स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए में संबंधित क्षेत्रों में दाखिले के लिए आवेदन करेगा और अगले दो साल में गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार और ऐरीजोना स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए विद्यार्थी को संयुक्त रूप से स्नात्तक की उपाधि प्रदान करेंगे.

कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा है कि इस हवाई अड्डे के निर्माण के बाद विश्वविद्यालय का स्तर और ऊंचा होगा और विश्वविद्यालय के नजदीक हवाई यात्रा की सुविधा होने के कारण विश्वविद्यालय में शोध व शैक्षणिक उद्देश्य से आने वाले विशेषज्ञों को अधिक सुविधा होगी.

ये भी पढ़ें- यमुनानगर को साढ़े 78 करोड़ रुपये की सौगात देंगे मुख्यमंत्री मनोहर लाल

इंटरनेशनल रिलेशंस के डीन प्रो. विनोद छोकर ने बताया कि हवाई अड्डा रोजगार प्रदान करेगा और व्यापार व आर्थिक गतिविधियों को और अधिक मजबूती देगा. इससे हिसार का सामाजिक तथा राजनीतिक स्तर देशभर में और ऊंचा होगा. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में ऐरोस्पेस इंजीनियरिंग से संबंधित ड्यूअल डिग्री कोर्स अगले सत्र से शुरु किए जाएंगे. ये कोर्स एविएशन, एयरक्राफ्ट, रोकेट तथा मिजाइल तकनीक में नौकरियों के लिए सुनहरे अवसर प्रदान करेगा.

हिसार: जिले में स्थापित होने वाले एयरपोर्ट से यातायात की उच्च स्तरीय सुविधाओं के साथ-साथ रोजगार की अपार संभावनाएं पैदा होंगी. इस एयरपोर्ट की स्थापना से शोध और शिक्षण की दिशा में भी बहुत अधिक फायदा होने वाला है. इसी कड़ी में गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने ऐरोस्पेस इंजीनियरिंग और इससे सम्बंधित कोर्स शुरु करने की योजना बना रहा है.

गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय ऐरीजोना स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए के संयुक्त तत्वाधान में एक इंटरनेशनल ड्यूअल डिग्री बीटेक प्रोग्राम शुरु करने की योजना बना रहा है. इस प्रोग्राम में ऐरोन्यूटिकल इंजीनियरिंग और एस्ट्रोन्यूटिकल इंजीनियरिंग का स्पेशलाइजेशन होगा.

इस प्रोग्राम के तहत गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार में अंडरग्रेजुएट ऐरोस्पेस इंजीनियरिंग प्रोग्राम में दाखिल विद्यार्थी सफलतापूर्वक दो साल पूरे करने के बाद एरीजोना स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए में संबंधित क्षेत्रों में दाखिले के लिए आवेदन करेगा और अगले दो साल में गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार और ऐरीजोना स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए विद्यार्थी को संयुक्त रूप से स्नात्तक की उपाधि प्रदान करेंगे.

कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा है कि इस हवाई अड्डे के निर्माण के बाद विश्वविद्यालय का स्तर और ऊंचा होगा और विश्वविद्यालय के नजदीक हवाई यात्रा की सुविधा होने के कारण विश्वविद्यालय में शोध व शैक्षणिक उद्देश्य से आने वाले विशेषज्ञों को अधिक सुविधा होगी.

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इंटरनेशनल रिलेशंस के डीन प्रो. विनोद छोकर ने बताया कि हवाई अड्डा रोजगार प्रदान करेगा और व्यापार व आर्थिक गतिविधियों को और अधिक मजबूती देगा. इससे हिसार का सामाजिक तथा राजनीतिक स्तर देशभर में और ऊंचा होगा. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में ऐरोस्पेस इंजीनियरिंग से संबंधित ड्यूअल डिग्री कोर्स अगले सत्र से शुरु किए जाएंगे. ये कोर्स एविएशन, एयरक्राफ्ट, रोकेट तथा मिजाइल तकनीक में नौकरियों के लिए सुनहरे अवसर प्रदान करेगा.

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