हिसार: कोरोना वायरस के चलते लोग लॉकडाउन के दौरान घरों में रहने को मजबूर हैं. घरों में कैद लोग इस समय एक-दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिता रहे हैं. इन सबका असर रिश्तों पर भी पड़ रहा है. दोस्त और रिश्तेदारों से दूर इस समय घर में पार्टनर ही हर तरीके से एक-दूसरे का सहारा हैं. गुरु जम्भेश्वर विश्वविदयालय ने पारिवारिक रिश्तों पर सर्वे भी किया है. इस सर्वे के मुताबिक 65 प्रतिशत महिलाएं और 34 प्रतिशत पुरुष मानते हैं कि लॉकडाउन में परिवारिक संबंध सुधरे हैं.
ये सर्वे तीन लोगों की टीम ने किया था. ये ऑनलाइन सर्वे हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और राजस्थान राज्यों में किया गया. इन राज्यों में महिलाओं और पुरुषों से कुछ सवाल पूछे गए. जिसके बाद सामने आया कि 65.68 फीसदी महिलाएं और 34.32 फीसदी पुरुष मानते हैं लॉकडाउन की वजह से पारिवारिक संबंधों में सुधार हुआ है.
सुधर गए पारिवारिक रिश्ते
लॉकडाउन के दौरान क्रिएटिव वर्क में भी महिलाएं आगे रहीं. 59 प्रतिशत महिलाओं ने क्रिएटिव वर्क किया तो 30 प्रतिशत पुरुषों ने रचनात्मक कामों में समय बिताया. गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ अप्लाइड साइकोलॉजी की सीनियर रिसर्चर वंदना मलिक. उनके गाइड प्रोफेसर राकेश कुमार और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. पूनम ने मिलकर उत्तर भारत के लोगों से सोशल मीडिया के जरिए कुछ सवालों के जवाब जाने थे. रैंडम सैंपलिंग के जरिए 15 से 75 साल तक के लोगों ने अपने जवाब दर्ज करवाए.
सैंपल समूह की औसत आयु 27.67 साल रही. इस अध्ययन में कुल 539 लोगों से सवाल पूछे गए. इसमें 63 प्रतिशत महिलाएं और 37 प्रतिशत पुरुष शामिल हुए. रिसर्च टीम ने 24 प्रश्नों की प्रश्नावली में 15 प्रश्न मैंटल हेल्थ से जोड़कर पूछे. जिसके विभिन्न आयु वर्ग के लोगों से राय ली गई.
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सर्वे में 20 प्रतिशत लोगों का मानना है कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने अकेलापन महसूस किया. जबकि 75 प्रतिशत लोगों ने कहा कि परिवार के साथ से तनाव काफी कम हुआ है.