हिसार: जिले के आदमपुर शहर के पास लगते गांव मोहब्बतपुर में संदिग्ध हालत में जलने से दो सगी बहनों की मौत हो गई. हादसे के समय मकान में 4 बच्चे सो रहे थे और रात के समय आग लगी तो शोर शराबा सुनकर परिवार के लोग उन्हें बचाने के लिए पहुंचे. आग की लपटें तेज हो चुकी थी इसलिए सिर्फ दो बच्चों को ही बचाया जा सका, लेकिन दो बहनें अंदर जिंदा जल गई. मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार रात छोटूराम की तीन लड़की 18 साल की मोनिका, 16 साल की खुशबू, 14 साल की रिंकू और बेटा 12 साल का शुभम घर में अंदर सो रहे थे.
छोटूराम बाहर बरामदे में सो रहा था. रात को जब आग लगी तो छोटूराम के भाई का लड़का राहुल व उनका भाई पवन बचाने के लिए पहुंचे. उन्होंने शुभम और खुशबू को तो बचा लिया, लेकिन रिंकू और मोनिका की तेज लपटों में घिरने की वजह से जलकर उनकी मौत हो गई. बताया जा रहा है कि घटना के समय बच्चों की मां व मौसी दोनों अपने मायके गई हुई थी और घर पर पिता छोटूराम सो रहा था. वहीं बच्चों के ताऊ के लड़के राहुल ने बताया कि जब वह यहां आए तो बच्चों का पिता छोटूराम यहां मौजूद नहीं था और उन्हें पास में ही डीजल की खाली बोतल भी मिली.
हादसे के बाद से ही छोटूराम का फोन बंद आ रहा है और उसका कोई अता-पता नहीं है. मामले की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच के लिए फॉरेंसिक टीम को वारदात स्थल पर बुलाया गया. टीम ने मौके से सबूत जुटाए हैं और खाली डीजल की बोतल को भी बरामद किया. हालांकि बिजली के शार्ट सर्किट से आग लगने की बात होने पर बिजली निगम के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और कहा कि रात को बिजली का कट था इसलिए शॉर्ट सर्किट से आग लगने की संभावना ही नहीं है.
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वहीं घर में कोई गैस सिलेंडर भी नहीं था. इस वजह से हादसे के कारण पर सवाल उठ रहे हैं. पुलिस हर एंगल से इस हादसे की जांच कर रही है. फिलहाल मोनिका और रिंकू के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा गया है. वहीं बच्चों के पिता छोटू राम का भी पता नहीं लग पा रहा है और उनका मोबाइल स्विच ऑफ है. इसलिए पुलिस उनकी तलाश कर रही है.
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