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हिसार: RTI के तहत सूचना न देने पर तहसीलदार व राज्य सूचना अधिकारी पर लगा जुर्माना

हिसार आरटीआई के तहत सूचना उपलब्ध न कराने पर हिसार तहसीलदार और राज्य सूचना अधिकारी आयोग पर जुर्माना लगाया गया है. दोनों अधिकारियों पर 12500-12500 का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना राशि दोनों अधिकारियों की फरवरी माह के वेतन से काटी जाएगी.

RTI news hisar
तहसीलदार व राज्य सचूना अधिकारी पर जुर्माना
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Published : Jan 16, 2021, 11:42 AM IST

हिसार :आरटीआई के तहत सूचना उपलब्ध न कराने पर हिसार तहसीलदार और राज्य सूचना अधिकारी आयोग पर जुर्माना लगाया गया है. दोनों अधिकारियों पर 12500-12500 का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना राशि दोनों अधिकारियों की फरवरी माह के वेतन से काटी जाएगी.

एसडीओ सिविल को इसकी अनुपालना रिपोर्ट 25 मार्च तक आयोग के समक्ष जमा करानी होगी. बता दें कि शिकारपुर निवासी रवि लांबा ने 10 दिसंबर 2019 को राज्य सूचना अधिकारी एवं तहसीलदार से आरटीआई के तहत ग्राम पंचायत शिकारपुर के संबंध में जानकारी मांगी थी.

लेकिन दोनों अधिकारी ने इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई. जिससे शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत सूचना आयुक्त के पास की सूचना आयुक्त ने तत्कालीन तहसीलदार धर्मपाल और तत्कालीन राज्य सूचना अधिकारी रामेश्वर दास को नोटिस जारी किया लेकिन इस नोटिस का जवाब देने में भी दोनों अधिकारी ने देरी की. जिसके बाद सूचना आयुक्त ने दोनों पर जुर्माना लगाया.

ये भी पढ़े :टोहाना में वकील की पत्नी हत्या मामला, पुलिस के हाथ लगा संदिग्ध का CCTV फुटेज

क्या है पूरा मामला?

शिकायतकर्ता रवि ने बताया कि शिकारपुर में मोगा नंबर 10500 की निशानदेही के लिए बीडीपीओ ने तहसीलदार को 16 जुलाई 2019 को लिखित में पत्र भेजा था. इस पर तहसीलदार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसकी एवज में उन्होंने 10 दिसंबर 2019 को आरटीआई से जानकारी मांगी थी.

उन्होंने बताया कि तहसीलदार और राज्य सूचना अधिकारी द्वारा 17 जून 2020 को निशानदेही करवाई की गई थी .पर तब तक सूचना आयुक्त के पास इसकी पहले से ही शिकायत की जा चुकी थी. उसके बाद भी दोनों अधिकारियों ने सूचना आयुक्त के समक्ष पेश होने या कोई जवाब देने में देरी की जिसके तहत आरटीआई ने दोनों अधिकारियों के ऊपर 12500 का जुर्माना लगा दिया.

हिसार :आरटीआई के तहत सूचना उपलब्ध न कराने पर हिसार तहसीलदार और राज्य सूचना अधिकारी आयोग पर जुर्माना लगाया गया है. दोनों अधिकारियों पर 12500-12500 का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना राशि दोनों अधिकारियों की फरवरी माह के वेतन से काटी जाएगी.

एसडीओ सिविल को इसकी अनुपालना रिपोर्ट 25 मार्च तक आयोग के समक्ष जमा करानी होगी. बता दें कि शिकारपुर निवासी रवि लांबा ने 10 दिसंबर 2019 को राज्य सूचना अधिकारी एवं तहसीलदार से आरटीआई के तहत ग्राम पंचायत शिकारपुर के संबंध में जानकारी मांगी थी.

लेकिन दोनों अधिकारी ने इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई. जिससे शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत सूचना आयुक्त के पास की सूचना आयुक्त ने तत्कालीन तहसीलदार धर्मपाल और तत्कालीन राज्य सूचना अधिकारी रामेश्वर दास को नोटिस जारी किया लेकिन इस नोटिस का जवाब देने में भी दोनों अधिकारी ने देरी की. जिसके बाद सूचना आयुक्त ने दोनों पर जुर्माना लगाया.

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क्या है पूरा मामला?

शिकायतकर्ता रवि ने बताया कि शिकारपुर में मोगा नंबर 10500 की निशानदेही के लिए बीडीपीओ ने तहसीलदार को 16 जुलाई 2019 को लिखित में पत्र भेजा था. इस पर तहसीलदार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसकी एवज में उन्होंने 10 दिसंबर 2019 को आरटीआई से जानकारी मांगी थी.

उन्होंने बताया कि तहसीलदार और राज्य सूचना अधिकारी द्वारा 17 जून 2020 को निशानदेही करवाई की गई थी .पर तब तक सूचना आयुक्त के पास इसकी पहले से ही शिकायत की जा चुकी थी. उसके बाद भी दोनों अधिकारियों ने सूचना आयुक्त के समक्ष पेश होने या कोई जवाब देने में देरी की जिसके तहत आरटीआई ने दोनों अधिकारियों के ऊपर 12500 का जुर्माना लगा दिया.

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