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बंपर फसल बनी किसानों के गले की 'फांस', बेचने के लिए घंटों करना पड़ता है इंतजार

किसानों की फसल खरीद को लेकर किए गए सरकार के तमाम दावे धराशाही होते नजर आ रहे हैं. लोकसभा चुनाव में जहां सरकार किसानों को राहत देने और उनकी आय को दोगुना करने की बात कर रही है, वहीं प्रदेश में अपनी फसलों की खरीदी को लेकर किसान परेशान हैं.

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Published : Apr 9, 2019, 8:43 AM IST

कतारों में लगे किसान

हिसारः हरियाणा में अपनी फसलों की ऑनलाइन बिक्री किसानों के गले की फांस बनी हुई है. किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए लंबी-लंबी कतारों में घंटों इंतजार करना पड़ता है. आदमपुर और हिसार की मंडी के लिए केवल एक ही लॉगइन आईडी और पासवर्ड है. जो एक समय में केवल एक ही मंडी से संचालित किया जा सकता है.

सरकारी बेवसाइट हुई फेल?
प्रदेश सरकार अब तक 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' के तहत रजिस्ट्रेशन न करवाए गए किसानों में से केवल मात्र 18 फार्म अपलोड कर पाई है. इसके लिए एक तो महज 5 दिन का समय दिया गया है, वहीं वेबसाइट का ना चलना और कर्मचारियों की कमी सरकार के तमाम दावों की पोल खोलती नजर आ रही है.

क्यों परेशान है प्रदेश का किसान?

कागजों में उलझे रह जाते है किसान!
किसानों का आरोप है कि पटवारी और मार्केट कमेटी के अधिकारी उन्हें बार-बार चक्कर लगवा रहे हैं. जिसके चलते सुबह से शाम तक वो ऑनलाइन करवाने के लिए कागजों में ही उलझ कर रह जाते हैं.

हिसारः हरियाणा में अपनी फसलों की ऑनलाइन बिक्री किसानों के गले की फांस बनी हुई है. किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए लंबी-लंबी कतारों में घंटों इंतजार करना पड़ता है. आदमपुर और हिसार की मंडी के लिए केवल एक ही लॉगइन आईडी और पासवर्ड है. जो एक समय में केवल एक ही मंडी से संचालित किया जा सकता है.

सरकारी बेवसाइट हुई फेल?
प्रदेश सरकार अब तक 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' के तहत रजिस्ट्रेशन न करवाए गए किसानों में से केवल मात्र 18 फार्म अपलोड कर पाई है. इसके लिए एक तो महज 5 दिन का समय दिया गया है, वहीं वेबसाइट का ना चलना और कर्मचारियों की कमी सरकार के तमाम दावों की पोल खोलती नजर आ रही है.

क्यों परेशान है प्रदेश का किसान?

कागजों में उलझे रह जाते है किसान!
किसानों का आरोप है कि पटवारी और मार्केट कमेटी के अधिकारी उन्हें बार-बार चक्कर लगवा रहे हैं. जिसके चलते सुबह से शाम तक वो ऑनलाइन करवाने के लिए कागजों में ही उलझ कर रह जाते हैं.

Intro:हरियाणा सरकार की तरफ से किसानों की फसल खरीद को लेकर किए जा रहे तमाम दावे धराशाही होते नजर आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव में जहां सरकार किसानों को राहत देने और उनकी आय को दोगुना करने की बात कर रही है वहीं ऑनलाइन बिक्री किसानों के गले की फांस बनी हुई है। किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए लंबी-लंबी लाइन में लगकर भूखे प्यासे घंटों इंतजार करना पड़ता है।

बावजूद इसके डिजिटल इंडिया की बात करने वाली सरकार प्रत्येक मंडी को फार्म अपलोड करने के लिए वेबसाइट में अलग से पासवर्ड और लॉगइन आईडी तक मुहैया नहीं करवा पाई। आदमपुर और हिसार की मंडी के लिए केवल एक ही लॉगइन आईडी और पासवर्ड है जो एक समय में केवल एक ही मंडी से संचालित किया जा सकता है।

किसानों की फसल का दाना दाना खरीदने वाली सरकार केवल अब तक मेरी फसल मेरा ब्योरा के तहत रजिस्ट्रेशन न करवाए गए किसानों में से केवल मात्र 18 फार्म अपलोड कर पाई है। इसके लिए एक तो महज 5 दिन का समय दिया गया है। वहीं वेबसाइट का ना चलना और कर्मचारियों की कमी सरकार के तमाम दावों की पोल खोलती नजर आ रही है।




Body:ऐसे समय में किसान करे तो क्या करें जहां एक तरफ मौसम करवट ले रहा है, किसान अपने खेतों में पड़ी फसल को संभाले या फिर दरबदर अधिकारियों के चक्कर लगाकर अपनी कड़ी मेहनत से उगाई गई फसल का उचित दाम पाए।

वीओ --- किसानों का कहना है कि ऑनलाइन फॉर्म जमा कराने के लिए उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ता है और लंबी लाइनों में लगना पड़ता है। किसानों का कहना है कि अगर 25 क्विंटल से ऊपर सरसों है तो उसकी भी खरीद नहीं हो रही। किसानों का आरोप है कि पटवारी और मार्केट कमेटी के अधिकारी उन्हें बार-बार चक्कर लगवा रहे हैं और सुबह से शाम तक वह ऑनलाइन करवाने के लिए कागजों में ही उलझ कर रह जाते हैं।

बाइट - किसान।

वीओ --- हिसार मार्केट कमिटी के सह सचिव मनदीप राणा का कहना है कि हिसार और आदमपुर की वेबसाइट का आईडी और पासवर्ड एक होने की वजह से देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि आदमपुर और हिसार की ऑनलाइन वेबसाइट में से एक ही आईडी चल पाती है जिसके कारण फार्म अपलोड कम हो रही है।

बाइट --- मनदीप राणा, सह सचिव, हिसार मार्केट कमिटी।



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