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फिर से पक्का मोर्चा लगाकर धरना देंगे किसान, प्रशासन पर लगाया अनदेखी का आरोप

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Published : Feb 16, 2022, 1:21 PM IST

हिसार में किसान संगठनों की बैठक (farmers meeting in hisar) हुई. बैठक में कुलदीप राणा के मामले पर किसानों ने सरकार और प्रदर्शन पर अनदेखी का आरोप लगाया है.

farmers organizations meeting in hisar
farmers organizations meeting in hisar

हिसार: किसान आंदोलन के समय नारनौंद में किसानों ने बीजेपी सांसद रामचंद्र जांगड़ा का विरोध (ramchandra jangra protest in narnaund) किया था. इस दौरान पुलिस की कार्रवाई में किसान कुलदीप राणा घायल हो गए थे. अब ये मामला दोबारा से तूल पकड़ रहा है. इस मामले को लेकर हिसार में किसान संगठनों की बैठक हुई. जिसमें किसानों ने सरकार और प्रदर्शन पर अनदेखी का आरोप लगाया है.

किसान नेता रणबीर सिंह मलिक ने कहा कि प्रशासन ने समझौते में कुलदीप राणा के इलाज का सारा खर्चा उठाने और उसके एक बच्चे को डीसी रेट की नौकरी देने की बात पर सहमति दी थी. लेकिन अभी तक कुलदीप राणा को प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है. कुलदीप राणा के दो ऑपरेशन हो चुके हैं और तीसरा अभी होना है. अभी तक प्रशासन की तरफ से अस्पताल में कोई खर्च नहीं पहुंचा है. इसी को लेकर किसानों ने बैठक (farmers meeting in hisar) की.

किसानों ने कहा कि इस मामले को लेकर हमने डीसी से मुलाकात की थी. तब किसानों को कहा गया था कि किसी टेक्निकल गलती की वजह से ऐसा नहीं हुआ. जल्द ही कुलदीप को मदद मिल जाएगी, लेकिन अभी तक कुलदीप को कोई मदद नहीं मिली है. लिहाजा किसानों ने प्रशासन को 17 तारीख तक अल्टीमेटम दिया. अगर 17 फरवरी तक किसानों को लिखित में इलाज और नौकरी का आश्वासन नहीं मिलता. तो किसान कुलदीप राणा के परिवार के साथ लघु सचिवालय में पक्का मोर्चा लगाकर धरने पर बैठ जाएंगे.

जब ये घटनाक्रम हुआ था तब भी किसान संगठनों ने हांसी लघु सचिवालय के सामने पक्का मोर्चा लगा दिया था. जिसके बाद प्रशासन और किसानों के बीच कुलदीप राणा का इलाज करवाने और उसके 1 बच्चे को डीसी रेट की नौकरी देने की बात पर सुलह हुई थी. गौरतलब है कि नारनौंद में 5 नवंबर को किसानों ने बीजेपी राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा का विरोध किया था. इस दौरान किसानों पर आरोप लगा कि उन्होंने सांसद की गाड़ी का शीशा तोड़ दिया.

ये भी पढ़ें- अरविंद शर्मा ने लगाई विदेशों में फंसे हरियाणा के छात्रों की वतन वापसी की गुहार, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री से की मुलाकात

बेकाबू होते प्रदर्शन को दबाने के लिए पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज भी किया. इस सारे मसले के दौरान किसान कुलदीप राणा की तबीयत अचानक बिगड़ गई और किसानों ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया है. जिसकी वजह से इसके सिर की नस फट गई. इसी से खफा होकर किसानों ने लघु सचिवालय का घेराव कर धरना शुरू कर दिया. संयुक्त मोर्चा की दखलंदाजी के बाद ये मामला हांसी पुलिस के लिए गले की फांस बन गया था.

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हिसार: किसान आंदोलन के समय नारनौंद में किसानों ने बीजेपी सांसद रामचंद्र जांगड़ा का विरोध (ramchandra jangra protest in narnaund) किया था. इस दौरान पुलिस की कार्रवाई में किसान कुलदीप राणा घायल हो गए थे. अब ये मामला दोबारा से तूल पकड़ रहा है. इस मामले को लेकर हिसार में किसान संगठनों की बैठक हुई. जिसमें किसानों ने सरकार और प्रदर्शन पर अनदेखी का आरोप लगाया है.

किसान नेता रणबीर सिंह मलिक ने कहा कि प्रशासन ने समझौते में कुलदीप राणा के इलाज का सारा खर्चा उठाने और उसके एक बच्चे को डीसी रेट की नौकरी देने की बात पर सहमति दी थी. लेकिन अभी तक कुलदीप राणा को प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है. कुलदीप राणा के दो ऑपरेशन हो चुके हैं और तीसरा अभी होना है. अभी तक प्रशासन की तरफ से अस्पताल में कोई खर्च नहीं पहुंचा है. इसी को लेकर किसानों ने बैठक (farmers meeting in hisar) की.

किसानों ने कहा कि इस मामले को लेकर हमने डीसी से मुलाकात की थी. तब किसानों को कहा गया था कि किसी टेक्निकल गलती की वजह से ऐसा नहीं हुआ. जल्द ही कुलदीप को मदद मिल जाएगी, लेकिन अभी तक कुलदीप को कोई मदद नहीं मिली है. लिहाजा किसानों ने प्रशासन को 17 तारीख तक अल्टीमेटम दिया. अगर 17 फरवरी तक किसानों को लिखित में इलाज और नौकरी का आश्वासन नहीं मिलता. तो किसान कुलदीप राणा के परिवार के साथ लघु सचिवालय में पक्का मोर्चा लगाकर धरने पर बैठ जाएंगे.

जब ये घटनाक्रम हुआ था तब भी किसान संगठनों ने हांसी लघु सचिवालय के सामने पक्का मोर्चा लगा दिया था. जिसके बाद प्रशासन और किसानों के बीच कुलदीप राणा का इलाज करवाने और उसके 1 बच्चे को डीसी रेट की नौकरी देने की बात पर सुलह हुई थी. गौरतलब है कि नारनौंद में 5 नवंबर को किसानों ने बीजेपी राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा का विरोध किया था. इस दौरान किसानों पर आरोप लगा कि उन्होंने सांसद की गाड़ी का शीशा तोड़ दिया.

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बेकाबू होते प्रदर्शन को दबाने के लिए पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज भी किया. इस सारे मसले के दौरान किसान कुलदीप राणा की तबीयत अचानक बिगड़ गई और किसानों ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया है. जिसकी वजह से इसके सिर की नस फट गई. इसी से खफा होकर किसानों ने लघु सचिवालय का घेराव कर धरना शुरू कर दिया. संयुक्त मोर्चा की दखलंदाजी के बाद ये मामला हांसी पुलिस के लिए गले की फांस बन गया था.

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