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पूरे देश में मशहूर है हरियाणा के इस गांव की गाजर, खेत में ही बिक जाती है यहां के किसानों की फसल

हरियाणा के हिसार के गांव बहबलपुर की गाजर (Carrot of Behbalpur village) पूरे देश में प्रसिद्ध है. पारंपरिक खेती को छोड़कर पूरा गांव गाजर की खेती (Carrot farming Haryana) करता है. गाजर की खेती ने पूरे गांव की तस्वीर ही बदल दी है. पढ़ें पूरी खबर...

Carrot farming in hisar
Carrot farming in hisar
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Published : Dec 1, 2021, 10:48 PM IST

हिसार: प्रदेश के गांव बहबलपुर की गाजर (Carrot of Behbalpur village) पूरे देश में प्रसिद्ध है. इसकी प्रसिद्धि का पता इस बात से ही चलता है कि जब ये फसल बोई जाती है तब ही इसकी बिक्री हो जाती है. गांव के लोगों को अपनी गाजर बेचने के लिए कहीं बाहर जाने की भी जरूरत नहीं है. खुद व्यापारी फसल खरीदने उनके गांव में पहुंचते हैं. जहां किसान अपनी मंडी लगाता है और अपनी गाजर की बोली खुद करता है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए किसान राजेंद्र ने बताया कि इस गांव में करीब 20 साल पहले जींद के इक्कस गांव से एक किसान आकर बसा था. उसने यहां आकर गाजर की खेती (Carrot farming Haryana) शुरू की और उसे बहुत अच्छा मुनाफा हुआ. जिसके बाद उसे देखकर गांव के अन्य लोगों ने भी गाजर की खेती करनी शुरू कर दी. फलस्वरूप पारंपरिक खेती से हटकर गाजर की खेती में पूरा गांव अच्छा खासा मुनाफा कमा रहा है.

पूरे देश में मशहूर है हरियाणा के इस गांव की गाजर, खेत में ही बिक जाती है यहां के किसानों की फसल

ये भी पढ़ें- सरसों किसानों के लिए एडवाइजरी: ऐसे बिजाई कर पा सकते हैं शानदार फसल

वहीं किसान दिनेश कुमार ने बताया कि गाजर की खेती करने के लिए गांव के किसान खुद बीज तैयार करते हैं और खुद ही लगाते हैं. यहां के किसान गाजर की फसल के साथ गाजर का बीज बेच कर भी अच्छा पैसा कमाते हैं. फसल तैयार करने के बाद किसानों को शहर में या फिर मंडी जाने की जरूरत नहीं पड़ती. यहां की गाजर इतनी मशहूर है कि राजस्थान, पंजाब, दिल्ली, चंडीगढ़ और गंगानगर तक की मंडियों से व्यापारी खुद यहां खरीदने पहुंचते हैं. किसान ने बताया कि यहां की गाजर खाने में बेहद मीठी और गाढ़े लाल रंग की होती है.

किसान ईश्वर सिंह ने बताया कि मैं 25 साल से गाजर की खेती कर रहा हूं. गाजर की खेती से किसानों को बहुत फायदा है. यह मात्र 3 महीने की फसल है और फसल के पैसे भी नगद ही मिलते हैं. इस सीजन में अगर परंपरागत फसलों की बात की जाए तो कपास के मुकाबले इसमें बेहद अधिक मुनाफा है और बीमारी लगने का खतरा बेहद कम है. किसान ने बताया कि लगभग 1 एकड़ में मिनिमम 100 क्विंटल गाजर होती है और मैक्सिमम 200 क्विंटल तक पहुंच जाती है. एक किसान को 1 से 2 लाख रुपए तक प्रति एकड़ मुनाफा होता है.

Carrot farming in hisar
गांव में गाजर की मंडी लगाते किसान

ये भी पढ़ें- मशरूम की खेती से हरियाणा के किसान ने खड़ी की लाखों की कंपनी, बाकी किसानों की भी कर रहा मदद

आज लोग खेती को घाटे का सौदा बताते हैं वहीं हिसार के गांव बहबलपुर के किसानों ने परंपरागत खेती से हटकर गाजर की खेती को अपनाया. जिसकी बदौलत आज कम समय में अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं. वैसे देश के अन्य किसान भी परंपरागत खेती से हटकर कुछ नया करने की चाह के साथ अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

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हिसार: प्रदेश के गांव बहबलपुर की गाजर (Carrot of Behbalpur village) पूरे देश में प्रसिद्ध है. इसकी प्रसिद्धि का पता इस बात से ही चलता है कि जब ये फसल बोई जाती है तब ही इसकी बिक्री हो जाती है. गांव के लोगों को अपनी गाजर बेचने के लिए कहीं बाहर जाने की भी जरूरत नहीं है. खुद व्यापारी फसल खरीदने उनके गांव में पहुंचते हैं. जहां किसान अपनी मंडी लगाता है और अपनी गाजर की बोली खुद करता है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए किसान राजेंद्र ने बताया कि इस गांव में करीब 20 साल पहले जींद के इक्कस गांव से एक किसान आकर बसा था. उसने यहां आकर गाजर की खेती (Carrot farming Haryana) शुरू की और उसे बहुत अच्छा मुनाफा हुआ. जिसके बाद उसे देखकर गांव के अन्य लोगों ने भी गाजर की खेती करनी शुरू कर दी. फलस्वरूप पारंपरिक खेती से हटकर गाजर की खेती में पूरा गांव अच्छा खासा मुनाफा कमा रहा है.

पूरे देश में मशहूर है हरियाणा के इस गांव की गाजर, खेत में ही बिक जाती है यहां के किसानों की फसल

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वहीं किसान दिनेश कुमार ने बताया कि गाजर की खेती करने के लिए गांव के किसान खुद बीज तैयार करते हैं और खुद ही लगाते हैं. यहां के किसान गाजर की फसल के साथ गाजर का बीज बेच कर भी अच्छा पैसा कमाते हैं. फसल तैयार करने के बाद किसानों को शहर में या फिर मंडी जाने की जरूरत नहीं पड़ती. यहां की गाजर इतनी मशहूर है कि राजस्थान, पंजाब, दिल्ली, चंडीगढ़ और गंगानगर तक की मंडियों से व्यापारी खुद यहां खरीदने पहुंचते हैं. किसान ने बताया कि यहां की गाजर खाने में बेहद मीठी और गाढ़े लाल रंग की होती है.

किसान ईश्वर सिंह ने बताया कि मैं 25 साल से गाजर की खेती कर रहा हूं. गाजर की खेती से किसानों को बहुत फायदा है. यह मात्र 3 महीने की फसल है और फसल के पैसे भी नगद ही मिलते हैं. इस सीजन में अगर परंपरागत फसलों की बात की जाए तो कपास के मुकाबले इसमें बेहद अधिक मुनाफा है और बीमारी लगने का खतरा बेहद कम है. किसान ने बताया कि लगभग 1 एकड़ में मिनिमम 100 क्विंटल गाजर होती है और मैक्सिमम 200 क्विंटल तक पहुंच जाती है. एक किसान को 1 से 2 लाख रुपए तक प्रति एकड़ मुनाफा होता है.

Carrot farming in hisar
गांव में गाजर की मंडी लगाते किसान

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आज लोग खेती को घाटे का सौदा बताते हैं वहीं हिसार के गांव बहबलपुर के किसानों ने परंपरागत खेती से हटकर गाजर की खेती को अपनाया. जिसकी बदौलत आज कम समय में अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं. वैसे देश के अन्य किसान भी परंपरागत खेती से हटकर कुछ नया करने की चाह के साथ अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

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