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यूरिया खाद की कमी से किसानों की फसल हो रही खराब, आधार कार्ड लेकर लाइनों में भटक रहे किसान - haryana Latest news

हरियाणा में यूरिया खाद का संकट अब खत्म नहीं हो (Urea Fertilizer Shortage In Haryana) पाया. हालत यह है किसानों की फसल खराब होने की कगार पर पहुंच गई है. ऐसे में खेतों में जाकर हमने किसानों के उनकी परेशानी को लेकर बातचीत की.

Urea Fertilizer Shortage In Haryana
यूरिया ना मिलने से फसलें खराब हो रही है.
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Published : Feb 5, 2022, 7:31 PM IST

Updated : Feb 5, 2022, 9:28 PM IST

हिसार: प्रदेश में यूरिया खाद किसानों के लिए बड़ा संकट बन गया (Urea Fertilizer Shortage In Haryana) है. यूरिया खाद की कमी होने से किसानों की फसलें खराब होने की कगार पर पहुंच रही हैं. हिसार में यूरिया खाद की किल्लत के चलते किसानों ने सरकार से पर्याप्त मात्रा में खाद की सप्लाई करने की गुहार लगाई है. किसानों का कहना है कि जब तक हमें पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिलेगा तब तक उनकी फसलों की पैदावार सही नहीं हो पाएगी.

गौरतलब है कि बारिश के बाद गेहूं की फसल में यूरिया खाद की जरूरत पड़ती है. ऐसे में यूरिया खाद की किल्लत के चलते किसानों की खाद की जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है. किसानों ने बताया कि पिछले लंबे समय से हर जगह पर यूरिया खाद की परेशानी बनी हुई है. गेहूं की बिजाई के समय किसानों को डीएपी खाद के लिए भटकना पड़ा. अब फिर यूरिया के लिए मारा मारी है. अपने आधार कार्ड लेकर हम कई बार लाइनों में लगते हैं. दर-दर धक्के खा चुके हैं लेकिन खाद ही नहीं मिल रही है. हमारी फसल पीली पड़ रही है तुंरत खाद की जरूरत है लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है.

यूरिया खाद की कमी से किसानों की फसल हो रही खराब, आधार कार्ड लेकर लाइनों में भटक रहे किसान

ये भी पढ़ें-प्रदेश में 36 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा यूरिया है मौजूद- जेपी दलाल

किसानों ने बताया कि अगर समय पर खाद नहीं मिला तो प्रति एकड़ करीब बीस हजार रुपये का नुकसान है. औसत एक एकड़ में करीब 20 से 24 क्विंटल गेंहू की पैदावार होती हैं. अब खाद नहीं दिया तो यह सिर्फ 12 से 16 क्विंटल पर रह जाएगी. हमारी मांग है कि खाद की कमी से अगर किसी किसान की फसल मैं नुकसान होता है तो सरकार को किसानों को मुआवजा देना चाहिए.

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हिसार: प्रदेश में यूरिया खाद किसानों के लिए बड़ा संकट बन गया (Urea Fertilizer Shortage In Haryana) है. यूरिया खाद की कमी होने से किसानों की फसलें खराब होने की कगार पर पहुंच रही हैं. हिसार में यूरिया खाद की किल्लत के चलते किसानों ने सरकार से पर्याप्त मात्रा में खाद की सप्लाई करने की गुहार लगाई है. किसानों का कहना है कि जब तक हमें पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिलेगा तब तक उनकी फसलों की पैदावार सही नहीं हो पाएगी.

गौरतलब है कि बारिश के बाद गेहूं की फसल में यूरिया खाद की जरूरत पड़ती है. ऐसे में यूरिया खाद की किल्लत के चलते किसानों की खाद की जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है. किसानों ने बताया कि पिछले लंबे समय से हर जगह पर यूरिया खाद की परेशानी बनी हुई है. गेहूं की बिजाई के समय किसानों को डीएपी खाद के लिए भटकना पड़ा. अब फिर यूरिया के लिए मारा मारी है. अपने आधार कार्ड लेकर हम कई बार लाइनों में लगते हैं. दर-दर धक्के खा चुके हैं लेकिन खाद ही नहीं मिल रही है. हमारी फसल पीली पड़ रही है तुंरत खाद की जरूरत है लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है.

यूरिया खाद की कमी से किसानों की फसल हो रही खराब, आधार कार्ड लेकर लाइनों में भटक रहे किसान

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किसानों ने बताया कि अगर समय पर खाद नहीं मिला तो प्रति एकड़ करीब बीस हजार रुपये का नुकसान है. औसत एक एकड़ में करीब 20 से 24 क्विंटल गेंहू की पैदावार होती हैं. अब खाद नहीं दिया तो यह सिर्फ 12 से 16 क्विंटल पर रह जाएगी. हमारी मांग है कि खाद की कमी से अगर किसी किसान की फसल मैं नुकसान होता है तो सरकार को किसानों को मुआवजा देना चाहिए.

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Last Updated : Feb 5, 2022, 9:28 PM IST
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