हिसार: किसानों के आंदोलन में किसानों की जान जाने का सिलसिला लगातार जारी है. धरने पर जहां किसानों की बीमार होने से मौत हो रही है तो वहीं किसान आत्महत्या भी कर रहे हैं. कुछ दिन पहले भी जींद में, टिकरी बॉर्डर पर, गोहाना में भी किसानों ने आंदोलन के समर्थन में अपनी जान दी थी.
वहीं अब हिसार जिले के गांव सिसाय वासी 47 वर्षीय किसान राजबीर कालीरामन ने देर रात किसानों की मांगें ना माने जाने से दुखी होकर टिकरी बॉर्डर धरने पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. किसान ने 248 नंबर बिजली का पोल कसार बाईपास के नजदीक फांसी लगाई है.
किसान ने जान देने से पहले सुसाइड नोट भी लिखा है. किसान ने सुसाइड नोट में तीनों कानून रद्द करने की मांग की. किसान ने लिखा कि सरकार से मेरी हाथ जोड़कर विनती है. मरने वाले की आखिरी इच्छा को पूरा किया जाता है. तो मेरी आखिरी इच्छा ये है कि सरकार ये कृषि कानून वापस ले और किसानों को खुशी-खुशी अपने घर वापस जाने दे.
![farmer committed suicide rohtak](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10904919_new.jpg)
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किसान ने आगे लिखा कि मोदी जी किसान में घणा दम है. खाद्द, दवाई, डीजल ने किसान को अंदर से खत्म किया है. बिना एमएसपी की गारंटी लिए और कानून वापस करवाए बिना किसान घर ना जाएं. मेरा बलिदान व्यर्थ ना जाए. चाहे मेरी लाश सड़क पर रख देना पर कानून वापस करवाकर ही घर लौटना.
किसान ने सुसाइड नोट में कांग्रेस राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू का भी जिक्र किया है. उन्होंने लिखा कि भाई दीपेंद्र हुड्डा और बलराज कुंडू किसानों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. इनका में बड़ा फैन हूं. किसान की मौत की सूचना पुलिस को दे दी गई है.
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