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फैमिली आईडी में 8 साल के बच्चे की सालाना इनकम दिखाई गई 4 लाख, नहीं हो रही सुनवाई

हिसार के आदमपुर क्षेत्र में जनता की सुविधा के लिए बनाया गया फैमिली आईडी कार्ड मजदूर परिवार के लिए परेशानी का सबब बन (Family ID fraud in Hisar) गई. मजदूर धर्म सिंह ने बताया कि उनके परिवार की इनकम 8 लाख रुपये सालाना दिखाई गई है जबकि वह मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करता है. पढ़ें पूरी खबर

Family ID fraud in Hisar
फैमिली आईडी में 8 साल के बच्चे की सालाना इनकम दिखाई गई 4 लाख
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Published : Jun 28, 2022, 2:08 PM IST

Updated : Jun 28, 2022, 4:03 PM IST

हिसार: आदमपुर क्षेत्र में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां जनता की सुविधा के लिए बनाई गई फैमिली आईडी ही एक मजदूर परिवार के लिए आफत बन (Family ID fraud in Hisar) गई. मजदूर धर्म सिंह के परिवार की इनकम 8 लाख रुपये सालाना दिखाई गई है जबकि वह मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करता है. इतना ही नहीं फैमिली आईडी में पीड़ित के 8 साल के बच्चे की चार लाख की इनकम दिखाई गई है जबकि पीड़ित का बेटा अभी कक्षा चार में ही पढ़ रहा है.

फैमिली आईडी में इतनी ज्यादा इनकम दर्शाए जाने के कारण अब धर्म सिंह के परिवार को किसी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इतना ही नहीं सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले उसके बेटे आशीष को पढ़ाई के लिए मिलने वाली छात्रवृत्ति भी बंद हो गई (Family ID income fraud) है. सरकारी कागजों में इतनी बड़ी गलती से धर्म सिंह का पूरा परिवार परेशान है. इस गलती को ठीक करवाने के लिए यह परिवार दफ्तरों के चक्कर काट काट कर थक चुका है.

धर्म सिंह ने बताया कि उसने कई बार अधिकारियों को इसकी शिकायत की लेकिन कोई असर नहीं हुआ. इससे पहले फैमिली आईडी में उसकी इनकम 5 लाख दिखाई गई थी जिसको लेकर उसने सीएम विंडो में शिकायत की तो उसे ठीक करने के बजाय 8 लाख कर दिया गया. धर्म सिंह ने कहा कि छोटे से लेकर हर बड़े अधिकारियों तक कई बार गुहार लगा चुका हूं, लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा है. दो बार सीएम विंडो में भी शिकायत कर चुका हूं और अब प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को शिकायत लिखकर पोस्ट की है.

धर्म सिंह ने बताया कि कर्मचारियों की इस गलती की वजह से मेरे पूरे परिवार को परेशानी हो रही है नहीं तो मैं किसी सरकारी योजना का लाभ ले पा रहा हूं और मेरे 8 साल के बच्चे आशीष जो भी सरकारी स्कूल में चौथी कक्षा में पढ़ता है उसको मिलने वाली छात्रवृत्ति भी बंद हो गई है. मैं मजदूरी करके अपने बच्चे और परिवार का पालन पोषण करता हूँ. दफ्तरों के चक्कर काट काट कर परेशान हो चुका हूं.

गौरतलब है कि फैमिली आईडी में इनकम जो अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा दर्शाई गई है वही उस परिवार की डिक्लेयर्ड सालाना इनकम होती है. उसी के आधार पर सभी सरकारी योजनाओं का लाभ उस परिवार को मिलता (fraud in Hisar) है. इस गलती को क्लेरिकल मिस्टेक कहकर अधिकारियों द्वारा टाल दिया जाता है। लेकिन इस गलती को सुधारने की बजाय लोगों को कार्यालयों के चक्कर कटवाए जाते हैं जो इससे भी बड़ी परेशानी हैं. इसके अलावा फैमिली आईडी मे कई तरह की गड़बड़ियां सामने आई. सॉफ्टवेयर और तकनीकी गलती की वजह से कई लोगों के कार्ड में गलत आंकड़े दर्शाए गए. इसको लेकर हर महीने 100 से ज्यादा शिकायतें संबंधित विभाग को ठीक करने के लिए (Hisar latest news) मिल रही हैं.

हिसार: आदमपुर क्षेत्र में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां जनता की सुविधा के लिए बनाई गई फैमिली आईडी ही एक मजदूर परिवार के लिए आफत बन (Family ID fraud in Hisar) गई. मजदूर धर्म सिंह के परिवार की इनकम 8 लाख रुपये सालाना दिखाई गई है जबकि वह मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करता है. इतना ही नहीं फैमिली आईडी में पीड़ित के 8 साल के बच्चे की चार लाख की इनकम दिखाई गई है जबकि पीड़ित का बेटा अभी कक्षा चार में ही पढ़ रहा है.

फैमिली आईडी में इतनी ज्यादा इनकम दर्शाए जाने के कारण अब धर्म सिंह के परिवार को किसी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इतना ही नहीं सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले उसके बेटे आशीष को पढ़ाई के लिए मिलने वाली छात्रवृत्ति भी बंद हो गई (Family ID income fraud) है. सरकारी कागजों में इतनी बड़ी गलती से धर्म सिंह का पूरा परिवार परेशान है. इस गलती को ठीक करवाने के लिए यह परिवार दफ्तरों के चक्कर काट काट कर थक चुका है.

धर्म सिंह ने बताया कि उसने कई बार अधिकारियों को इसकी शिकायत की लेकिन कोई असर नहीं हुआ. इससे पहले फैमिली आईडी में उसकी इनकम 5 लाख दिखाई गई थी जिसको लेकर उसने सीएम विंडो में शिकायत की तो उसे ठीक करने के बजाय 8 लाख कर दिया गया. धर्म सिंह ने कहा कि छोटे से लेकर हर बड़े अधिकारियों तक कई बार गुहार लगा चुका हूं, लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा है. दो बार सीएम विंडो में भी शिकायत कर चुका हूं और अब प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को शिकायत लिखकर पोस्ट की है.

धर्म सिंह ने बताया कि कर्मचारियों की इस गलती की वजह से मेरे पूरे परिवार को परेशानी हो रही है नहीं तो मैं किसी सरकारी योजना का लाभ ले पा रहा हूं और मेरे 8 साल के बच्चे आशीष जो भी सरकारी स्कूल में चौथी कक्षा में पढ़ता है उसको मिलने वाली छात्रवृत्ति भी बंद हो गई है. मैं मजदूरी करके अपने बच्चे और परिवार का पालन पोषण करता हूँ. दफ्तरों के चक्कर काट काट कर परेशान हो चुका हूं.

गौरतलब है कि फैमिली आईडी में इनकम जो अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा दर्शाई गई है वही उस परिवार की डिक्लेयर्ड सालाना इनकम होती है. उसी के आधार पर सभी सरकारी योजनाओं का लाभ उस परिवार को मिलता (fraud in Hisar) है. इस गलती को क्लेरिकल मिस्टेक कहकर अधिकारियों द्वारा टाल दिया जाता है। लेकिन इस गलती को सुधारने की बजाय लोगों को कार्यालयों के चक्कर कटवाए जाते हैं जो इससे भी बड़ी परेशानी हैं. इसके अलावा फैमिली आईडी मे कई तरह की गड़बड़ियां सामने आई. सॉफ्टवेयर और तकनीकी गलती की वजह से कई लोगों के कार्ड में गलत आंकड़े दर्शाए गए. इसको लेकर हर महीने 100 से ज्यादा शिकायतें संबंधित विभाग को ठीक करने के लिए (Hisar latest news) मिल रही हैं.

Last Updated : Jun 28, 2022, 4:03 PM IST
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