हिसार: शुक्रवार को हरियाणा सरकार अपना बजट पेश करेगी. बजट में इस बार किसानों के लिए क्या कुछ खास कदम सरकार को उठाने चाहिए इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने एक्सपर्ट्स से बातचीत कर उनकी राय जानी.
एक्सपर्ट आशानंद सिंगला ने बताया डीजल के दाम में इजाफा होने से किसानों पर काफी प्रभाव पड़ा है. सिंचाई का खर्चा बहुत बढ़ गया है. ट्रैक्टर आदि में भी डीजल का खर्च बहुत बढ़ गया है, अगर सरकार डीजल पर लगाए गए टैक्स को लेकर कोई बदलाव करेगी तो जाहिर तौर पर कृषि क्षेत्र पर प्रभाव पड़ेगा. साथ ही कृषि में उपयोग होने वाली अन्य चीजों के दाम पर भी प्रभाव पड़ेगा.
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कृषि एक्सपर्ट भरत जैन ने कहा कि 3 कृषि कानूनों को लेकर कृषि क्षेत्र में बहुत ज्यादा हलचल है. बजट के दौरान इस पर जरूर चर्चा करनी चाहिए. साथ ही आधुनिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए बजट में प्रावधान होना चाहिए, ताकि नई-नई तकनीकों को किसानों तक पहुंचाया जा सके और वो अधिक से अधिक पैदावार ले सकें, जिससे उनकी इनकम बढ़े.
कृषि को लेकर लगातार कार्य कर रहे कृषि एक्सपर्ट वकील रघुवीर सिंह का कहना है कि सरकार को इस बार किसानों के लिए एमएसपी का रूट प्लान क्लियर करना चाहिए, क्योंकि पिछली बार भी धान पर एमएसपी की बात कह कर बरगलाते रहे. सरकार ने कहा था कि धान का दाना दाना खरीदा जाएगा, लेकिन सरकार ने इसे आढ़तियों और बनियों पर डाल दिया. बाद में कई-कई दिनों तक धान नहीं बिकी तो मजबूरी में किसानों को कम दाम में धान बेचनी पड़ी थी.
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रघुवीर सिंह ने कहा कि सरकार को दवाइयों, पेस्टिसाइड व खाद पर सब्सिडी बढ़ाकर उन्हें सस्ता दामों में किसानों को उपलब्ध करवाना चाहिए, ताकि किसानों का खर्च बेहद कम हो और आमदनी बढ़ाई जा सके. सरकार को किसानों की आर्थिक सहायता के लिए किसानों को ब्याज मुक्त ऋण देने या फिर कम ब्याज पर किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने का प्रावधान भी बजट में लाएं, ताकि किसान उस पैसे के जरिए अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें और आधुनिक खेती करने के लिए नए-नए साधन और औजार खरीद सकें.