हिसार: परिवार पहचान पत्र यानी फैमिली आईडी कार्ड भले ही सरकार इसे सुविधा बता रही है, लेकिन आमजन के लिए यह एक मुसीबत बन गई है. परिवार पहचान पत्र में इनकम में गड़बड़ी ने आमजन को परेशान कर दिया है. लघु सचिवालय में आम जनता का फैमिली आईडी कार्ड में इनकम वेरिफिकेशन के लिए भारी जमावड़ा लग गया. वहीं, दो बच्चे ऐसे पाए गए जिनमें एक चार साल के बच्चे की इनकम ढाई लाख तो दूसरे बच्चे की इनकम 10 हजार रुपये दिखाई गई. वहीं एक मजदूर की इनकम 8 लाख दिखाई गई.
लघु सचिवालय हिसार में गुरुवार को फैमिली पहचान पत्र में करेक्शन कराने के लिए लोग 8 बजे ही पहुंच गए. लेकिन एक कर्मचारी 11:30 बजे तो दूसरा कर्मचारी 1 बजे आया. लोग सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक लाइन में ही खड़े घंटों इंतजार करते रहे. लोगों के पास बीपीएल कार्ड कैंसिल होने के मैसेज फोन पर आए तो वे एडीसी आफिस में उनकी भीड़ लग गई.
बताया जा रहा है कि हिसार के बाड़ो ब्राह्मण गांव के रमेश की इनकम 8 लाख तक दिखाई गई है. आलम यह है कि वह मजदूर होते हुए तमाम सुविधाओं से वंचित हो गया. हिसार के ही एक 4 साल के बच्चे की इनकम ढाई लाख तो दूसरे बच्चे की 10 हजार इनकम दिखाई गई है. एक विधवा की इनकम 1 लाख 60 हजार दिखाई गई है, जिसकी वजह से राशन डिपो ने राशन देने से भी इनकार कर दिया. वहीं, गांव की ही एक महिला मीना ने बताया कि उसके घर खाने के लिए दाना भी नहीं है, लेकिन उसकी इनकम 5 हजार दिखाई गई है और उसे जमीन का मालिक दर्शाया हुआ है.
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आदमपुर मंडी से आए नेत्रहीन दीपक ने बताया कि वो 100% कलर ब्लाइंड है. उसे दिखाई भी नहीं देता. 2 हजार रुपये गाड़ी का किराया देकर आए थे, लेकिन सुबह से खड़े रहे बावजूद इसके उनका नंबर नहीं आया. एक बुजुर्ग ने बताया कि वह दिव्यांग है, लेकिन इनकम ज्यादा दिखाने की वजह से उनकी दिव्यांग पेंशन नहीं मिल पाएगी. कर्मचारियों का कहना है कि कई दिनों से ऐसी दिक्कतें आ रही हैं. बता दें कि सरकार के निर्देशानुसार कुछ दिन पहले करेक्शन से संबंधित कैंप भी लगाए गए थे, लेकिन उनमें इनकम की करेक्शन नहीं की गई थी. अब जब लोग सरकारी सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं, तो इसे ठीक करवाने के लिए 20 दिन पहले एडीसी दफ्तर पहुंचे और अब लघु सचिवालय पहुंच रहे हैं.