हिसार: कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश को लॉकडाउन किया गया था. जिसका असर सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूरों पर पड़ा था. ऐसे में प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए हरियाणा सरकार की ओर से कई शेल्टर होम बनाए गए थे, जहां प्रवासी मजदूरों को रखा गया था. ऐसा ही एक शेल्टर होम उकलाना प्रशासन की ओर से अग्रवाल धर्मशाला में भी बनाया गया था, लेकिन उसका 38 हजार रुपये बिजली का बिल प्रशासन ने अभी तक अदा नहीं किया है.
अग्रवाल सेवा सदन के प्रधान महिपाल ने बताया कि उकलाना प्रशासन ने अग्रवाल सेवा सदन को शेल्टर होम बनाया था. यहां कई दिनों तक प्रवासी मजदूरों को रखा गया. शेल्टर होम बनाए जाने के बाद धर्मशाला का बिजली का बिल 38 हजार रुपये आया, लेकिन प्रशासन ने इसे नहीं भरा है.
महिपाल ने कहा कि इस दौरान मजदूरों की सेहत का पूरा ध्यान रखा गया. बार-बार शेल्टर होम को सैनिटाइज किया गया. साथ ही कई कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन प्रशासन की ओर से किसी भी तरह का भुगतान नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि अग्रवाल सेवा सदन की कोई इनकम नहीं है. इसमें ना किसी तरह की दुकानें हैं, जो किराये पर दी जा सकें. ऐसे में 38 हजार का बिल भरना धर्मशाला के लिए संभव नहीं है.
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जब इस बारे में नगरपालिका के सचिव संदीप गर्ग से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी उन्हें मिली है. वो उच्च अधिकारियों से बातचीत करके इस मामले को निपटाने की कोशिश करेंगे.