हिसार: हर समय लोगों की सहायता को तैयार रहने वाली हरियाणा पुलिस की डायल 112 की टीम फिर एक महिला की जान (Dial 112 saved woman life in Hisar) बचाई है. टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए चुन्नी से फांसी लगा रही महिला की जान बचाई. इससे पहले भी रेलवे ट्रैक पर एक युवती, जहर पीने वाले युवक की जान ये टीम बचा चुकी है. पुलिस प्रवक्ता ने बताया की ईआरवी गाड़ी नंबर 0323 को संदेश प्राप्त हुआ कि गांव तलवाड़ी राणा में अपने घर में एक महिला फांसी लगा रही है.
सूचना पर गाड़ी इंचार्ज एएसआई दिनेश, सिपाही प्रदीप व एसपीओ रंजीत द्वारा तुरंत कार्रवाई करते हुए मात्र नौ मिनट में मौके पर पहुंचे. वहां पहुंच कर देखा कि एक महिला कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर छत पर लगे पंखे के हुक से चुनरी बांध कर फांसी लगा रही है. पुलिस टीम दरवाजा तोड़ कर कमरे में पहुंची और महिला को फांसी के फंदे से नीचे उतार महिला से बातचीत कर उसको समझाया. पुलिस टीम ने गांव के मोजिज लोगों की मौजूदगी में महिला को परिजनों के सुपुर्द किया. ग्रामीणों ने पुलिस द्वारा इतनी जल्दी महिला के पास पहुंच कर उसकी जान बचाने के लिए धन्यवाद करते हुए डायल 112 प्रोजेक्ट की प्रशंसा की. मिली जानकारी के अनुसार महिला ने पारिवारिक विवाद के चलते ऐसा कदम उठाया था.
कैसे काम करता है डायल 112- डायल 112 हरियाणा में एक एकीकृत आपातकालीन नंबर है. पूरे हरियाणा में किसी भी समय और कहीं भी संकटग्रस्त लोगों को आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकार ने ये सिस्टम बनाया है. यह चौबीसों घंटे एमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (ERS) पंचकूला में स्थापित किया गया है. जो राज्य एमरजेंसी रिस्पांस सेंटर (SERC) से काम करता है. लगातार चार दिन बिजली आपूर्ति न होने पर भी ये अत्याधुनिक सेंटर काम कर सकता है. SERC को जिला स्तर पर पुलिस कंट्रोल रूम और सभी नजदीकी आपातकालीन रिस्पांस वाहनों से डिजिटल रूप से जोड़ा गया है.
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डायल 112 शुरू होने से लोगों को कई नंबर याद रखने की जरूरत नहीं पड़ती. ERS एक डायल 112 के माध्यम से इमरजेंसी सेवाएं प्रदान करने के लिए पुलिस (100), फायर (101) और एंबुलेंस (108) हेल्पलाइन नंबरों को एक साथ जोड़ देता है. इस परियोजना को केंद्रीय गृहमंत्रालय के निर्देश पर लागू किया गया है. आधुनिक तकनीकों से लैस यह एमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल (ERV) जीपीएस के आधार पर काम करती है. जो भी जरूरतमंद मदद के लिए 112 नंबर पर कॉल करता है तो वहां से उसकी लोकेशन ट्रेस कर सबसे नजदीकी गाड़ी को तुरंत सूचना दी जाती है. सूचना के बाद तुरंत गाड़ी घटनास्थल पर रवाना हो जाती है. कई बार पुलिस महज 5-10 मिटन में पहुंचकर पीड़ित की जान बचा चुकी है.