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चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय का अंतरराष्ट्रीय कंपनी से समझौता, किसानों तक पहुंचायेंगे आधुनिक कृषि तकनीक - modern techniques in agriculture

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (chaudhary charan singh university) ने फसलों की उन्नत किस्में विकसित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कंपनी धानुका एग्रीटेक लिमिटेड से समझौता कर लिया है. जिसके तहत विश्वविद्यालय और कंपनी कृषि की आधुनिक तकनीक (modern techniques in agriculture) को किसानों तक पहुंचायेंगे.

agreement with international company
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने किया अंतर्राष्ट्रीय कंपनी से समझौता
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Published : Nov 18, 2021, 6:03 PM IST

Updated : Nov 18, 2021, 7:38 PM IST

हिसार: किसानों के लिए विभिन्न फसलों की उन्नत किस्में विकसित करने व उन्हें अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने के लिए चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय (chaudhary charan singh university) हमेशा प्रयासरत है. जिसके चलते विश्वविद्यालय ने किसानों के हित में अब एक और बड़ा कदम उठाया है. विश्वविद्यालय ने कृषि में आधुनिक तकनीक को किसानों तक पहुंचाने व उनके प्रयोग के लिए अंतरराष्ट्रीय कंपनी धानुका एग्रीटेक लिमिटेड के साथ समझौता किया है.

समझौते के तहत कंपनी के विशेषज्ञ, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय( haryana agriculture university) के वैज्ञानिक व विद्यार्थी मिलकर किसानों को भारतीय कृषि भूमि में नवीनतम तकनीकों (modern techniques in agriculture) के प्रयोग की जानकारी देंगे. बता दें कि धानुका एग्रीटेक लिमिटेड भारत की अग्रणी कृषि-रसायन कंपनी है जो फोर्ब्स पत्रिका द्वारा एशिया प्रशांत में एक अरब कंपनियों के तहत 200 सर्वश्रेष्ठ कंपनियों की श्रेणी में सूचीबद्ध है.

इन क्षेत्रों में मिलेगा सहयोग: एचएयू के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. कंबोज ने बताया कि कंपनी व विश्वविद्यालय संयुक्त रूप से वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों व किसानों को कृषि की व्यावसायिक व उन्नत तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण देंगे और इस दौरान आने वाले खर्च में कंपनी आर्थिक सहायता करेगी. इसके अलावा विस्तार गतिविधियों के लिए किसान आधारित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. जिसमें विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक व कंपनी के विशेषज्ञ शामिल होंगे. इससे किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों के प्रयोग से फसलों के उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी.

इसके अलावा कंपनी, विश्वविद्यालय के द्वारा आयोजित किए जाने वाले सेमिनार, सम्मेलनों में हिस्सा लेगी और सहयोग करेगी. साथ ही विश्वविद्यालय के छह विद्यार्थियों को मेरिट आधार पर छात्रवृति प्रदान करेगी. जिसमें तीन स्नातकोत्तर व तीन पीएचडी के विद्यार्थी शामिल होंगे. इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज की उपस्थिति में विश्वविद्यालय की ओर से अनुसंधान निदेशक डॉ. एस.के. सहरावत, मानव संसाधन निदेशालय के निदेशक डॉ. एम.एस. सिद्धपुरिया व कंपनी की ओर से डॉ. अजीत सिंह तोमर, उपाध्यक्ष (अनुसंधान एवं विकास), डॉ. डी.वी. सिंह ने हस्ताक्षर किए. इस अवसर पर ओएसडी एवं स्नातकोत्तर अधिष्ठाता डॉ. अतुल ढींगड़ा, सहायक निदेशक, आईपीआर सेल डॉ. विनोद कुमार व डॉ. जयंती टोकस भी मौजूद रहे.

ये भी पढ़ें- Fatehabad News: पराली से भरे ट्रक में लगी आग, देखते-देखते बन गया आग का गोला

गौरतलब है कि धानुका के आर एंड डी डिवीजन में विश्व स्तरीय एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाएं हैं और अमेरिका, जापान और यूरोप की दुनिया की सात प्रमुख कृषि-रासायनिक कंपनियों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग है. ये सभी भारतीय कृषि भूमि में नवीनतम तकनीक प्रयोग करने में मदद करता है. धानुका कंपनी को वर्ष 2018 में फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा कंपनी ऑफ द ईयर (एग्रो केमिकल कैटेगरी) से सम्मानित किया गया है.

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हिसार: किसानों के लिए विभिन्न फसलों की उन्नत किस्में विकसित करने व उन्हें अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने के लिए चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय (chaudhary charan singh university) हमेशा प्रयासरत है. जिसके चलते विश्वविद्यालय ने किसानों के हित में अब एक और बड़ा कदम उठाया है. विश्वविद्यालय ने कृषि में आधुनिक तकनीक को किसानों तक पहुंचाने व उनके प्रयोग के लिए अंतरराष्ट्रीय कंपनी धानुका एग्रीटेक लिमिटेड के साथ समझौता किया है.

समझौते के तहत कंपनी के विशेषज्ञ, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय( haryana agriculture university) के वैज्ञानिक व विद्यार्थी मिलकर किसानों को भारतीय कृषि भूमि में नवीनतम तकनीकों (modern techniques in agriculture) के प्रयोग की जानकारी देंगे. बता दें कि धानुका एग्रीटेक लिमिटेड भारत की अग्रणी कृषि-रसायन कंपनी है जो फोर्ब्स पत्रिका द्वारा एशिया प्रशांत में एक अरब कंपनियों के तहत 200 सर्वश्रेष्ठ कंपनियों की श्रेणी में सूचीबद्ध है.

इन क्षेत्रों में मिलेगा सहयोग: एचएयू के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. कंबोज ने बताया कि कंपनी व विश्वविद्यालय संयुक्त रूप से वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों व किसानों को कृषि की व्यावसायिक व उन्नत तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण देंगे और इस दौरान आने वाले खर्च में कंपनी आर्थिक सहायता करेगी. इसके अलावा विस्तार गतिविधियों के लिए किसान आधारित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. जिसमें विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक व कंपनी के विशेषज्ञ शामिल होंगे. इससे किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों के प्रयोग से फसलों के उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी.

इसके अलावा कंपनी, विश्वविद्यालय के द्वारा आयोजित किए जाने वाले सेमिनार, सम्मेलनों में हिस्सा लेगी और सहयोग करेगी. साथ ही विश्वविद्यालय के छह विद्यार्थियों को मेरिट आधार पर छात्रवृति प्रदान करेगी. जिसमें तीन स्नातकोत्तर व तीन पीएचडी के विद्यार्थी शामिल होंगे. इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज की उपस्थिति में विश्वविद्यालय की ओर से अनुसंधान निदेशक डॉ. एस.के. सहरावत, मानव संसाधन निदेशालय के निदेशक डॉ. एम.एस. सिद्धपुरिया व कंपनी की ओर से डॉ. अजीत सिंह तोमर, उपाध्यक्ष (अनुसंधान एवं विकास), डॉ. डी.वी. सिंह ने हस्ताक्षर किए. इस अवसर पर ओएसडी एवं स्नातकोत्तर अधिष्ठाता डॉ. अतुल ढींगड़ा, सहायक निदेशक, आईपीआर सेल डॉ. विनोद कुमार व डॉ. जयंती टोकस भी मौजूद रहे.

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गौरतलब है कि धानुका के आर एंड डी डिवीजन में विश्व स्तरीय एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाएं हैं और अमेरिका, जापान और यूरोप की दुनिया की सात प्रमुख कृषि-रासायनिक कंपनियों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग है. ये सभी भारतीय कृषि भूमि में नवीनतम तकनीक प्रयोग करने में मदद करता है. धानुका कंपनी को वर्ष 2018 में फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा कंपनी ऑफ द ईयर (एग्रो केमिकल कैटेगरी) से सम्मानित किया गया है.

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Last Updated : Nov 18, 2021, 7:38 PM IST
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