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चाइल्ड पोर्नोग्राफी केस में CBI ने हिसार समेत हरियाणा के 4 जिलों में की छापेमारी

सीबीआई ने इंटरनेट पर बाल यौन उत्पीड़न सामग्री के प्रसार (Child Pornography CBI raid) के मामले में 14 राज्यों में छापेमारी की है. इस दौरान हरियाणा के भी 4 जिलों में सीबीआई द्वारा छापेमारी (haryana CBI raid) की गई है.

Child Pornography CBI raid
Child Pornography CBI raid
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Published : Nov 16, 2021, 10:45 PM IST

हिसार: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार को इंटरनेट पर बाल यौन उत्पीड़न सामग्री के प्रसार में कथित तौर पर शामिल, 14 राज्यों के 83 लोगों से संबंधित 76 ठिकानों पर छापेमारी (Child Pornography CBI raid) शुरू की है. अधिकारियों ने बताया कि केन्द्रीय एजेंसी ने ऑनलाइन बाल यौन शोषण एवं उत्पीड़न में कथित रूप से शामिल 83 लोगों के खिलाफ 14 नवंबर को 23 अलग-अलग मामले दर्ज किए थे. सीबीआई के प्रवक्ता आरसी जोशी ने बताया कि आंध्र प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार, ओडिशा, तमिलनाडु, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में छापेमारी कर तलाशी ली जा रही है.

इस दौरान हरियाणा के भी 4 जिलों में सीबीआई द्वारा छापेमारी (haryana CBI raid) की गई है. बच्चों के अश्लील वीडियो बनाने और उन्हें शेयर करने के मामले को लेकर सीबीआई ने हरियाणा के यमुनानगर, पानीपत, सिरसा व हिसार में छापा मारा. सीबीआई ने सर्च के दौरान भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, मोबाइल, लैपटॉप आदि जब्त किए हैं. सीबीआई ने हिसार की डिफेंस कॉलोनी और बालसमंद क्षेत्र के दो गांवों बांडाहेड़ी और सरसाना में छापेमारी की है.

ये भी पढ़ें- बाल यौन उत्पीड़न सामग्री मामला : CBI की 14 राज्यों में छापेमारी

सीबीआई टीम तीन गाड़ियों में हिसार जिले में छापा मारने पहुंची. टीम ने छानबीन के बाद कंप्यूटर और लैपटॉप जब्त किए. इसके अलावा एक युवक को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया. क्षेत्र में इंटरनेट पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी के सबूत सीबीआई को मिले थे. यहां के आईपी लिंक से बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री अपलोड की गई थी. जांच एजेंसी इनके बारे में जानकारी जुटा रही है. आईपी एड्रेस के संचालनकर्ताओं को सीबीआई ने तलब किया है. वहीं सिरसा और फतेहाबाद जिलों में भी कई जगहों पर सीबीआई की जांच चल रही है.

सीबीआई जांच में ये बात भी सामने आई है कि चाइल्ड सेक्सुअल एक्सप्लॉयटेशन मैटेरियल (CSEM) की ट्रेडिंग में बहुत से व्यक्तिगत लोग शामिल हैं. जांच में सामने आया है कि 50 से ज्यादा ग्रुप और हजारों अपराधी चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूस मैटेरियल शेयर करने में संलिप्त हैं. इन ग्रुपों में से अधिकतर में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं. पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने भी इंटरनेट के जरिए तेजी से फैल रहे चाइल्ड पोर्नोग्राफी के कारोबार पर चिंता जताई थी.

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हिसार: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार को इंटरनेट पर बाल यौन उत्पीड़न सामग्री के प्रसार में कथित तौर पर शामिल, 14 राज्यों के 83 लोगों से संबंधित 76 ठिकानों पर छापेमारी (Child Pornography CBI raid) शुरू की है. अधिकारियों ने बताया कि केन्द्रीय एजेंसी ने ऑनलाइन बाल यौन शोषण एवं उत्पीड़न में कथित रूप से शामिल 83 लोगों के खिलाफ 14 नवंबर को 23 अलग-अलग मामले दर्ज किए थे. सीबीआई के प्रवक्ता आरसी जोशी ने बताया कि आंध्र प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार, ओडिशा, तमिलनाडु, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में छापेमारी कर तलाशी ली जा रही है.

इस दौरान हरियाणा के भी 4 जिलों में सीबीआई द्वारा छापेमारी (haryana CBI raid) की गई है. बच्चों के अश्लील वीडियो बनाने और उन्हें शेयर करने के मामले को लेकर सीबीआई ने हरियाणा के यमुनानगर, पानीपत, सिरसा व हिसार में छापा मारा. सीबीआई ने सर्च के दौरान भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, मोबाइल, लैपटॉप आदि जब्त किए हैं. सीबीआई ने हिसार की डिफेंस कॉलोनी और बालसमंद क्षेत्र के दो गांवों बांडाहेड़ी और सरसाना में छापेमारी की है.

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सीबीआई टीम तीन गाड़ियों में हिसार जिले में छापा मारने पहुंची. टीम ने छानबीन के बाद कंप्यूटर और लैपटॉप जब्त किए. इसके अलावा एक युवक को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया. क्षेत्र में इंटरनेट पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी के सबूत सीबीआई को मिले थे. यहां के आईपी लिंक से बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री अपलोड की गई थी. जांच एजेंसी इनके बारे में जानकारी जुटा रही है. आईपी एड्रेस के संचालनकर्ताओं को सीबीआई ने तलब किया है. वहीं सिरसा और फतेहाबाद जिलों में भी कई जगहों पर सीबीआई की जांच चल रही है.

सीबीआई जांच में ये बात भी सामने आई है कि चाइल्ड सेक्सुअल एक्सप्लॉयटेशन मैटेरियल (CSEM) की ट्रेडिंग में बहुत से व्यक्तिगत लोग शामिल हैं. जांच में सामने आया है कि 50 से ज्यादा ग्रुप और हजारों अपराधी चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूस मैटेरियल शेयर करने में संलिप्त हैं. इन ग्रुपों में से अधिकतर में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं. पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने भी इंटरनेट के जरिए तेजी से फैल रहे चाइल्ड पोर्नोग्राफी के कारोबार पर चिंता जताई थी.

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