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हिसार: बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मनाया श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती - hisar Birth anniversary Shyama Mukherjee

अखिल भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जन्म दिवस पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर विधायक डॉ. कमल गुप्ता विशेष रूप से उपस्थित रहे.

BJP workers celebrat Birth anniversary of Shyama Prasad Mukherjee in hisar
BJP workers celebrat Birth anniversary of Shyama Prasad Mukherjee in hisar
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Published : Jul 6, 2020, 7:42 PM IST

हिसार: अखिल भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जन्म दिवस पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर विधायक डॉ. कमल गुप्ता विशेष रूप से उपस्थित रहे.

विधायक डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी प्रखर राष्ट्रवादी, महान चिंतक, शिक्षाविद् और राजनीतिज्ञ थे. अपने सार्वजनिक जीवन में वो अपनी अंतरात्मा की आवाज को एवं अपनी अंदरूनी प्रतिबद्धता को व्यक्त करने में कभी भी नहीं डरते थे. उन्होंने जम्म-कश्मीर में दो संविधान, दो प्रधान और दो निशान को लेकर तीव्र विरोध करते हुए अपने जीवन का बलिदान दे दिया.

उन्होंने बताया कि उनकी मौत आज भी रहस्यमयी बनी हुई है. विधायक ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि तो उसी दिन मिल गई, जिस दिन जम्मू-कश्मीर से धारा 370 व धारा 35 ए हमेशा के लिए भारत की सरकार ने हटा दी थी.

ये भी पढ़ें- रोहतक में फूटा कोरोना बम, सामने आए 101 नए मरीज

बता दें कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 में एक बंगाली परिवार में हुआ था. उन्होंने बंगाल में ही अपनी शुरुआती पढ़ाई की. कुछ वक्त बाद ही उनका कांग्रेस से मोहभंग हो गया और 1940 के आसपास में हिन्दू महासभा का हिस्सा बन गए. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी को अपनी कैबिनेट में मंत्री बनाया था.

हिसार: अखिल भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जन्म दिवस पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर विधायक डॉ. कमल गुप्ता विशेष रूप से उपस्थित रहे.

विधायक डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी प्रखर राष्ट्रवादी, महान चिंतक, शिक्षाविद् और राजनीतिज्ञ थे. अपने सार्वजनिक जीवन में वो अपनी अंतरात्मा की आवाज को एवं अपनी अंदरूनी प्रतिबद्धता को व्यक्त करने में कभी भी नहीं डरते थे. उन्होंने जम्म-कश्मीर में दो संविधान, दो प्रधान और दो निशान को लेकर तीव्र विरोध करते हुए अपने जीवन का बलिदान दे दिया.

उन्होंने बताया कि उनकी मौत आज भी रहस्यमयी बनी हुई है. विधायक ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि तो उसी दिन मिल गई, जिस दिन जम्मू-कश्मीर से धारा 370 व धारा 35 ए हमेशा के लिए भारत की सरकार ने हटा दी थी.

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बता दें कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 में एक बंगाली परिवार में हुआ था. उन्होंने बंगाल में ही अपनी शुरुआती पढ़ाई की. कुछ वक्त बाद ही उनका कांग्रेस से मोहभंग हो गया और 1940 के आसपास में हिन्दू महासभा का हिस्सा बन गए. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी को अपनी कैबिनेट में मंत्री बनाया था.

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