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हिसार: आशा वर्करों ने की 50 लाख रुपये का बीमा करवाने की मांग - आशा वर्कर सरकारी कर्मचारी दर्जा

बढ़ते कोरोना संक्रमण के दौर में भी आशा वर्कर बिना सुरक्षा किट और बिना उपकरण के जान जोखिम में डालकर अपीन ड्यूटी कर रही हैं. आशा वर्करों ने सरकार से मांग करते हुए कहा है कि चिकित्सकों की तर्ज पर हमारा भी 50 लाख रुपये का बीमा करवाया जाए.

Asha workers demand insurance of Rs 50 lakh in Hisar
हिसार:आशा वर्करों ने की 50 लाख रुपये का बीमा करवाने की मांग
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Published : May 22, 2021, 9:01 AM IST

हिसार: जिले स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों पर घर-घर सर्वे में लगी आशा वर्कर कोरोना काल में जान हथेली पर रखकर ड्यूटी कर रही हैं. आशा वर्कर का कहना है कि सरकार एवं विभाग को चाहिए कि सर्वे कार्य में लगी आशा वर्करों को पूरे उपकरण उपलब्ध करवाए जाएं. जिससे वे बिना किसी डर के डोर टू डोर सर्वे कर सकें.

आशा वर्करों ने सरकार से मांग करते हुए कहा है कि इसके अलावा प्रदेश सरकार एवं विभाग को चाहिए कि आशा वर्करों को कोरोना योद्धा मानकर उनका चिकित्सकों की तर्ज पर 50 लाख रुपये का बीमा करवाया जाए. किसी आशा वर्कर की कोरोना से मौत होने पर उसके एक आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाए. आशा वर्करों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए.

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आशा वर्कर यूनियन की जिला अध्यक्ष सीमा देवी ने आशा वर्करों की समस्याओं को लेकर बताया कि आशा वर्करों की हालत इन दिनों बिना हथियार के सिपाही जैसी है. पूरे उपकरण और सुरक्षा किट ना होने के कारण उन्हें खुद को संक्रमित होने का भय लगा रहता है. इस बारे में विभाग को अनेक बार अवगत करवाया गया लेकिन मांग पर ध्यान नहीं दिया गया.

ये भी पढ़ें: पंचकूला में कोरोना और 5G रेडिएशन को लेकर अफवाह फैलाने पर होगी सख्त कार्यवाई

सीमा देवी ने कहा कि पिछले वर्ष महामारी के समय से ही आशा वर्कर कोविड-19 ड्यूटी कर रही हैं. अनेक आशा वर्कर संक्रमित हुईं और कुछ की मौत भी हुई. लेकिन सरकार एवं विभाग की तरफ से कोई आर्थिक सहायता नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि यदि कोई आशा वर्कर संक्रमित हो जाए तो उसके इलाज के पैसे भी विभाग नहीं दे रहा.

हिसार: जिले स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों पर घर-घर सर्वे में लगी आशा वर्कर कोरोना काल में जान हथेली पर रखकर ड्यूटी कर रही हैं. आशा वर्कर का कहना है कि सरकार एवं विभाग को चाहिए कि सर्वे कार्य में लगी आशा वर्करों को पूरे उपकरण उपलब्ध करवाए जाएं. जिससे वे बिना किसी डर के डोर टू डोर सर्वे कर सकें.

आशा वर्करों ने सरकार से मांग करते हुए कहा है कि इसके अलावा प्रदेश सरकार एवं विभाग को चाहिए कि आशा वर्करों को कोरोना योद्धा मानकर उनका चिकित्सकों की तर्ज पर 50 लाख रुपये का बीमा करवाया जाए. किसी आशा वर्कर की कोरोना से मौत होने पर उसके एक आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाए. आशा वर्करों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए.

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आशा वर्कर यूनियन की जिला अध्यक्ष सीमा देवी ने आशा वर्करों की समस्याओं को लेकर बताया कि आशा वर्करों की हालत इन दिनों बिना हथियार के सिपाही जैसी है. पूरे उपकरण और सुरक्षा किट ना होने के कारण उन्हें खुद को संक्रमित होने का भय लगा रहता है. इस बारे में विभाग को अनेक बार अवगत करवाया गया लेकिन मांग पर ध्यान नहीं दिया गया.

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सीमा देवी ने कहा कि पिछले वर्ष महामारी के समय से ही आशा वर्कर कोविड-19 ड्यूटी कर रही हैं. अनेक आशा वर्कर संक्रमित हुईं और कुछ की मौत भी हुई. लेकिन सरकार एवं विभाग की तरफ से कोई आर्थिक सहायता नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि यदि कोई आशा वर्कर संक्रमित हो जाए तो उसके इलाज के पैसे भी विभाग नहीं दे रहा.

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