हिसार: पिछले एक महीने में अकेले हिसार जिले में लगभग 529 गायों की मौत ठंड लगने से या अलग-अलग कारणों से हो गई. इस बात की जानकारी पशुपालन विभाग के प्रधान सचिव ने नगर निगम के माध्यम से दी है. बताया गया है कि 11 दिसंबर से 11 जनवरी के बीच जिले के गोअभ्यारण में 529 गोवंश की मौत हो गई.
यही नहीं गोअभ्यारण में मरे सभी पशुओं का पोस्टमार्टम भी नहीं किया गया. सिर्फ कुछ ही पशुओं का पोस्टमार्टम किया गया है. ऐसे में हिसार के लोग इस पूरे प्रकरण पर सवाल खड़ा कर रहे हैं कि आखिर बिना पोस्टमार्टम के गायों का अंतिम संस्कार क्यों किया गया.
दरअसल लोगों का आरोप था कि गायों की मौत पर प्रशासन चुप्पी साधे हुए है. जिसके बाद अब प्रशासन ने ये पूरी जानकारी दी है. उधर मामले को तूल पकड़ते ही कई गोसेवक भी सामने आ गए हैं. जिन्होंने नगर निगम प्रशासन के विरोध में प्रदर्शन किया है. यहां तक की मेयर गौतम सरदाना का पुतला भी जलाया गया है. इस मामले में संस्थाओं की मांग है कि निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए.
रिपोर्ट में क्या है ?
- गो अभ्यारण में गो शिफ्टिंग की तारीख: 8 अगस्त 2019
- शेड की संख्या और चारे व पानी की व्यवस्था : गो अभ्यारण में 5 शेड
- नगर निगम में रखे गए कर्मचारियों की संख्या
- कुल बेसहारा गोवंश: 1393
- मुंह, खुर व गलघोंटू टीकाकरण किए गए पशुओं की संख्या
- कुल बेसहारा गोवंश की मौत - 529 (11-12-2019 से 11-01-2020)
- पोस्टमार्टम किए गए पशुओं की संख्या व मृत्यु का कारण: सभी का नहीं हुआ पोस्टमार्टम
रिपोर्ट में गायों की मौत की वजह भी बताई गई
- टीबी: कई पशुओं में टीबी की बीमारी मिली. जिसके कारण सांस लेने में कठिनाई, शुष्क चमड़ी, कार्यक्षमता में कमी आदी की दिक्कत.
- लीवर कमजोर हुआः पॉलिथीन खाने व समय पर भोजन न मिलने के कारण गायों का लीवर कमजोर हो गया.
- पॉलिथीन और लोहा खाना- जांच में कई पशुओं के पेट में 18 से 20 किलोग्राम पॉलिथीन मिला. जिसमें कांच की चूड़ियां, ठंडे की बोतल के ढक्कन, कपड़ा, बोरी का टुकड़ा, बैग व प्लास्टिक की रस्सी शामिल थी.
- वेटनरी डॉक्टर्स का कहना है कि ये जब पेट में हो और पशु को भरपेट भोजन मिले तो पशु जुगाली शुरु कर देता है. जिससे भोजन की रोटेशन होती है. जिससे पेट के अंदर का हिस्सा ब्लॉक हो जाता है. गैस निकल नहीं पाती और यह रोटेशन पशु की मौत का कारण बनती है.
- मैनजमेंट में कमी- अफसरों की मानें तो प्रबंधन में कुछ कमी जरूर रही लेकिन वे कमियां क्या रहीं इस बारे में अभी कोई स्थिति स्पष्ट नहीं कर रहे हैं.
ये भी पढ़िए: वाहनों की रफ्तार थामने के लिए चंडीगढ़ पुलिस का प्लान, सड़कों पर लगाए गए स्पीड रडार डिस्प्ले