गुरुग्राम: भारत के हर नागरिक के पास अपना आशियाना हो. इस मकसद से केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (prime minister housing scheme) के नाम से स्कीम चलाई. इस योजना के तहत लोगों को अफोर्डेबल हाउसिंग के तहत आशियाना मिलता है. गुरुग्राम में भी हजारों लोगों ने प्रधानमंत्री की इस योजना पर भरोसा कर अपनी जीवन पूंजी माहिरा होम्स प्रोजेक्ट (mahira homes project gurugram) में लगा दी. तकरीबन 25 लाख रुपये देने के बावजूद भी लोगों को उनका आशियाना नहीं मिला.
खबर है कि गुरुग्राम के टाउन एंड कंट्री विभाग (town and country planning department gurugram) ने माहिरा होम्स के बिल्डर के लाइसेंस को रद्द कर दिया है. जिसको लेकर खरीददार कभी टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. दरअसल डीटीपी विभाग ने बिल्डर का लाइसेंस रद्द कर दिया है. इसके अलावा हरेरा चेयरमैन के आदेशों के बाद बिल्डर के तमाम अकाउंट को भी सीज कर, बिल्डर को ब्लैक लिस्ट कर दिया. इस बीच जिन लोगों ने इस प्रोजेक्ट में अपनी जमा पूंजी लगा दी. अब उनका क्या होगा?
इस सवाल के जवाब के लिए खरीददारों ने हरियाणा सरकार, HRERA (haryana real estate regulatory authority) और उन अधिकारियों से मांग की है. जिन्होंने माहिरा होम्स को लाइसेंस दिया था. लोगों का ये भी कहना है कि बिल्डर लगातार उन्हें ब्लैकमेल कर रहा है और उनसे बार बार किस्त की मांग कर रहा है. दरअसल माहिरा होम्स प्रोजेक्ट में कांग्रेस नेता और समालखा से विधायक धर्म सिंह छोकर का बेटा डायरेक्टर है. शायद यही वजह है कि राजनीति में दबदबा होने के कारण से अभी तक बिल्डर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
बता दें कि माहिरा होम्स के गुरुग्राम में चार प्रोजेक्ट चल रहे हैं. जिसमें सबसे पहले गुरुग्राम सेक्टर 68 वाले प्रोजेक्ट का लाइसेंस रद्द किया गया था. सेक्टर 68 में इस प्रोजेक्ट को साल 2017 में शुरू किया गया था. इमें 10 एकड़ भूमि पर कुल 1480 फ्लैट्स बनाए जाने थे, लेकिन माहिरा होम्स सोसाइटी का लाइसेंस टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने रद्द कर दिया. अब सेक्टर 103 के प्रोजेक्ट के लाइसेंस को रद्द कर दिया गया है. जिससे खरीदारों में रोष है और वो दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. बिल्डर का लाइसेंस क्यों रद्द किया गया है. इसकी सही वजह अभी सामने नहीं आई है.