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तमाम मुहिम-कार्यकर्मों के बावजूद नहीं रुक रहा स्वाइन फ्लू, टूटा 5 साल का रिकॉर्ड

जिले में लगातार बढ़ते स्वाइन फ्लू के मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल के रख दी है. स्वाइन फ्लू ने पिछले 5 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए शहर भर में अपना प्रकोप बनाया हुआ है. गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग एक तरफ स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लाख दावे करता है, तो दूसरी तरफ स्वाइन फ्लू लगातार अपने पैर पसार रहा है.

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Published : Feb 16, 2019, 9:25 PM IST

गुरुग्राम: जिले में लगातार बढ़ते स्वाइन फ्लू के मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल के रख दी है. स्वाइन फ्लू ने पिछले 5 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए शहर भर में अपना प्रकोप बनाया हुआ है. गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग एक तरफ स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लाख दावे करता है, तो दूसरी तरफ स्वाइन फ्लू लगातार अपने पैर पसार रहा है.

आपको बता दें कि पिछले पांच साल के आंकड़ों के बीच गुरुग्राम में अभी तक 71 मामलों की शिनाख्त हो चुकी है. ये आंकड़ा पिछले कई सालों से लगातर बढ़ा है. आपको यह जानकर बेहद अफसोस होगा कि स्वाइन फ्लू का ये आंकड़ा तो सरकारी है. इससे कहीं ज्यादा मामले प्राइवेट अस्पतालों में हैं, जिनकी जानकारी विभाग के पास मौजूद ही नहीं है. स्वाइन फ्लू के चलते ही 5 लोगों की मौत भी हो चुकी है. वहीं संदिग्धों की संख्या सैंकड़ों में है. शायद यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पांव फूले हुए हैं.

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सामान्य अस्पताल, गुरुग्राम के सीएमओ बीके रजौरा ने मीडियाकर्मयों के सवालो के जवाब देते हुए बताया कि बीते कुछ सालों से स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्य में लगाता इजाफा हो रहा है. उन्होंने बताया कि 5 साल में 71 कंफर्म केस आ चुके हैं. साथ ही अन्य जिलों व प्रदेशों से भी 47 मरीज इलाज के लिए अब तक सामान्य अस्पताल का रुख कर चुके हैं. लिहाजा कुल-मिलाकर ऐसे 118 मामले सामने आ चुके हैं. यही नहीं, जबकि 5 लोगों की मौत भी स्वाइन फ्लू के कारण हो चुकी हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी आकंड़ों में संदिग्ध मामलों की संख्या 268 हो चुकी है.

बहरहाल स्वाइन फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से तमाम मुहिम और अभियान चलाए हुए हैं, लेकिन लगातार बढ़ते स्वाइन फ्लू के मामले स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवाल भी उठाते हैं. फिलहाल लोगों को इसके प्रति जागरुक और सावधान रहने की जरुरत है. बदलते मौसम में इस बीमारी के फैलने की संभावना और भी ज्यादा बढ़ जाती है. इसलिए बुखार आने पर डॉक्टर की सलाह लें और उबला पानी ही पिया जाए तो ज्यादा बेहतर रहेगा. यही एक तरह से इसका प्राथमिक इलाज है.

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गुरुग्राम: जिले में लगातार बढ़ते स्वाइन फ्लू के मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल के रख दी है. स्वाइन फ्लू ने पिछले 5 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए शहर भर में अपना प्रकोप बनाया हुआ है. गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग एक तरफ स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लाख दावे करता है, तो दूसरी तरफ स्वाइन फ्लू लगातार अपने पैर पसार रहा है.

आपको बता दें कि पिछले पांच साल के आंकड़ों के बीच गुरुग्राम में अभी तक 71 मामलों की शिनाख्त हो चुकी है. ये आंकड़ा पिछले कई सालों से लगातर बढ़ा है. आपको यह जानकर बेहद अफसोस होगा कि स्वाइन फ्लू का ये आंकड़ा तो सरकारी है. इससे कहीं ज्यादा मामले प्राइवेट अस्पतालों में हैं, जिनकी जानकारी विभाग के पास मौजूद ही नहीं है. स्वाइन फ्लू के चलते ही 5 लोगों की मौत भी हो चुकी है. वहीं संदिग्धों की संख्या सैंकड़ों में है. शायद यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पांव फूले हुए हैं.

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सामान्य अस्पताल, गुरुग्राम के सीएमओ बीके रजौरा ने मीडियाकर्मयों के सवालो के जवाब देते हुए बताया कि बीते कुछ सालों से स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्य में लगाता इजाफा हो रहा है. उन्होंने बताया कि 5 साल में 71 कंफर्म केस आ चुके हैं. साथ ही अन्य जिलों व प्रदेशों से भी 47 मरीज इलाज के लिए अब तक सामान्य अस्पताल का रुख कर चुके हैं. लिहाजा कुल-मिलाकर ऐसे 118 मामले सामने आ चुके हैं. यही नहीं, जबकि 5 लोगों की मौत भी स्वाइन फ्लू के कारण हो चुकी हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी आकंड़ों में संदिग्ध मामलों की संख्या 268 हो चुकी है.

बहरहाल स्वाइन फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से तमाम मुहिम और अभियान चलाए हुए हैं, लेकिन लगातार बढ़ते स्वाइन फ्लू के मामले स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवाल भी उठाते हैं. फिलहाल लोगों को इसके प्रति जागरुक और सावधान रहने की जरुरत है. बदलते मौसम में इस बीमारी के फैलने की संभावना और भी ज्यादा बढ़ जाती है. इसलिए बुखार आने पर डॉक्टर की सलाह लें और उबला पानी ही पिया जाए तो ज्यादा बेहतर रहेगा. यही एक तरह से इसका प्राथमिक इलाज है.

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गुरुग्राम स्वाइन फ्लू का प्रकोप 
71 मामलों की पु्ष्टी 
पिछले 5 साल का रिकॉर्ड टूटा 
स्वाइन फ्लू के आगे स्वास्थ्य विभाग बोना 
सिर्फ दावे के बीच है स्वास्थ्य विभाग 

एंकर 
गुरुग्राम में लगातार बढ़ते स्वाइन फ्लू के मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल के रख दी है.....स्वाइन फ्लू ने पिछले 5 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए शहर भर में अपने प्रकोप बनाया हुआ है.....

वीओ-1
गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग एक तरफ स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लाख दावे करताहै तो दूसरी तरफ से स्वाइन फ्लू अपने लगातार पैर पसार रहा है....पिछले पांच सालों के आंकड़ों के बीच गुरुग्राम में अभी तक 71 मामलों की पुष्टी हो चुकी है.....जो कुछ सालों में सबसे ज्यादा आंकड़ा है......यही नहीं स्वाइन फ्लू का ये आंकड़ा तो सरकारी है......इससे कही ज्यादा मामले प्राइवेट अस्पतालों में है जिनकी जानकारी विभाग तो लगती ही नहीं है.......इस स्वाइन फ्लू के चलते ही 5 लोगों की मौत भी हो चुकी है.....वही संदिग्धों की संख्या सैंकड़ों में है.....जिसने स्वास्थ्य  विभाग के हाथ पांव फूलाए हुए है.......

बाइट=बीके रजौरा,सीएमओ, सामान्य अस्पताल, गुरुग्राम 

वीओ-2
स्वाइन फ्लू के  मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है..... 5 साल में 71 कंफर्म केस आ चुके हैं..... साथ ही 47 मरीज अन्य जिलों व प्रदेशों से इलाज के लिए आए हैं..... ऐसे में कुल मामले 118 हो गए, जबकि 5 लोगों की मौत भी स्वाइन फ्लू के कारण हो चुकी हैं....वही स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी आकंड़ों में  संदिग्ध मामलों की संख्या 268 हो चुकी है.....साल 2014 की बात करें तो स्वाइन फ्लू के 9 मामले सामने आए, वहीं 2015 में 37, 2016 में 2, 2017 में 12 और 2018 में एक भी कंफर्म मामले सामने नहीं आए..... वही इस बीच स्वाइन फ्लू से पीड़ित 5 मरीजों की मौत हो चुकी है..... इनमें स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी, लेकिन 4 की उम्र 50 साल ऊपर थी.....भले ही स्वाइन फ्लू ला इलाज नहीं है.....स्वाइन फ्लू को मात देेने के लिए सावधानी जरुरी है.....वही समय पर इलाज कराए....ये एक आम बुखार की तरह लेकिन इसमें लापरवाही खतरनाक है......

बाइट=बीके रजौरा,सीएमओ, सामान्य अस्पताल, गुरुग्राम 

वीओ-3
स्वाइन फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से तमाम मुहिम और अभियान चलाए हुए है....लेकिन लगातार बढ़ते स्वाइन फ्लू के मामले स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवाल भी उठाते है.....फिलहाल लोगों को इसके प्रति जागरुक और सावधान रहने की जरुरत है....बदलते इस मौसम में ये ज्यादा फैलता है....बुखार आने पर डॉक्टर की सलाह ले और उबला हुआ ही पानी पीए......वही स्वाइन फ्लू लापरवाई बरतने पर अपनी चपेट में ले लेता है.....इस फ्लू के नाम से डरे नहीं...उसका इलाज आसान है....इस लिए सावधानी बरते..यही इसका प्राथमिक इलाज है......


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