ETV Bharat / state

इन भाइयों का जज्बा देख आप भी रह जाएंगे दंग, लाखों का पैकेज छोड़ बना रहे हैं मिट्टी के बर्तन

साइबर सिटी गुरुग्राम के सोहना में एक पिता और दो बेटों ने मिलकर आज भी प्राचीन कला को जिंदा रखा है. दोनों भाई अपने पिता के साथ मिलकर मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करते हैं.

मिट्टी के बर्तन बनाते राजेंद्र
author img

By

Published : Apr 7, 2019, 6:43 PM IST

Updated : Apr 7, 2019, 8:37 PM IST

गुरुग्रामः साइबर सिटी गुरुग्राम के सोहना में एक पिता और दो बेटों ने मिलकर आज भी प्राचीन कला को जिंदा रखा है. दोनों भाई अपने पिता के साथ मिलकर मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करते हैं.

राजेंद्र ने बताया कि गुरुग्राम के सोहना जिले के भौंडसी के पास पर्यटक स्थल भारत यात्रा केंद्र की बाकी यादें तो धीरे धीरे लुप्त होती चली गई, लेकिन यहां आज भी एक याद लोगों के बीच जिंदा है. उन्होंने बताया कि यहां आज भी उनका पूरा परिवार मिट्टी के बर्तन बनाता है.

पूरा परिवार बनाता है मिट्टी के बर्तन

आपको बता दें कि राजेंद्र के दोनों बेटों में से एक आईआईटी पास है तो दूसरा मैकेनिकल इंजीनियर है. उनका कहना है कि उन्होंने पढ़ाई किसी नौकरी के लिए नहीं बल्कि अपने मिट्टी के बर्तनों के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए की है. यही नहीं राजेंद्र का पूरा परिवार इसी तरह से प्राचीन कला को जिंदा रखने में जुटा हुआ है.

गुरुग्रामः साइबर सिटी गुरुग्राम के सोहना में एक पिता और दो बेटों ने मिलकर आज भी प्राचीन कला को जिंदा रखा है. दोनों भाई अपने पिता के साथ मिलकर मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करते हैं.

राजेंद्र ने बताया कि गुरुग्राम के सोहना जिले के भौंडसी के पास पर्यटक स्थल भारत यात्रा केंद्र की बाकी यादें तो धीरे धीरे लुप्त होती चली गई, लेकिन यहां आज भी एक याद लोगों के बीच जिंदा है. उन्होंने बताया कि यहां आज भी उनका पूरा परिवार मिट्टी के बर्तन बनाता है.

पूरा परिवार बनाता है मिट्टी के बर्तन

आपको बता दें कि राजेंद्र के दोनों बेटों में से एक आईआईटी पास है तो दूसरा मैकेनिकल इंजीनियर है. उनका कहना है कि उन्होंने पढ़ाई किसी नौकरी के लिए नहीं बल्कि अपने मिट्टी के बर्तनों के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए की है. यही नहीं राजेंद्र का पूरा परिवार इसी तरह से प्राचीन कला को जिंदा रखने में जुटा हुआ है.


---------- Forwarded message ---------
From: BHUPINDER KUMAR <bjishtu@gmail.com>
Date: Sun 7 Apr, 2019, 16:55
Subject: Fwd: स्क्रिप्ट & फ़ाइल सोहना में कंप्यूटर साइंस के बीटेक व मैकेनिकल से पोलटेनिकल करने के बाद दोनो भाइयों का मिट्टी के बर्तन बनाने का कारोबार
To: BHUPINDER KUMAR JISHTU <bhupinderkumar@etvbharat.com>



---------- Forwarded message ---------
From: satish.sachnews <satish.sachnews@gmail.com>
Date: Sun 7 Apr, 2019, 15:48
Subject: स्क्रिप्ट & फ़ाइल सोहना में कंप्यूटर साइंस के बीटेक व मैकेनिकल से पोलटेनिकल करने के बाद दोनो भाइयों का मिट्टी के बर्तन बनाने का कारोबार
To: Haryana Video <hrnvideo@punjabkesari.net.in>, Hariyana Text <haryanatext@punjabkesari.net.in>, ok india News <okindiaassignment@gmail.com>, <okharyana12@gmail.com>, harnews <harnews@gmail.com>, BHUPINDER KUMAR <bjishtu@gmail.com>


Download link 
https://wetransfer.com/downloads/03b023bbe34d5206c8a9215b6717813220190406132438/93ad063332d243f33a4f7a1ac56ad5fd20190406132438/77730f
7 files 
0704_sohna mitti ke bartan_byte rajender 1.wmv 
0704_sohna mitti ke bartan_1.wmv 
0704_sohna mitti ke bartan_3.wmv 
0704_sohna mitti ke bartan_byte rajender 2.wmv 
0704_sohna mitti ke bartan_byte ajay kumar.wmv 
+ 2 more


कंप्यूटर साइंस के बीटेक व मैकेनिकल से पोलटेनिकल करने के बाद दोनो भाइयों का मिट्टी के बर्तन बनाने का कारोबार
दोनो भाई पढ़ाई करने के बाद बना रहे खास बर्तन
नही करेगे नोकरी
पुस्तैनी परंपरा को जिंदा रखने के लिए लिया अहम फैसला
पिता ने ने साल 1982 में ली थी आर्ट की डिग्री
अरावली तलहटी की जड़ में बसा है परिवार
स्व.पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का खास कुम्हार
1990 से लगातार जुटे है..मिट्टी के बर्तन बनाने में
चम्मच से लेकर बना रहे  प्रेसर कुक्कर तक 
वीओ... सोहना के भौंडसी के पास स्व:पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर द्वारा बनाये गए पर्यटक स्थल भारत यात्रा केंद्र की बाकी यादे तो धीरे धीरे लुप्त होती चली गई .लेकिन आज भी उनके टाइम की एक याद भारत यात्रा केंद्र मे मौजूद है..नाम है राजेन्द्र कारोबार मिट्टी के बर्तन बनाना..शिक्षा आर्ट में डिग्री अब जरा आप ही सोचिए कि जब स्वर्गीय चंद्रशेखर से समय की वो इमारत भी खडित हो गई..जिस समय चंद्रशेखर आराम फरमाने के लिए दिल्ली से भोंडसी जाया करते थे ..तो फिर राजेन्द्र ही क्यो अभी भी उस स्थान उस घर मे रह रहा है..जिसे चंद्रशेखर ने बलिया से लाकर यहाँ बसाया था..उसके पीछे का राज भी हम आपको जरूर बतायगे....
बाइट:-राजेन्द्र कुम्हार ।
वीओ..अब जरा गौर से देखिए मिट्टी के बर्तन बनाने वाला ये सक्ष कोई और नही बल्कि वही राजेन्द्र है..जिसे साल 1988-89 में स्वयं पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर भारत यात्रा केंद्र का सौन्दर्यकर्ण कराने के लिए भोंडसी लेकर आये थे ..वही इस समय भारत यात्रा केंद्र में विभिन प्रकार की पाँच तरह की खड्डडिया लगाई गई थी..लेकिन जब तक बाकी खड्डीयो को सरकारी अनुदान मिलता रहा तब तक तो वो चलती रही..लेकिन जैसे ही सरकार बदली हुई वसे ही सरकारी अनुदान मिलना बंद हो गया..ओर धिरे धिरे खड्डडिया भी बंद हो गई..लेकिन राजेन्द्र ने हार नही मानी और वो आज भी बर्तन बनाने के कारोबार को कर रहा है....
बाइट:-राजेन्द्र कुम्हार ।
वीओ...राजेन्द्र अपने परिवार से साथ अरावली की तलहटी में रहता है..जिसके दो बेटे भी है..राजेन्द्र के एक बेटे ने केआईआईटी कॉलेज से कंप्यूटर साइंस से  बीटेक किया वही दूसरे ने मैकेनिकल से पोलटेनिक किया है..लेकिन नोकरी करने के लिए नही बल्कि अपने मिट्टी के बर्तनों के कारोबार को बढ़ाने व अपनी पुस्तैनी यादों को जीवित रखने के लिए पढ़ाई की है..ओर आज अपने पिता के साथ मिट्टी के बर्तन बनाकर काफी खुश है..वही राजेन्द्र की बूढ़ी मा बर्तन तो नही बना सकती लेकिन वो भी बर्तनों की पैकिंग कर अपने बेटे का हौसला अफजाई करती रहती है...
बाइट:-राजेन्द्र कुम्हार। 
वीओ..अगर बात करे राजेन्द्र के पढ़े लिखे बेटों की तो उनका इस विषय मे यही कहना है..की हम अपने पिता के नकश्चतरो पर चलेंगे ओर अपने पुस्तैनी काम को जिंदा रखेगे....
बाइट:-अजय राजेन्द्र का बेटा।
वीओ:-राजेन्द्र का कहना है..कि हमे अपने काम के साथ साथ लोगो के स्वास्थ का भी ध्यान रखना चाहिए क्योंकि जिस समय राजेन्द्र भौंडसी आया था उस समय होटलों व बड़ी इमारतों में  सौंदर्य के लिए लगाए जाने वाले हाथी घोड़े बनाता था..लेकिन यहां उसका काम नही है..तो मिट्टी के सभी बर्तन राजेन्द्र बना रहा है..इसी बीच राजेन्द्र को भारी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा लेकिन राजेन्द्र ने हार नही मानी और लगातार मेहनत करता रहा जिसका नतीजा यह रहा कि आज राजेन्द्र को प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर देश के प्रधानमंत्री तक जानते है..वही राजेन्द्र ने सरकार से माग की है..कि इस कारोबार को बढ़ाने के लिए सरकार अनुदान मिल जाए तो ओर भी अच्छा किया जा सकता है...
बाइट:-राजेन्द्र कुम्हार।

Last Updated : Apr 7, 2019, 8:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.