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गुरुग्राम में अचानक क्यूं फूटा 'कोरोना बम', ये हैं पांच बड़ी वजह - गुरुग्राम कोरोना बढ़ते केस कारण

गुरुग्राम में लगातार कोरोना वायरस अपने पैर पसार रहा है. आलम ये है कि गुरुग्राम हरियाणा का सबसे हॉटस्पॉट जिला बन गया है, ऐसे में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने गुरुग्राम के एपिडेमियोलॉजिस्ट से खास बातचीत की.

report on continuously increasing corona cases in gurugram
गुरुग्राम में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले
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Published : Jun 1, 2020, 9:36 PM IST

Updated : Jun 2, 2020, 12:23 PM IST

गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. हर रोज गुरुग्राम में 100 से ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. उम्मीद लगाई जा रही थी कि लॉकडाउन के बाद गुरुग्राम में कोरोना के संक्रमण पर लगाम लगेगी, लेकिन हुआ इसका उल्टा.

लॉकडाउन के बाद गुरुग्राम में कोरोना संक्रमण के मामलों ने तेजी से रफ्तार पकड़ी और अभी तक गुरुग्राम में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 903 है. जिसमें एक्टिव केस की संख्या 616 है, लेकिन ये सोचने वाली बात है कि आखिर क्यों गुरुग्राम में इतनी तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं.

इन पांच वजहों से गुरुग्राम में बढ़ रहे हैं कोरोना संक्रमण के मामले, देखिए रिपोर्ट

हरियाणा के हॉट स्पॉट में तब्दील हुआ गुरुग्राम?

आलम है कि आज गुरुग्राम कोरोना का हॉट स्पॉट बन चुका है. इसके बावजूद गुरुग्राम ऑरेंज जोन में है. अभी गुरुग्राम में लोगों को हिदायतों के साथ छूट मिली हुई है, मगर ऐसे ही संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी होती रही तो वो दिन दूर नहीं जब प्रशासन को मजबूरन लोगों को दोबारा घरों में कैद रहने के लिए गाइडलाइन जारी करना पड़ेगा.

सवाल ये खड़ा होता है कि आखिर गुरुग्राम में इतनी तेजी से संक्रमण होने के कारण क्या थे. इसी सवाल का जवाब ढूंडने के लिए हमारी टीम ने गुरुग्राम एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉक्टर राम प्रकाश से खास बातचीत की. डॉक्टर रामप्रकाश के मुताबिक गुरुग्राम में इतनी तेजी से कोरोना संक्रमण फैलने के पांच बड़े कारण थे:

  • 1. लॉक डाउन से पहले विदेश से आने वाले लोगों के संपर्क में आकर उनके परिजन कोरोना से संक्रमित हुए, क्योंकि शुरुआती दौर में यानी मार्च के महीने में जो लोग विदेशों से गुरुग्राम आए थे. वो लोग अपने परिजनों से मिले. जिसके बाद बड़ी संख्या में उनके परिजन और दोस्त कोरोना से संक्रमित हो गए.
  • 2. डॉक्टर रामप्रकाश के मुताबिक तबलीगी जमात से जुड़े लोगों से गुरुग्राम में भी संक्रमण बढ़ा. तबलीगी जमात से जुड़े लोग गुरुग्राम के सोहना, पटौदी और गुरुग्राम क्षेत्र से सामने आए. जिनके संपर्क में आए लोग भी कोरोना से संक्रमित हुए.
  • 3. दिल्ली के आजादपुर मंडी में फैले कोरोना संक्रमण से गुरुग्राम की हालत खराब हो गई. यह मामले आजादपुर मंडी से कोरोना कैरियर बनकर गुरुग्राम की सब्जी कारोबारी से जुड़े लोगों तक पहुंचे और उनके संपर्क में आए लोग भी कोरोना से संक्रमित हो गए.
  • 4. औद्योगिक क्षेत्र को पटरी पर लाना भी बड़ी वजह बना. उद्योग जगत को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र को खोलने की अनुमति दी. जिसके चलते दिल्ली से लोग गुरुग्राम आने लगे जो कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह बने.
  • 5. गुरुग्राम में जब कुल संक्रमितों की संख्या 262 थी तो जिला प्रशासन ने कहा कि इनमें से 100 मामलों का ताल्लुक दिल्ली से था. यही नहीं दिल्ली से सटे गुरुग्राम के इलाके जैसे सरहौल गांव और डूंडाहेड़ा में भी कोरोना के रोजाना मामले सामने आ रहे हैं. रोजाना इन इलाकों से औसतन 5 से 6 मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में गुरुग्राम में बढ़ते मामलों की वजह दिल्ली से सटे होना भी माना जा रहा है.

हालांकि दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर को एक बार फिर सील कर दिया है, लेकिन बड़ी समस्या ये है कि औद्योगिक क्षेत्र को चलाने के लिए दिल्ली का आगमन जरूरी है. क्योंकि कंपनियों के कर्मचारी दिल्ली में रहते हैं और औद्योगिक क्षेत्र को चलाने के लिए कर्मचारियों का आवागमन करना भी जरूरी है.

'जिला प्रशासन ने नहीं बढ़ाई सैंपलों की संख्या'

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग भले ही पूरी ताकत के साथ लड़ने का दावा कर रहा है, लेकिन हकीकत यही है कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप को रोकने में विभाग नाकाम साबित हुआ है. अभी भी सैंपल उतने ही संख्या में लिए गए हैं जितने लॉकडाउन 1, 2 और तीन में लिए गए थे. पहले भी औसतन 200 से 220 मरीजों के सैंपल लिए जा रहे थे और अब भी 200 से 220 के बीच में ही सैंपल लिए जा रहे हैं.

होम आइसोलेट के दिशानिर्देश का नहीं हो रहा पालन

होम आइसोलेट के दिशा-निर्देश जारी होने के बाद बड़ी समस्या यह है कि कोरोना के मरीजों की स्वास्थ्य विभाग निगरानी भी नहीं कर पा रहा है. इसकी बड़ी वजह यह भी है कि स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में कर्मचारी नहीं है और उसका नतीजा ये हो रहा है कि आए दिन कोरोना के मरीज घरों में रहने की बजाय घरों से बाहर घूमते पकड़े जा रहे हैं. हालांकि जिला प्रशासन ने होम आइसोलेट मरीजों के लिए एक टीम का गठन किया है. जो घर-घर जाकर अब निरीक्षण कर रही है.

छूट मिली तो संक्रमण भी बढ़ा

लॉकडाउन के चौथे चरण में मिली छूट के बाद लोगों ने घरों से बाहर निकलना शुरू किया. अब वह अन्य लोगों के संपर्क में आ रहे हैं. इसका नतीजा यह है कि अब पहले से भी ज्यादा कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं. लॉक डाउन के चौथे चरण की बात करें तो 18 मई से 31 तक जिले में 626 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं.

डॉक्टर रामप्रकाश का कहना है कि गुरुग्राम में बढ़ते मामले लॉकडाउन 4 में दी गई छूट के बाद सामने आए हैं क्योंकि लॉकडाउन के बाद जो लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं और जिनमें लक्षण सामने आ रहे हैं वह अपना टेस्ट करा रहे हैं. साथ ही साथ अपनी पूरे परिवार का भी टेस्ट करा रहे हैं. जिसके चलते गुरुग्राम में मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं.

ये पढ़ें- तकरार: हरियाणा ने खोले बॉर्डर तो दिल्ली ने किए सील

गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. हर रोज गुरुग्राम में 100 से ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. उम्मीद लगाई जा रही थी कि लॉकडाउन के बाद गुरुग्राम में कोरोना के संक्रमण पर लगाम लगेगी, लेकिन हुआ इसका उल्टा.

लॉकडाउन के बाद गुरुग्राम में कोरोना संक्रमण के मामलों ने तेजी से रफ्तार पकड़ी और अभी तक गुरुग्राम में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 903 है. जिसमें एक्टिव केस की संख्या 616 है, लेकिन ये सोचने वाली बात है कि आखिर क्यों गुरुग्राम में इतनी तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं.

इन पांच वजहों से गुरुग्राम में बढ़ रहे हैं कोरोना संक्रमण के मामले, देखिए रिपोर्ट

हरियाणा के हॉट स्पॉट में तब्दील हुआ गुरुग्राम?

आलम है कि आज गुरुग्राम कोरोना का हॉट स्पॉट बन चुका है. इसके बावजूद गुरुग्राम ऑरेंज जोन में है. अभी गुरुग्राम में लोगों को हिदायतों के साथ छूट मिली हुई है, मगर ऐसे ही संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी होती रही तो वो दिन दूर नहीं जब प्रशासन को मजबूरन लोगों को दोबारा घरों में कैद रहने के लिए गाइडलाइन जारी करना पड़ेगा.

सवाल ये खड़ा होता है कि आखिर गुरुग्राम में इतनी तेजी से संक्रमण होने के कारण क्या थे. इसी सवाल का जवाब ढूंडने के लिए हमारी टीम ने गुरुग्राम एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉक्टर राम प्रकाश से खास बातचीत की. डॉक्टर रामप्रकाश के मुताबिक गुरुग्राम में इतनी तेजी से कोरोना संक्रमण फैलने के पांच बड़े कारण थे:

  • 1. लॉक डाउन से पहले विदेश से आने वाले लोगों के संपर्क में आकर उनके परिजन कोरोना से संक्रमित हुए, क्योंकि शुरुआती दौर में यानी मार्च के महीने में जो लोग विदेशों से गुरुग्राम आए थे. वो लोग अपने परिजनों से मिले. जिसके बाद बड़ी संख्या में उनके परिजन और दोस्त कोरोना से संक्रमित हो गए.
  • 2. डॉक्टर रामप्रकाश के मुताबिक तबलीगी जमात से जुड़े लोगों से गुरुग्राम में भी संक्रमण बढ़ा. तबलीगी जमात से जुड़े लोग गुरुग्राम के सोहना, पटौदी और गुरुग्राम क्षेत्र से सामने आए. जिनके संपर्क में आए लोग भी कोरोना से संक्रमित हुए.
  • 3. दिल्ली के आजादपुर मंडी में फैले कोरोना संक्रमण से गुरुग्राम की हालत खराब हो गई. यह मामले आजादपुर मंडी से कोरोना कैरियर बनकर गुरुग्राम की सब्जी कारोबारी से जुड़े लोगों तक पहुंचे और उनके संपर्क में आए लोग भी कोरोना से संक्रमित हो गए.
  • 4. औद्योगिक क्षेत्र को पटरी पर लाना भी बड़ी वजह बना. उद्योग जगत को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र को खोलने की अनुमति दी. जिसके चलते दिल्ली से लोग गुरुग्राम आने लगे जो कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह बने.
  • 5. गुरुग्राम में जब कुल संक्रमितों की संख्या 262 थी तो जिला प्रशासन ने कहा कि इनमें से 100 मामलों का ताल्लुक दिल्ली से था. यही नहीं दिल्ली से सटे गुरुग्राम के इलाके जैसे सरहौल गांव और डूंडाहेड़ा में भी कोरोना के रोजाना मामले सामने आ रहे हैं. रोजाना इन इलाकों से औसतन 5 से 6 मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में गुरुग्राम में बढ़ते मामलों की वजह दिल्ली से सटे होना भी माना जा रहा है.

हालांकि दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर को एक बार फिर सील कर दिया है, लेकिन बड़ी समस्या ये है कि औद्योगिक क्षेत्र को चलाने के लिए दिल्ली का आगमन जरूरी है. क्योंकि कंपनियों के कर्मचारी दिल्ली में रहते हैं और औद्योगिक क्षेत्र को चलाने के लिए कर्मचारियों का आवागमन करना भी जरूरी है.

'जिला प्रशासन ने नहीं बढ़ाई सैंपलों की संख्या'

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग भले ही पूरी ताकत के साथ लड़ने का दावा कर रहा है, लेकिन हकीकत यही है कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप को रोकने में विभाग नाकाम साबित हुआ है. अभी भी सैंपल उतने ही संख्या में लिए गए हैं जितने लॉकडाउन 1, 2 और तीन में लिए गए थे. पहले भी औसतन 200 से 220 मरीजों के सैंपल लिए जा रहे थे और अब भी 200 से 220 के बीच में ही सैंपल लिए जा रहे हैं.

होम आइसोलेट के दिशानिर्देश का नहीं हो रहा पालन

होम आइसोलेट के दिशा-निर्देश जारी होने के बाद बड़ी समस्या यह है कि कोरोना के मरीजों की स्वास्थ्य विभाग निगरानी भी नहीं कर पा रहा है. इसकी बड़ी वजह यह भी है कि स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में कर्मचारी नहीं है और उसका नतीजा ये हो रहा है कि आए दिन कोरोना के मरीज घरों में रहने की बजाय घरों से बाहर घूमते पकड़े जा रहे हैं. हालांकि जिला प्रशासन ने होम आइसोलेट मरीजों के लिए एक टीम का गठन किया है. जो घर-घर जाकर अब निरीक्षण कर रही है.

छूट मिली तो संक्रमण भी बढ़ा

लॉकडाउन के चौथे चरण में मिली छूट के बाद लोगों ने घरों से बाहर निकलना शुरू किया. अब वह अन्य लोगों के संपर्क में आ रहे हैं. इसका नतीजा यह है कि अब पहले से भी ज्यादा कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं. लॉक डाउन के चौथे चरण की बात करें तो 18 मई से 31 तक जिले में 626 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं.

डॉक्टर रामप्रकाश का कहना है कि गुरुग्राम में बढ़ते मामले लॉकडाउन 4 में दी गई छूट के बाद सामने आए हैं क्योंकि लॉकडाउन के बाद जो लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं और जिनमें लक्षण सामने आ रहे हैं वह अपना टेस्ट करा रहे हैं. साथ ही साथ अपनी पूरे परिवार का भी टेस्ट करा रहे हैं. जिसके चलते गुरुग्राम में मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं.

ये पढ़ें- तकरार: हरियाणा ने खोले बॉर्डर तो दिल्ली ने किए सील

Last Updated : Jun 2, 2020, 12:23 PM IST
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