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गुरुग्राम: सरकारी अस्तपताल में काम अधूरा, सफदरजंग रेफर किये जा रहे मरीज - गुरुग्राम बदहाल सरकारी अस्पताल

गुरुग्राम के सबसे बड़े अस्पताल का काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. काम अधर में लटकने से मरीजों को दिल्ली के एम्स या सफदरजंग में रेफर किया जा रहा है. जिससे मरीजों की परेशानी बढ़ रही है.

refer case increase in gurugram govt. hospital
सरकारी अस्पताल
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Published : Jan 2, 2020, 7:37 PM IST

गुरुग्राम: शहर के सरकारी अस्पताल में काम नहीं शुरू होने के कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. साइबर सिटी गुरुग्राम में बीते लंबे समय से नागरिक अस्पताल की कंडम हो चुकी इमारत को तोड़ कर नई इमारत बनाने की प्लानिंग सरकारी फाईलों में एक जगह से दूसरी जगह टहल रही है.

शहर के अस्पताल के बनने का काम अधर में

दरअसल गुरुग्राम का मुख्य सिविल अस्पताल पुरी तरह है कंडम हो चुका है जहां अब 300 बेड का नया अस्पताल बनाया जाना है, जिसके चलते सरकारी अस्पताल की सभी सेवाएं सेक्टर 10 और सेक्टर 31 में शिफ्ट कर दी गई है. अस्पताल को शिफ्ट करने की वजह से जहां मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, तो वहीं अस्पताल शिफ्ट होने के बाद मरीजों को रेफर करने के मामलों में बडी बढोतरी देखी जा रही है.

सरकारी अस्पताल में रेफर करने के केस बढ़े, देखें वीडियो

रेफर किए जाने के कारण मरीज परेशान

हाल ही में लगाई गई एक आरटीआई के मुताबिक जहां साल 2014 से अब तक 3000 से भी ज्यादा मरीजों को गुरुग्राम से दिल्ली के सफदरजंग और एम्स हॉस्पिटल में रेफर किया चुका है. मरीज दिल्ली के अलग अलग अस्पतालों में रेफर किए गए थे. वहीं अस्पताल शिफ्ट किए जाने के बाद 2018 के मुकाबले 2019 में ये संख्या तीन गुणा जा पहुंची है.

ये भी जाने- यमुनानगरः नशे पर नकेल की तैयारी, डीएसपी ने रेलवे स्टेशन का किया औचक निरीक्षण

1975 में किया गया था शहर के सबसे बड़े अस्पताल का निर्माण

आपको बता दें कि गुरुग्राम का सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का निर्माण 1975 में किया गया था. जिसके बाद कई बार अस्पताल में रेनोवेशन का काम किया गया. लेकिन बीते कई सालों में अस्पताल कि हालत इस कद्र बिगड़ी की छत गिरने से लेकर कई हादसे अस्पताल में हुए. बाद में सरकार ने इमारत को तोड़कर करीब 7 एकड़ में नया अस्पताल बनाने का फैसला लिया. लेकिन ये फैसला अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाया है. जिसके चलते अस्पताल की सेवाएं अलग अलग जगह शिफ्ट करने से मरीजों की परेशानी बढ़ी रही है.

गुरुग्राम: शहर के सरकारी अस्पताल में काम नहीं शुरू होने के कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. साइबर सिटी गुरुग्राम में बीते लंबे समय से नागरिक अस्पताल की कंडम हो चुकी इमारत को तोड़ कर नई इमारत बनाने की प्लानिंग सरकारी फाईलों में एक जगह से दूसरी जगह टहल रही है.

शहर के अस्पताल के बनने का काम अधर में

दरअसल गुरुग्राम का मुख्य सिविल अस्पताल पुरी तरह है कंडम हो चुका है जहां अब 300 बेड का नया अस्पताल बनाया जाना है, जिसके चलते सरकारी अस्पताल की सभी सेवाएं सेक्टर 10 और सेक्टर 31 में शिफ्ट कर दी गई है. अस्पताल को शिफ्ट करने की वजह से जहां मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, तो वहीं अस्पताल शिफ्ट होने के बाद मरीजों को रेफर करने के मामलों में बडी बढोतरी देखी जा रही है.

सरकारी अस्पताल में रेफर करने के केस बढ़े, देखें वीडियो

रेफर किए जाने के कारण मरीज परेशान

हाल ही में लगाई गई एक आरटीआई के मुताबिक जहां साल 2014 से अब तक 3000 से भी ज्यादा मरीजों को गुरुग्राम से दिल्ली के सफदरजंग और एम्स हॉस्पिटल में रेफर किया चुका है. मरीज दिल्ली के अलग अलग अस्पतालों में रेफर किए गए थे. वहीं अस्पताल शिफ्ट किए जाने के बाद 2018 के मुकाबले 2019 में ये संख्या तीन गुणा जा पहुंची है.

ये भी जाने- यमुनानगरः नशे पर नकेल की तैयारी, डीएसपी ने रेलवे स्टेशन का किया औचक निरीक्षण

1975 में किया गया था शहर के सबसे बड़े अस्पताल का निर्माण

आपको बता दें कि गुरुग्राम का सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का निर्माण 1975 में किया गया था. जिसके बाद कई बार अस्पताल में रेनोवेशन का काम किया गया. लेकिन बीते कई सालों में अस्पताल कि हालत इस कद्र बिगड़ी की छत गिरने से लेकर कई हादसे अस्पताल में हुए. बाद में सरकार ने इमारत को तोड़कर करीब 7 एकड़ में नया अस्पताल बनाने का फैसला लिया. लेकिन ये फैसला अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाया है. जिसके चलते अस्पताल की सेवाएं अलग अलग जगह शिफ्ट करने से मरीजों की परेशानी बढ़ी रही है.

Intro:गुरुग्राम - सरकारी अस्पताल में रैफर करने के केस बढे
अस्पताल शिफ्ट करने की वजह से 2019 में बढे केस
2018 के मुकाबले 3 गुणा मरीजों को रैफर किया गया
सेक्टर 10 औऱ सेक्टर 31 में शिफ्ट किया गया है अस्पताल
पुरानी बिल्डिंग की जगह बनाई जानी है अस्पताल की नई इमारत
सिविल अस्पताल का काम शुरु ना होने से बढ रही है मरीजों की परेशानBody:साइबर सिटी गुरुग्राम में बीते लंबे समय से नागरिक अस्पताल की कंडम हो चुकी इमारत को तोड कर नई इमारत बनाने की प्लानिंग सरकारी फाईलों में एक जगह से दूसरी जगह टहल रही है । दरअसल गुरुग्राम का मुख्य सिविल अस्पताल पुरी तरह है कंडम हो चुका है जहां अब 300 बेड का नया अस्पताल बनाया जाना है । जिसके चलते सरकारी अस्पताल की सभी सेवाएं सेक्टर 10 और सेक्टर 31 में शिफ्ट कर दी गई है । अस्पताल को शिफ्ट करने की वजह से जहां मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड रहा है तो वहीं अस्पताल शिफ्ट होने के बाद मरीजों को रेफर करने के मामलों में बडी बढोतरी देखी जा रही है ।

बाइट - मोहित खटाना, आरटीआई एक्टविस्ट

हाल ही में लगाई गई एक आरटीआई के मुताबिक जहां साल 2014 से अब तक 3000 से भी ऊपर मरीजो को गुरुग्राम से दिल्ली के सफदरजंग और एम्स हॉस्पिटल में रेफेर किया गया है .....मरीज दिल्ली के अलग अलग अस्पतालों में रेैफर किए गए थे तो वहीं अस्पताल शिफ्ट किए जाने के बाद 2018 के मुकाबले 2019 में ये संख्या तीन गुणा यानि ज्यादा जा पहुंची है....

बाइट - मोहित खटाना, आरटीआई एक्टविस्ट Conclusion:गुरुग्राम का सबसे बडे सरकारी अस्पताल का निर्माण 1975 में किया गया था जिसके बाद कई बार अस्पताल में रेनोवेशन का काम किया गया लेकिन बीते कई सालों में अस्पताल कि हालत इस कद्र बिगडी की छत गिरने से लेकर कई हादसे अस्पताल में हुए जिसके बाद सरकार ने इमारत को तोडकर करीब 7 एकड में नया अस्पताल बनाने का फैसला लिया । लेकिन अस्पताल की सेवाएं अलग अलग जगह शिफ्ट करने से मरीजों की बढी परेशानी का फिलहाल कोई समाधान मिलता नजर नही आ रहा है ।
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