गुरुग्राम: साइबर सिटी में बढ़ते कोरोना के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है. गुरुग्राम में स्वास्थ्य विभाग होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए मनोविशेषज्ञों की देखरेख में काउंसलिंग सेशन शुरू किया है.
होम आइसोलेशन के दौरान व्यक्ति को डिप्रेशन और स्ट्रेस ना हो और होम आइसोलेशन संबंधी शंकाओं को दूर करने के लिए ये सैशन शुरू की गई है. इन मरीजों को आयुवर्ग के हिसाब से अलग-अलग वर्गों में बांटा गया है. सिविल सर्जन डॉ. वीरेन्द्र यादव ने बताया कि जिला में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए डाक्टरों का पैनल तैयार किया गया है.
इस पैनल में डॉक्टरों द्वारा होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की शंकाओं को दूर करने और चिंता मुक्त करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जूम एप के माध्यम से होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को वीडिया कॉल की जाती है और उन्हें इस दौरान डूज एंड डोन्टस के बारे में बताया जाता है, ताकि परिवार के अन्य सदस्य कोरोना संक्रमित ना हो.
इस दौरान होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों से उनकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बारे में पूछा जाता है, ताकि समय रहते उनका समाधान किया जा सके. उन्होंने बताया कि जिला में वर्तमान में 814 मरीज होम आइसोलेशन में रह रहे हैं, जिन्हें अलग-अलग समूहों में बांटकर उनकी काउंसलिंग का समय निर्धारित किया गया है. इसके अलावा, कोरोना संक्रमित मरीजों का वाट्सएप पर भी ग्रुप बनाया गया है, ताकि कॉमन शंकाओं का समाधान हो सके.
ये भी पढ़ें-'बीजेपी अपने काम के आधार पर 100 प्रतिशत बरोदा उपचुनाव जीतेगी'
उन्होंने बताया कि 925 मरीजों को 50- 50 के 19 ग्रुपों में बांटा गया है. इन सभी के अलग से व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं. इन सभी को जूम मीटिंग के जरिए मनोविशेषज्ञों द्वारा ऑनलाइन काउंसलिंग दी जा रही है. बता दें कि कई कोरोना मरीज अस्पताल से कूद कर या अस्पताल के अंदर ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर चुके हैं. कोरोना मरीजों को मानसिक रूप से मजबूत किया जा सकें इस लिए स्वास्थ्य विभाग ने ये कदम उठाया है.