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गुरुग्राम: सोहना में एक माह की बच्ची को कुत्ते ने काटा

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Published : Sep 16, 2019, 9:31 PM IST

सोहना के फ्रेंड्स कॉलोनी के झुग्गीयों में रहने वाले एक दंपती के एक माह के बच्चे को एक आवारा कुत्ता उठा के ले गया. परिजनों ने किसी तरह से बच्ची को कुत्ते के चंगुल से छुड़ाया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया.

एक माह की बच्ची को कुत्ते ने काटा

गुरुग्राम: सोहना नगर परिषद में आवारा कुत्तों और बंदरो के आतंक से नगरवासी परेशान हैं. ये आवारा जानवर आम लोगों के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं. लेकिन प्रशासन इसकी कोई सुध नहीं ले रहा है. प्रशासन कई बार इन आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए बजट को दर्शाता जरुर है, लेकिन ये सिर्फ कागजों तक ही सीमित है.

ताजा मामला सोहना के फ्रेंड्स कॉलोनी की है जहां झुग्गी-झोपड़ी में रहकर मजदूरी का काम करने वाले एक दंपती की एक माह की बच्ची को एक आवारा कुत्ता उठा कर ले गया. जैसे ही परिजनों को बच्ची की चीख सुनाई दी वैसे ही परिजन बच्चे की तरफ दौड़े. परिजनों ने देखा की एक आवारा कुत्ता बच्ची को मुंह में दबाकर ले जा रहा है. जिसके बाद परिजनों ने किसी तरह बच्ची को कुत्ते के चंगुल से छुड़ाया और बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया.

एक माह की बच्ची को कुत्ते ने काटा

इसे भी पढ़ें: आज से हरियाणा पुलिस काटेगी चालान, तीन दिन तक चला जागरुकता अभियान हुआ खत्म

घटना के बारे में परिजनों ने बताया कि बच्ची की मां खाना बना रही थी और पिता खाना खा रहा था. तभी पहले से घात लगाए एक आवारा कुत्ता सोती हुई बच्ची को मुंह में दबा उठा कर ले जाने लगा. परिजनों का कहना है कि उन्होंने जैसे ही बच्ची की रोने की आवाज सुनी, बच्ची की तरफ दौड़े और किसी तरह से बच्ची को कुत्ते के चंगुल से छुड़ाया. जिसके बाद बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया.

समाजसेवीयों ने परिषद को कई बार आवारा कुत्तों और बंदरों को पकड़ने के लिए लिखित शिकायत भी दी है. लेकिन परिषद ने उन शिकायतों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया. जिसका फल आज सोहना के आमलोग भुगत रहे हैं. इस मुद्दे पर एसडीएम चिनार चहल ने कहा कि नगर परिषद सोहना को आवारा कुत्तों और बंदरों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए जाएंगे.

गुरुग्राम: सोहना नगर परिषद में आवारा कुत्तों और बंदरो के आतंक से नगरवासी परेशान हैं. ये आवारा जानवर आम लोगों के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं. लेकिन प्रशासन इसकी कोई सुध नहीं ले रहा है. प्रशासन कई बार इन आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए बजट को दर्शाता जरुर है, लेकिन ये सिर्फ कागजों तक ही सीमित है.

ताजा मामला सोहना के फ्रेंड्स कॉलोनी की है जहां झुग्गी-झोपड़ी में रहकर मजदूरी का काम करने वाले एक दंपती की एक माह की बच्ची को एक आवारा कुत्ता उठा कर ले गया. जैसे ही परिजनों को बच्ची की चीख सुनाई दी वैसे ही परिजन बच्चे की तरफ दौड़े. परिजनों ने देखा की एक आवारा कुत्ता बच्ची को मुंह में दबाकर ले जा रहा है. जिसके बाद परिजनों ने किसी तरह बच्ची को कुत्ते के चंगुल से छुड़ाया और बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया.

एक माह की बच्ची को कुत्ते ने काटा

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घटना के बारे में परिजनों ने बताया कि बच्ची की मां खाना बना रही थी और पिता खाना खा रहा था. तभी पहले से घात लगाए एक आवारा कुत्ता सोती हुई बच्ची को मुंह में दबा उठा कर ले जाने लगा. परिजनों का कहना है कि उन्होंने जैसे ही बच्ची की रोने की आवाज सुनी, बच्ची की तरफ दौड़े और किसी तरह से बच्ची को कुत्ते के चंगुल से छुड़ाया. जिसके बाद बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया.

समाजसेवीयों ने परिषद को कई बार आवारा कुत्तों और बंदरों को पकड़ने के लिए लिखित शिकायत भी दी है. लेकिन परिषद ने उन शिकायतों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया. जिसका फल आज सोहना के आमलोग भुगत रहे हैं. इस मुद्दे पर एसडीएम चिनार चहल ने कहा कि नगर परिषद सोहना को आवारा कुत्तों और बंदरों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए जाएंगे.

Intro:सोहना में एक माह की बच्ची को कुत्ते ने नोचा
घायल बच्ची दिल्ली के सफदरजंग हसपताल में उपचाराधीन
सोती हुई बच्ची को आवारा कुत्ता उठा कर भागा
परिजनों ने भारी मशक्कत के बाद बच्ची को कुत्ते के चंगुल से छुड़ाया
बच्ची हुई लहूलुहान हालत गंभीरBody:वीओ..सोहना की फ्रेंडस कलोनी में झुग्गी झोपड़ी में रहकर मजदूरी का कार्य करने वाले एक दंपत्ति की एक माह की बच्ची को एक आवारा कुत्ते ने उस समय अपना शिकार बनाने की कोशिश की जिस समय बच्ची की माँ खाना बना रही थी और पिता खाना खा रहा था..उसी समय पहले से घात लगाए बैठा एक आवारा कुत्ता सोती हुई एक माह की बच्ची को उठा कर ले गया..जैसे ही परिजनों को बच्ची की चीख सुनाई थी वसे ही जब परिजन ने देखा कि कुत्ता बच्ची को मुँह में भरकर ले जा है। परिजनों ने किसी तरह से बच्ची को किसी तरह कुत्ते के चंगुल से छुड़ाया जिसके
बाद घायल बच्ची को उपचार के लिए सोहना के नागरिक हसपताल में ले जाया गया जहां पर चिकित्सको के अभाव के चलते घायल लहू लुहान बच्ची को गुरुग्राम के लिए रैफर कर दिया गया..घायल बच्ची फिलहाल दिल्ली के सफदरजंग हसपताल में जिंदगी ओर मौत के बीच जूझ रही है..
बाइट:-घायल बच्ची की भुआ उषा।
वीओ..सोहना नगर परिषद में आवारा कुत्ते व बंदरो का आतंक है..जिसको लेकर परिषद प्रसासन कई बार आवारा कुत्तो व बंदरो को पकड़ने के लिए बजट को जरूर दर्शाती है..लेकिन बंदर व आवारा कुत्तों को पकड़ने का बजट सिर्फ कागजों में ही सिमट कर रह जाता है..जिसे लेकर कस्बा के मौजिज समाज सेवी लोगो ने परिषद को आवारा कुत्ते व बंदरो को पकड़ने तक कि लिखित शिकायत भी दी है..लेकिन परिषद द्वारा दी गई शिकायतो को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया ..जिसका हरजाना सोहना वासियो को भुगतना पड़ रहा है..बच्चो को आवारा कुत्ते उठा कर अपना निवाला बना रहे है..वही सरकारी हसपताल में कुत्ते व बंदर काटे जाने के इंजेक्शन तक उपलब्ध नही है..अब ऐसे में आप खुद अंदाजा लगा सकते है कि पाँच साल के अपने कार्यकाल में बीजेपी से लोगो को कितना फायदा हुआ है..
बाइट:-समाज सेवी सुभाष पुलानी।Conclusion:वीओ..इस गंभीर विषय को लेकर जब हमारी टीम एसडीएम महोदया के पास पहुची तो उन्होंने कहा कि नगरपरिषद को आवारा कुत्ते व बंदरो के खिलाफ आगामी कार्यवाही करने के लिए निर्देश दिए जा चुके है वही जीव जंतु कल्याण बोर्ड को भी आवारा कुत्ते व बंदरो पर कार्यवाही करने के लिए निर्देश दिए जाएंगे..लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि क्या एसडीएम द्वारा दिए जाने वाले आदेशो को अमलीजामा पहनाया जाएगा..या फिर आवारा कुत्ते यू ही बच्चियों को अपना शिकार बनाते रहेंगे..
बाइट:-सोहना एसडीएम चिनार चहल।
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