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हरियाणा में प्राइवेट नौकरियों में 75 फीसदी आरक्षण कानून से उद्योगपति नाराज़, दूसरे राज्यों में कर सकते हैं उद्योगों को शिफ्ट - Haryana Industrialist 75 Reservation Employment

हरियाणा सरकार ने राज्य के लोगों को निजी नौकरियों में 75 फीसदी आरक्षण दे दिया है. जबसे ये कानून बना है तभी से इसको लेकर बवाल जारी है. पहले विपक्षी नेता तो अब सरकार के लिए उद्योगपति ही मुश्किल खड़ी कर सकते हैं. उद्योगपतियों का कहना है कि वो अपने उद्योगों को हरियाणा से शिफ्ट कर सकते हैं.

75 percent reservation in private jobs in haryana
75 percent reservation in private jobs in haryana
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Published : Mar 22, 2021, 10:50 PM IST

Updated : Mar 22, 2021, 11:01 PM IST

गुरुग्राम: हरियाणा में प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण के मामले में हरियाणा सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. प्रदेश सरकार द्वारा इस पर कानून बनाने के बाद उद्योगपति सरकार के इस फैसले से नाराज़ दिखाई दे रहे हैं.

हरियाणा सरकार के फैसले से उद्योगपति नाराज़

सरकार के खिलाफ उद्योगपतियों की नाराज़गी इस कदर है कि अब फरीदाबाद और गुरुग्राम के कुछ उद्योगपति हरियाणा से अपने उद्योगों को शिफ्ट करने पर भी विचार कर रहे हैं. इसी कड़ी में गुरुग्राम के कुछ उद्योगपतियों ने पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मिलने का समय मांगा है.

हरियाणा में प्राइवेट नौकरियों में 75 फीसदी आरक्षण कानून से उद्योगपति नाराज़, देखें वीडियो

पलायन कर सकते हैं उद्योगपति

दरअसल हरियाणा सरकार ने प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय युवाओं के लिए 75 फ़ीसदी आरक्षण का कानून बना दिया है. जिसको लेकर तमाम इंडस्ट्रियल नाराज हैं. वही इंडस्ट्रीलिस्ट की मानें तो हरियाणा से अच्छी पॉलिसी यूपी, राजस्थान और अन्य जिलों में उपलब्ध है.

ये भी पढे़ं- हरियाणा में कुशल युवाओं की कमी से प्राइवेट नौकरियों में 75% आरक्षण देना सरकार के लिए चुनौती

साथ ही अधिकतर कर्मचारी भी यहीं से आते हैं तो क्यों ना उन्हीं राज्यों में इंडस्ट्री लगाकर वहां व्यापार किया जाए. गुरुग्राम के इंडस्ट्रियल एसोसिएशन उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार में इंडस्ट्रीज को सेटअप करने पर विचार कर रहे हैं.

यूपी और राजस्थान में शिफ्ट हो सकते हैं उद्योग

गुरुग्राम के उद्योगपति केके गांधी का कहना है कि हमारे यहां ज्यादातर वर्कर यूपी, बिहार और राजस्थान से आते हैं तो क्यों न अपने उद्योगों को ही उत्तर प्रदेश या राजस्थान शिफ्ट कर लेते हैं.

गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट जेएन मंगला का कहना है कि हरियाणा में सरकार ने ये जो फैसला लिया है. वो सही नहीं है. उससे प्रदेश में उद्योगों को नुकसान होगा. इस तरह के कानून से हरियाणा में फिर से इंस्पेक्टर राज लौट सकता है. ऐसे में सरकार को इस कानून पर फिर से विचार करना चाहिए.

ये भी पढे़ं- हरियाणा में प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय युवाओं को मिलेगा 75 फीसदी आरक्षण, अधिसूचना जारी

गुरुग्राम के कई उद्योगपतियों की मानें तो वह अभी भी सरकार से यही गुहार लगा रहे हैं कि इस कानून को रद्द किया जाए और इंडस्ट्रीज के बारे में विचार किया जाए. उनका कहना है कि यह कानून बिना किसी इंडस्ट्रीलिस्ट के विचार विमर्श से बनाया गया है. जो हरियाणा की आर्थिक व्यवस्था के साथ-साथ हरियाणा के विकास में भी रुकावट बनेगा.

गुरुग्राम: हरियाणा में प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण के मामले में हरियाणा सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. प्रदेश सरकार द्वारा इस पर कानून बनाने के बाद उद्योगपति सरकार के इस फैसले से नाराज़ दिखाई दे रहे हैं.

हरियाणा सरकार के फैसले से उद्योगपति नाराज़

सरकार के खिलाफ उद्योगपतियों की नाराज़गी इस कदर है कि अब फरीदाबाद और गुरुग्राम के कुछ उद्योगपति हरियाणा से अपने उद्योगों को शिफ्ट करने पर भी विचार कर रहे हैं. इसी कड़ी में गुरुग्राम के कुछ उद्योगपतियों ने पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मिलने का समय मांगा है.

हरियाणा में प्राइवेट नौकरियों में 75 फीसदी आरक्षण कानून से उद्योगपति नाराज़, देखें वीडियो

पलायन कर सकते हैं उद्योगपति

दरअसल हरियाणा सरकार ने प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय युवाओं के लिए 75 फ़ीसदी आरक्षण का कानून बना दिया है. जिसको लेकर तमाम इंडस्ट्रियल नाराज हैं. वही इंडस्ट्रीलिस्ट की मानें तो हरियाणा से अच्छी पॉलिसी यूपी, राजस्थान और अन्य जिलों में उपलब्ध है.

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साथ ही अधिकतर कर्मचारी भी यहीं से आते हैं तो क्यों ना उन्हीं राज्यों में इंडस्ट्री लगाकर वहां व्यापार किया जाए. गुरुग्राम के इंडस्ट्रियल एसोसिएशन उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार में इंडस्ट्रीज को सेटअप करने पर विचार कर रहे हैं.

यूपी और राजस्थान में शिफ्ट हो सकते हैं उद्योग

गुरुग्राम के उद्योगपति केके गांधी का कहना है कि हमारे यहां ज्यादातर वर्कर यूपी, बिहार और राजस्थान से आते हैं तो क्यों न अपने उद्योगों को ही उत्तर प्रदेश या राजस्थान शिफ्ट कर लेते हैं.

गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट जेएन मंगला का कहना है कि हरियाणा में सरकार ने ये जो फैसला लिया है. वो सही नहीं है. उससे प्रदेश में उद्योगों को नुकसान होगा. इस तरह के कानून से हरियाणा में फिर से इंस्पेक्टर राज लौट सकता है. ऐसे में सरकार को इस कानून पर फिर से विचार करना चाहिए.

ये भी पढे़ं- हरियाणा में प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय युवाओं को मिलेगा 75 फीसदी आरक्षण, अधिसूचना जारी

गुरुग्राम के कई उद्योगपतियों की मानें तो वह अभी भी सरकार से यही गुहार लगा रहे हैं कि इस कानून को रद्द किया जाए और इंडस्ट्रीज के बारे में विचार किया जाए. उनका कहना है कि यह कानून बिना किसी इंडस्ट्रीलिस्ट के विचार विमर्श से बनाया गया है. जो हरियाणा की आर्थिक व्यवस्था के साथ-साथ हरियाणा के विकास में भी रुकावट बनेगा.

Last Updated : Mar 22, 2021, 11:01 PM IST
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