गुरुग्राम: हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (Haryana Real Estate Regulatory Authority) ने देश के बड़े बिल्डरों में से एक अंसल हाउसिंग कॉरपोरेशन के निदेशकों के खिलाफ जारी किये गए वारंट को वापस ले लिया है. हालांकि वारंट वापस लेने के पीछे का क्या कारण है इस बात का पता अभी नहीं चल पाया है. इस बात की जानकारी एक प्रेस नोट जारी कर दी गई है.
क्या है पूरा मामला- हरेरा के चेयरमैन ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि अंसल हाउसिंग कॉरपोरेशन के खिलाफ पांच शिकायतें दर्ज हुई थी. शिकायत के बाद लगभग 5 करोड़ रुपये 9.3 प्रतिशत ब्याज के साथ आवंटियों को पैसा वापस करना था लेकिन कई बार नोटिस के बाद भी पैसा वापस नहीं किया गया. इसके बाद निवेशक राजीव शर्मा समेंत पांच अन्य लोगों ने इस मामले को हरेरा में याचिका दाखिल कर न्याय की गुहार लगाई थी.
ये याचिका हरेरा एक्ट-2016 की धारा 31 (रूल-29 हरेरा-2017) के तहत दायर की गई थी. याचिका के तहत मेसर्स अंसल हाउसिंग लिमिटेड को इन्वेस्टर्स को पांच करोड़ रुपये 9.3 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने को कहा गया था. लेकिन कई बार की नोटिस के बावजूद अंसल हाउसिंग ने आवंटियों के पैसे नहीं लौटाए और ना निर्धारित समय में कोई अपील दायर की गई. इसके बाद निवेशकों ने हरेरा के सामने आदेश का पालन कराए जाने के लिए अपील की. इसके बाद मामले में अंसल हाउसिंग का बैंक अकाउंट इस केस से अटैच कर दिया गया.
बैंक मैनेजर ने हरेरा में बताया कि अंसल के इस बैंक खाते में कोई पैसे नहीं है. इसके बाद अंसल हाउसिंग को अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने का आदेश दिया गया था. बावजूद इसके अंसल हाउसिंग की ओर से इसका कोई जवाब ना दिए जाने पर हरेरा के चेयरमैन के.के खंडेलवाल ने अंसल हाउसिंग ग्रु के डायरेक्टर कुंशगर अंसल, करुण अंसल, एसएल कपूर, अशोक खन्ना समेत अंसल हाउसिंग के मैनेजर के खिलाफ वारंट जारी कर दिया. हालांकि बाद में मीडिया के सामने एक प्रेस नोट जारी कर यह कहा गया कि यह आदेश वापस ले लिया गया है. हालांकि इसके क्या कारण थे यह पता नहीं चल सका है.
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