गुरुग्राम: गुरुग्राम में हुई करोड़ों की चोरी के मामले में बड़ा मोड़ आया है. दरअसल एसटीएफ ने आईपीएस धीरज कुमार (IPS dheeraj kumar) की मामले में संलिप्तता पाई है. धीरज कुमार को पूछताछ के लिए 2 बार नोटिस जारी किया गया, लेकिन वह जांच में शामिल होने के लिए नहीं पहुंचे. एसटीएफ ने आईपीएस को आरोपी मानते हुए उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत आईपीसी की धारा 411 को भी जोड़ा है. वहीं हरियाणा सरकार ने आईपीएस अधिकारी धीरज कुमार को सस्पेंड कर दिया है.
धीरज कुमार फिलहाल सुनारिया रोहतक में आईआरबी की थर्ड बटालियन के कमांडेंट के पद पर नियुक्त थे. गृह सचिव राजीव अरोड़ा ने सस्पेंशन आर्डर जारी किए हैं. ये मामला गुरुग्राम में हुई चोरी से जुड़ा है. दरअसल गुरुग्राम के सेक्टर-84 की एक सोसायटी के फ्लैट में कुछ महीने पहले चोरी की गई थी. बिल्डर ने जिसकी शिकायत संबंधित थाने में दी.
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वहीं खेड़की दौला थाने ने शुरुआती जांच में 50 लाख की चोरी बता 6 लोगों को गिरफ्तार किया था. जिसमें दिल्ली पुलिस के एएसआई विकास गुलिया भी शामिल था, लेकिन बिल्डर ने चोरी को कई करोड़ की चोरी बताया और इसकी शिकायत ऊपरी अधिकारियों से की. जिसके बाद मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई और एसटीएफ ने मामले का खुलासा करते हुए गुरुग्राम के दो नामी डॉक्टर को गिरफ्तार किया. साथ ही दिल्ली के गैंगस्टर विकास लगरपुरिया के गुर्गों को भी गिरफ्तार किया गया. जिसमें 3 करोड़ रुपए के आसपास बरामद किए गए.
वहीं एसटीएफ अधिकारियों के अनुसार बिल्डर के फ्लैट से 20 करोड़ से ज्यादा रुपये की चोरी हुई थी. इस चोरी के मामले में मुख्य आरोपी एएसआई विकास गुलिया है. एएसआई ने ही करोड़ों रुपयों को गिना और ठिकाने लगाया और बांटा भी था. ऐसे में अब आईपीएस अधिकारी धीरज कुमार की उसमें संलिप्तता पाई गई जिसे अब सस्पेंड कर दिया गया है.
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