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सड़क पर पानी से भरे गड्ढे में गायब हुई बाइक, लोगों ने खोजबीन के बाद बाहर निकाली

देश की हाईटेक सिटी गुरुग्राम से आई एक ऐसी तस्वीर दिखाते हैं जिसे देखकर आपको आश्चर्य भी होगा और गुस्सा भी आएगा. यहां सड़क पर बने विशालकाय गड्ढे में एक बाइकसवार गिर पड़ा. गड्ढा इतना बड़ा था कि लोगों को मदद से बाइक को खोजकर निकालना पड़ा. गनीमत रही कि बाइकसवार बाल-बाल बच गया.

गुरुग्राम: सड़क पर बने गड्ढे में डूब गई बाइक
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Published : Nov 20, 2019, 11:02 PM IST

गुरुग्राम: सरकार ने बेशक गुड़गांव का नाम बदल कर गुरुग्राम कर दिया हो, लेकिन समस्याएं और व्यवस्थाएं जस की तस बनी हुई हैं. दरअसल गुरुग्राम के पटौदी चौक पुलिस पोस्ट के सामने पानी की मेन लाइन फटने से बना गड्ढा यहां से गुजरने वाले सैकड़ों वाहन चालकों की जान के लिए मुसीबत बनता जा रहा है.

गड्ढे में घुस गई बाइक
बुधवार को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. एक बाइक सवार युवक सीधे इस गड्ढे में जा गिरा. गनीमत रही कि स्थानीय लोगों की मदद से युवक और बाइक को निकाल लिया गया, लेकिन लोगों को कहना है कि यह पहली बार नहीं हुआ. बस अधिकारी आते हैं और नाममात्र काम करके चले जाते हैं.

सड़क पर बने गड्ढे में डूब गई बाइक, देखें वीडियो

लीकेज से हजारों लीटर पानी हो जाता है बर्बाद
विभाग की तरफ से काम करके जाने के 4 चार दिन के बाद फिर से इसी तरह की लीकेज इस लाइन में आती रहती है. हफ्ते भर से इस गढ्ढे को लेकर काम किया जा रहा है, लेकिन अभी तक कोई स्थायी हल अधिकारियों को भी मिल नहीं पा रहा है. जिसके चलते अभी तक हजारों लीटर पानी इस लीकेज के कारण बर्बाद हो चुका है.

ये भी पढ़ें- सिरसा: पिता के बच्चे की मां बनी 14 साल की नाबालिग, 6 महीने पहले किया था दुष्कर्म

आपको बता दें कि नगद निगम गुरुग्राम का तकरीबन 2 हजार करोड़ का बजट है. सालाना जिसे की सिटी को ब्यूटीफुल सिटी बनाने के लिए सरकारी बाबू योजनाएं तो बनाते हैं, लेकिन तमाम योजनाएं जमीनी स्तर पर कितनी कारगर रहती है या असर डालती है. इसका जीता जागता उदाहरण आप इस पानी से भरे गढ्ढे से लगा सकते है.

गुरुग्राम: सरकार ने बेशक गुड़गांव का नाम बदल कर गुरुग्राम कर दिया हो, लेकिन समस्याएं और व्यवस्थाएं जस की तस बनी हुई हैं. दरअसल गुरुग्राम के पटौदी चौक पुलिस पोस्ट के सामने पानी की मेन लाइन फटने से बना गड्ढा यहां से गुजरने वाले सैकड़ों वाहन चालकों की जान के लिए मुसीबत बनता जा रहा है.

गड्ढे में घुस गई बाइक
बुधवार को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. एक बाइक सवार युवक सीधे इस गड्ढे में जा गिरा. गनीमत रही कि स्थानीय लोगों की मदद से युवक और बाइक को निकाल लिया गया, लेकिन लोगों को कहना है कि यह पहली बार नहीं हुआ. बस अधिकारी आते हैं और नाममात्र काम करके चले जाते हैं.

सड़क पर बने गड्ढे में डूब गई बाइक, देखें वीडियो

लीकेज से हजारों लीटर पानी हो जाता है बर्बाद
विभाग की तरफ से काम करके जाने के 4 चार दिन के बाद फिर से इसी तरह की लीकेज इस लाइन में आती रहती है. हफ्ते भर से इस गढ्ढे को लेकर काम किया जा रहा है, लेकिन अभी तक कोई स्थायी हल अधिकारियों को भी मिल नहीं पा रहा है. जिसके चलते अभी तक हजारों लीटर पानी इस लीकेज के कारण बर्बाद हो चुका है.

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आपको बता दें कि नगद निगम गुरुग्राम का तकरीबन 2 हजार करोड़ का बजट है. सालाना जिसे की सिटी को ब्यूटीफुल सिटी बनाने के लिए सरकारी बाबू योजनाएं तो बनाते हैं, लेकिन तमाम योजनाएं जमीनी स्तर पर कितनी कारगर रहती है या असर डालती है. इसका जीता जागता उदाहरण आप इस पानी से भरे गढ्ढे से लगा सकते है.

Intro:गुरुग्राम-:गढ्ढा दे रहा हादसों को न्योता
पानी की मेन लाइन फटने से हुआ बड़ा गढ्ढा
कल दोपहर को भी बाइक सवार युवक बाइक समेत हुआ था हादसे का शिकार
हादसे में बाइक सवार युवक की स्थानियो ने बचाई थी जान
हज़ारो लीटर पानी हो रहा बीते हफ्ते भर से बर्बाद
अधिकारी ऐसी कमरों में बैठ कर सिटी ब्यूटीफुल बनाने को लेकर बना रहे कागज़ी योजनाएं
मामले में सरकरी विभाग एक दूसरे पर डाल रहे रिपेयरिंग की जिम्मेदार
Body:प्रदेश सरकार ने बेशक गुड़गाव का नाम बदल कर गुरुग्राम कर दिया हो, लेकिन साइबर सिटी की समस्याएं और व्यवस्थाएं जस की तस बनी हुई है......दरअसल गुरुग्राम के पटौदी चौक पुलिस पोस्ट के सामने पानी की मेन लाइन फटने से बना गढ्ढा यहां से गुजरने वाले सैकड़ो वाहन चालकों की जान के लिए मुसीबत बनता जा रहा है.......स्थानीय नागरिकों की माने तो बीते हफ्ते भर से इस गढ्ढे को लेकर काम किया जा रहा है लेकिन अभी तक कोई स्थायी हल अधिकारियों को भी मिल नही पा रहा है.......जिसके चलते अभी तक हज़ारो लीटर पानी इस लीकेज के कारण बर्बाद हो चुका है.......

बाइट-:सुनील स्थानीय नागरिक
बाइट-:विपुल स्थानीय नागरिक

आपको बता दे कि नगद निगम गुरुग्राम का तकरीबन 2 हज़ार करोड़ का बजट है सालाना जिसे की सिटी को ब्यूटीफुल सिटी बनाने के लिए सरकारी बाबू ऐसी कमरों में योजनाएं तो बनाते है लेकिन ऐसी तमाम योजनाएं जमीनी स्तर पर कितनी कारगर रहती है या असर डालती है इसका जीता जागता उदाहरण आप इस पानी से भरे गढ्ढे से लगा सकते है जो कि कैसे यहां से गुजरने वाले सैकड़ो वाहन चालक अपनी जिंदगी को खतरे में डाल रहे है......आपको बता दे कि भी इसी गढ्ढे में एक बड़ा हादसा टल गया जब एक बाइक सवार युवक सीधे इस गढ्ढे में जा गिरा.....गनीमत रही कि स्थानीय लोगो की मदद से पहले युवक और फिर बाइक को भी निकाल लिया गया .......लेकिन स्थानीय लोगो की माने तो यह पहली बार नही ह की यहां इस तरह का गढ़ढ़ हुआ और उसे ठीक न किया गया हो बस अधिकारी आते है और नाममात्र काम करके चले जाते है और इसके 4 चार दिन के बाद फिर से इसी तरह की लीकेज इस लाइन में आती रहती है.......

बाइट-देविंदर:स्थानीय नागरिकConclusion:लेकिन बड़ा सवाल यह भी ह की आखिर आम इंसान जाए तो जाए कहा...... कहा करे ऐसे सरकारी बाबुओं की शिकायत जो सिटी में कई सालों से जमे बैठे है लेकिन काम नही करते है......क्यो आखिर प्रदेश की आर्थिक नगरी मिलेनियम सिटी का यह हाल वर्षो से बना हुआ है और वो भी तब जब मुख्यमंत्री खुद गुरुग्राम के ग्रीवेंस कमेटी के चेयरमेन रहे है।
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