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गुरुग्राम: पलड़ा गांव ने 21 करोड़ रुपये हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड करवाया जमा

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Published : Aug 13, 2020, 10:04 PM IST

Updated : Aug 15, 2020, 10:41 PM IST

गुरुग्राम के पलडा गांव की पंचायत ने अपने बजट की आधी रकम हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड में जमा करवाई है.

Gurugram Palda village deposited Rupees 21 crore haryana corona relief fund
पलड़ा गांव ने 21 करोड़ रुपये हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड करवाया जमा

गुरुग्राम: कोरोना महामारी के इस दौर में सभी ने किसी ना किसी जरिए मदद के हाथ आगे बढ़ाएं हैं. ऐसे ही गुरुग्राम की पलड़ा गांव ने 21 करोड़ रुपये हरियाणा कोरोना राहत कोष में दान दिए. पलड़ा गांव की सरपंच मुनेश देवी ने मंगलवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को इस राशि का चेक सौंपा. वहीं मुख्यमंत्री ने भी इस योगदान के लिए ग्राम पंचायत पलड़ा की सराहना की.

आपको बता दें कि पलड़ा पंचायत का बजट लगभग 42 करोड़ रुपये था. जिसमें से आधी रकम कोरोना राहत कोष में दे दी गई. ये राज्य में किसी भी ग्राम पंचायत की तरफ से कोरोना राहत कोष में दी गई सबसे ज्यादा रकम है. वहीं पलड़ा गांव के साथ ही प्रदेश में पानीपत के बाल जटान ने 10.50 करोड़ रुपये राहत कोष में जमा करवाए हैं. सोनीपत के सरसा और रामपुर ने 11 करोड़ और 2.50 करोड़ रुपये जमा करवाए हैं. वहीं नारनौल के नसीबपुर गांव ने भी पांच करोड़ रुपये कोरोना राहत कोष में दान दिया है.

पलड़ा गांव ने 21 करोड़ रुपये हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड करवाया जमा, देखिए वीडियो

गांव ने सीएम से मांग

ईटीवी भारत की टीम ने प्रदेश के इन पांचों गांवों का दौरा किया. ये गांव पहली नजर में हर अधारभूत सुविधाओं से परिपूर्ण दिखता है. बस एक दिक्कत है यहां स्कूल सिर्फ दसवीं तक है. 10वीं पास कर चुके बच्चों को गांव से कई किलोमीटर दूर पढ़ाई के लिए जाना पड़ता है. पलड़ा ग्राम वासियों की मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मांग की है कि गांव में बने दसवीं तक के स्कूल को 12वीं तक किया जाए. साथ ही गांव में बने पीएचसी सेंटर में भी सुविधाएं बढ़ाई जाए.

क्या होता है डेवलपमेंड फंड?

जी हां. 'डेवलपमेंट फंड'. अंग्रेजी को हिंदी में समझा जाए तो इसे 'विकास कोष' कह सकते हैं. यानी ये वो रकम होती है जो ग्राम पंचायत या तो सरकार से हासिल करती है, या फिर अपनी संपत्तियों से कमाती है, जैसे कि ग्राम पंचायत की जमीन को सरकारी, निजी और सहकारी कंपनियों को बेचकर या लीज पर देकर.

अमूमन इस फंड को ग्राम पंचायत अपने गांव के विकास के लिए खर्च करती हैं, जैसे कि बिजली-पानी की व्यवस्था करवाना, सड़कें पक्की करवाना, जोहड़ बनवाना, स्कूलों की मरम्मत, जागरुकता आदी-आदी. लेकिन इन पांचों गांवों अपने इस फंड की बहुत बड़ी राशि हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड में दे दी.

ये भी पढ़िए: कई पीढ़ियों से तिरंगा बना रहा अंबाला ये का ये परिवार, इसी दुकान में बना था कारगिल का विजय ध्वज

गुरुग्राम: कोरोना महामारी के इस दौर में सभी ने किसी ना किसी जरिए मदद के हाथ आगे बढ़ाएं हैं. ऐसे ही गुरुग्राम की पलड़ा गांव ने 21 करोड़ रुपये हरियाणा कोरोना राहत कोष में दान दिए. पलड़ा गांव की सरपंच मुनेश देवी ने मंगलवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को इस राशि का चेक सौंपा. वहीं मुख्यमंत्री ने भी इस योगदान के लिए ग्राम पंचायत पलड़ा की सराहना की.

आपको बता दें कि पलड़ा पंचायत का बजट लगभग 42 करोड़ रुपये था. जिसमें से आधी रकम कोरोना राहत कोष में दे दी गई. ये राज्य में किसी भी ग्राम पंचायत की तरफ से कोरोना राहत कोष में दी गई सबसे ज्यादा रकम है. वहीं पलड़ा गांव के साथ ही प्रदेश में पानीपत के बाल जटान ने 10.50 करोड़ रुपये राहत कोष में जमा करवाए हैं. सोनीपत के सरसा और रामपुर ने 11 करोड़ और 2.50 करोड़ रुपये जमा करवाए हैं. वहीं नारनौल के नसीबपुर गांव ने भी पांच करोड़ रुपये कोरोना राहत कोष में दान दिया है.

पलड़ा गांव ने 21 करोड़ रुपये हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड करवाया जमा, देखिए वीडियो

गांव ने सीएम से मांग

ईटीवी भारत की टीम ने प्रदेश के इन पांचों गांवों का दौरा किया. ये गांव पहली नजर में हर अधारभूत सुविधाओं से परिपूर्ण दिखता है. बस एक दिक्कत है यहां स्कूल सिर्फ दसवीं तक है. 10वीं पास कर चुके बच्चों को गांव से कई किलोमीटर दूर पढ़ाई के लिए जाना पड़ता है. पलड़ा ग्राम वासियों की मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मांग की है कि गांव में बने दसवीं तक के स्कूल को 12वीं तक किया जाए. साथ ही गांव में बने पीएचसी सेंटर में भी सुविधाएं बढ़ाई जाए.

क्या होता है डेवलपमेंड फंड?

जी हां. 'डेवलपमेंट फंड'. अंग्रेजी को हिंदी में समझा जाए तो इसे 'विकास कोष' कह सकते हैं. यानी ये वो रकम होती है जो ग्राम पंचायत या तो सरकार से हासिल करती है, या फिर अपनी संपत्तियों से कमाती है, जैसे कि ग्राम पंचायत की जमीन को सरकारी, निजी और सहकारी कंपनियों को बेचकर या लीज पर देकर.

अमूमन इस फंड को ग्राम पंचायत अपने गांव के विकास के लिए खर्च करती हैं, जैसे कि बिजली-पानी की व्यवस्था करवाना, सड़कें पक्की करवाना, जोहड़ बनवाना, स्कूलों की मरम्मत, जागरुकता आदी-आदी. लेकिन इन पांचों गांवों अपने इस फंड की बहुत बड़ी राशि हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड में दे दी.

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Last Updated : Aug 15, 2020, 10:41 PM IST
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