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आग लगते ही हांफने लगता है गुरुग्राम दमकल विभाग! इन 5 बड़ी आगजनी की घटनाओं से उठा सवालिया निशान - गुरुग्राम आगजनी खबर

बढ़ती गर्मी के साथ गुरुग्राम में आग लगने की घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं. साइबर सिटी गुरुग्राम से बीते 2 महीनों के अंदर 5 बड़ी आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं, जो गुरुग्राम दमकल विभाग की तैयारी पर एक सवालिया निशान है.

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आग लगते ही हांफने लगता है गुरुग्राम दमकल विभाग! इन 5 बड़ी आगजनी की घटनाओं से उठा सवालिया निशान
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Published : Apr 16, 2021, 7:42 PM IST

Updated : Apr 16, 2021, 8:43 PM IST

गुरुग्राम: गर्मियां बढ़ते ही आग लगने के मामले भी काफी बढ़ जाते हैं. जैसे ही तापमान बढ़ता है वैसे ही आगजनी की खबरें अलग-अलग इलाकों से सामने आने लगती है, क्योंकि तापमान बढ़ने से कोई भी चीज आसानी से आग पकड़ लेती है. गर्मी के मौसम में इलेक्ट्रिक वायर भी जल्दी गर्म हो जाती है और जरा सा लोड पड़ने पर स्पार्क होने से भी आग लग जाती है. ऐसे में गुरुग्राम दमकल विभाग बढ़ते आग के मामलों पर काबू पाने के लिए कितना सक्षम है और कैसे लोगों को सतर्क होने की जरूरत है? ये जानिए इस स्पेशल रिपोर्ट में -

गुरुग्राम में बीते 2 महीने में 5 आगजनी के मामले

गर्मी बढ़ते ही साइबर सिटी गुरुग्राम से 5 बड़ी आगजनी के मामले सामने आए हैं. कुछ मामले तो इतने भयानक थे कि 15 से 17 घंटे पर आग पर काबू पाया गया. ये मामले गुरुग्राम के हाई राइस सोसायटी, गुरुग्राम के सदर बाजार, नाथूपुर की झुग्गियां, सेक्टर 82 की झुग्गियां और सेक्टर 14 में गारमेंट शॉप से सामने आए हैं. हालांकि गनीमत ये रही कि किसी की जान हानि नहीं हुई, लेकिन इन हादसों में लाखों रुपये का सामान जलकर जरूर राख हो गया.

आग लगते ही हाफने लगता है गुरुग्राम दमकल विभाग!

दमकल विभाग के पास नहीं है पर्याप्त गाड़ियां!
नियम के अनुसार हर 50 हजार की आबादी पर एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी होनी चाहिए. वहीं गुरुग्राम के फायर ऑफिसर की मानें तो गुरुग्राम को 40 गाड़ियों की आवश्यकता है, जिसमें से फिलहाल 15 ही गाड़ियां गुरुग्राम दमकल विभाग के पास है, लेकिन अगर बड़ी आगजनी की घटना होती है तो दमकल विभाग मारुति, होंडा, डीएलएफ जैसी बड़ी प्राइवेट कंपनियों से दमकल की गाड़ियां मांगता है.

5 साल में 6,365 आगजनी के मामले

गुरुग्राम में साल 2014 से 2019 यानी 5 सालों में 6,365 आगजनी के मामले सामने आए और अधिकतर मामले इनमें से वो हैं जो गर्मी के दिनों में ही सामने आए थे. वहीं अधिकतर मामले इंडस्ट्रियल, वेयरहाउस और गाड़ियों में आग लगने के हैं.

ये भी पढ़िए: गुरुग्राम के नाथुपुर में आग से 400 से 500 झुग्गियां जलकर राख

गुरुग्राम दमकल विभाग के अधिकारी की मानें तो आगजनी की घटनाएं जहां एक और तापमान बढ़ने से होती है तो वहीं अधिकतर मामलों में देखा जाता है कि लोगों की लापरवाही से भी ये घटनाएं सामने आती हैं. हालांकि दमकल विभाग समय-समय पर लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाता है, लेकिन इसके बावजूद अभी भी लोगों के अंदर जागरुकता का अभाव है.

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आग से कैसे बचें?

ये भी पढ़िए: गुरुग्राम: सेक्टर-14 की मेन मार्केट में लगी भीषण आग, लाखों का सामान जलकर राख

एक्सपर्ट्स की मानें तो घर में वायरिंग कराते समय लोग पैसे बचाने के चक्कर में अक्सर सस्ती वायर लगा लते हैं, जो आईएसआई सर्टिफाइड नहीं होती. इसके अलावा एक बार वायरिंग करा कर लोग निश्चित हो जाते हैं और उसको अपग्रेड नहीं कराते, जबकि वक्त के साथ घर में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बढ़ते जाते हैं. ऐसे में घरों में लगी पुरानी वायर इतना लोड सहन नहीं कर पाती और शॉर्ट सर्किट हो जाता है और घरों में आग लगने का सबसे बड़ा कारण यही होता है.

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आग लगने पर क्या करें

गुरुग्राम: गर्मियां बढ़ते ही आग लगने के मामले भी काफी बढ़ जाते हैं. जैसे ही तापमान बढ़ता है वैसे ही आगजनी की खबरें अलग-अलग इलाकों से सामने आने लगती है, क्योंकि तापमान बढ़ने से कोई भी चीज आसानी से आग पकड़ लेती है. गर्मी के मौसम में इलेक्ट्रिक वायर भी जल्दी गर्म हो जाती है और जरा सा लोड पड़ने पर स्पार्क होने से भी आग लग जाती है. ऐसे में गुरुग्राम दमकल विभाग बढ़ते आग के मामलों पर काबू पाने के लिए कितना सक्षम है और कैसे लोगों को सतर्क होने की जरूरत है? ये जानिए इस स्पेशल रिपोर्ट में -

गुरुग्राम में बीते 2 महीने में 5 आगजनी के मामले

गर्मी बढ़ते ही साइबर सिटी गुरुग्राम से 5 बड़ी आगजनी के मामले सामने आए हैं. कुछ मामले तो इतने भयानक थे कि 15 से 17 घंटे पर आग पर काबू पाया गया. ये मामले गुरुग्राम के हाई राइस सोसायटी, गुरुग्राम के सदर बाजार, नाथूपुर की झुग्गियां, सेक्टर 82 की झुग्गियां और सेक्टर 14 में गारमेंट शॉप से सामने आए हैं. हालांकि गनीमत ये रही कि किसी की जान हानि नहीं हुई, लेकिन इन हादसों में लाखों रुपये का सामान जलकर जरूर राख हो गया.

आग लगते ही हाफने लगता है गुरुग्राम दमकल विभाग!

दमकल विभाग के पास नहीं है पर्याप्त गाड़ियां!
नियम के अनुसार हर 50 हजार की आबादी पर एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी होनी चाहिए. वहीं गुरुग्राम के फायर ऑफिसर की मानें तो गुरुग्राम को 40 गाड़ियों की आवश्यकता है, जिसमें से फिलहाल 15 ही गाड़ियां गुरुग्राम दमकल विभाग के पास है, लेकिन अगर बड़ी आगजनी की घटना होती है तो दमकल विभाग मारुति, होंडा, डीएलएफ जैसी बड़ी प्राइवेट कंपनियों से दमकल की गाड़ियां मांगता है.

5 साल में 6,365 आगजनी के मामले

गुरुग्राम में साल 2014 से 2019 यानी 5 सालों में 6,365 आगजनी के मामले सामने आए और अधिकतर मामले इनमें से वो हैं जो गर्मी के दिनों में ही सामने आए थे. वहीं अधिकतर मामले इंडस्ट्रियल, वेयरहाउस और गाड़ियों में आग लगने के हैं.

ये भी पढ़िए: गुरुग्राम के नाथुपुर में आग से 400 से 500 झुग्गियां जलकर राख

गुरुग्राम दमकल विभाग के अधिकारी की मानें तो आगजनी की घटनाएं जहां एक और तापमान बढ़ने से होती है तो वहीं अधिकतर मामलों में देखा जाता है कि लोगों की लापरवाही से भी ये घटनाएं सामने आती हैं. हालांकि दमकल विभाग समय-समय पर लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाता है, लेकिन इसके बावजूद अभी भी लोगों के अंदर जागरुकता का अभाव है.

summer gurugram fire
आग से कैसे बचें?

ये भी पढ़िए: गुरुग्राम: सेक्टर-14 की मेन मार्केट में लगी भीषण आग, लाखों का सामान जलकर राख

एक्सपर्ट्स की मानें तो घर में वायरिंग कराते समय लोग पैसे बचाने के चक्कर में अक्सर सस्ती वायर लगा लते हैं, जो आईएसआई सर्टिफाइड नहीं होती. इसके अलावा एक बार वायरिंग करा कर लोग निश्चित हो जाते हैं और उसको अपग्रेड नहीं कराते, जबकि वक्त के साथ घर में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बढ़ते जाते हैं. ऐसे में घरों में लगी पुरानी वायर इतना लोड सहन नहीं कर पाती और शॉर्ट सर्किट हो जाता है और घरों में आग लगने का सबसे बड़ा कारण यही होता है.

summer gurugram fire
आग लगने पर क्या करें
Last Updated : Apr 16, 2021, 8:43 PM IST
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