गुरुग्राम: गर्मियां बढ़ते ही आग लगने के मामले भी काफी बढ़ जाते हैं. जैसे ही तापमान बढ़ता है वैसे ही आगजनी की खबरें अलग-अलग इलाकों से सामने आने लगती है, क्योंकि तापमान बढ़ने से कोई भी चीज आसानी से आग पकड़ लेती है. गर्मी के मौसम में इलेक्ट्रिक वायर भी जल्दी गर्म हो जाती है और जरा सा लोड पड़ने पर स्पार्क होने से भी आग लग जाती है. ऐसे में गुरुग्राम दमकल विभाग बढ़ते आग के मामलों पर काबू पाने के लिए कितना सक्षम है और कैसे लोगों को सतर्क होने की जरूरत है? ये जानिए इस स्पेशल रिपोर्ट में -
गुरुग्राम में बीते 2 महीने में 5 आगजनी के मामले
गर्मी बढ़ते ही साइबर सिटी गुरुग्राम से 5 बड़ी आगजनी के मामले सामने आए हैं. कुछ मामले तो इतने भयानक थे कि 15 से 17 घंटे पर आग पर काबू पाया गया. ये मामले गुरुग्राम के हाई राइस सोसायटी, गुरुग्राम के सदर बाजार, नाथूपुर की झुग्गियां, सेक्टर 82 की झुग्गियां और सेक्टर 14 में गारमेंट शॉप से सामने आए हैं. हालांकि गनीमत ये रही कि किसी की जान हानि नहीं हुई, लेकिन इन हादसों में लाखों रुपये का सामान जलकर जरूर राख हो गया.
दमकल विभाग के पास नहीं है पर्याप्त गाड़ियां!
नियम के अनुसार हर 50 हजार की आबादी पर एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी होनी चाहिए. वहीं गुरुग्राम के फायर ऑफिसर की मानें तो गुरुग्राम को 40 गाड़ियों की आवश्यकता है, जिसमें से फिलहाल 15 ही गाड़ियां गुरुग्राम दमकल विभाग के पास है, लेकिन अगर बड़ी आगजनी की घटना होती है तो दमकल विभाग मारुति, होंडा, डीएलएफ जैसी बड़ी प्राइवेट कंपनियों से दमकल की गाड़ियां मांगता है.
5 साल में 6,365 आगजनी के मामले
गुरुग्राम में साल 2014 से 2019 यानी 5 सालों में 6,365 आगजनी के मामले सामने आए और अधिकतर मामले इनमें से वो हैं जो गर्मी के दिनों में ही सामने आए थे. वहीं अधिकतर मामले इंडस्ट्रियल, वेयरहाउस और गाड़ियों में आग लगने के हैं.
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गुरुग्राम दमकल विभाग के अधिकारी की मानें तो आगजनी की घटनाएं जहां एक और तापमान बढ़ने से होती है तो वहीं अधिकतर मामलों में देखा जाता है कि लोगों की लापरवाही से भी ये घटनाएं सामने आती हैं. हालांकि दमकल विभाग समय-समय पर लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाता है, लेकिन इसके बावजूद अभी भी लोगों के अंदर जागरुकता का अभाव है.
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एक्सपर्ट्स की मानें तो घर में वायरिंग कराते समय लोग पैसे बचाने के चक्कर में अक्सर सस्ती वायर लगा लते हैं, जो आईएसआई सर्टिफाइड नहीं होती. इसके अलावा एक बार वायरिंग करा कर लोग निश्चित हो जाते हैं और उसको अपग्रेड नहीं कराते, जबकि वक्त के साथ घर में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बढ़ते जाते हैं. ऐसे में घरों में लगी पुरानी वायर इतना लोड सहन नहीं कर पाती और शॉर्ट सर्किट हो जाता है और घरों में आग लगने का सबसे बड़ा कारण यही होता है.