गुरुग्राम: हरियाणा में कोरोना वायरस की दूसरी लहर (second wave of coronavirus) को सबसे ज्यादा साइबर सिटी गुरुग्राम ने झेला है. अप्रैल और मई महीने में गुरुग्राम में रोजाना 3 से 4 हजार कोरोना संक्रमित (gurugram corona case) आ रहे थे, और अब सवाल ये है कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है तो स्वास्थ्य विभाग कितना तैयार है? इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने गुरुग्राम के सरकारी अस्पतालों का जायजा लिया.
जिसमें ये पता चला कि गुरुग्राम के पास अभी भी कोविड मरीजों के लिए पर्याप्त बेड् नहीं हैं. पड़ताल में ये सामने आया कि 100 बेड के सिविल अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए सिर्फ 43 बेड आरक्षित हैं. ऐसे में सवाल ये है कि 25 लाख की आबादी वाला गुरुग्राम शहर सरकारी सिस्टम पर आखिर कैसे भरोसा करे?
ईएसआई अस्पताल को बनाया गया कोविड-19 हॉस्पिटल
कोरोना के मामले बढ़े तो गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग (gurugram health department) ने ईएसआई अस्पताल को कोरोना अस्पताल में तब्दील कर दिया. क्योंकि विभाग के पास कोई और विकल्प नहीं बचा था. ऐसे में गुरुग्राम के ईएसआई अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए 69 बेड आरक्षित कर दिए गए. अब सिविल अस्पताल के साथ यहां भी कोविड मरीजों का इलाज होता है. लेकिन 25 लाख की आबादी वाले शहर के लिए ये स्वास्थ्य सेवा नाकाफी है.
गुरुग्राम में वेंटीलेटर की कमी
गुरुग्राम के सिविल अस्पताल (gurugram civil hospital) मे वेंटिलेटर की काफी कमी है. अस्पताल में 4 वेंटिलेटर कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित हैं और और एक अन्य मरीज के लिए. ऐसे में अगर अस्पताल में एक समय पर 5 से ज्यादा मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है तो सरकारी स्वास्थ्य सिस्टम प्राइवेट अस्पतालों के भरोसे होता है. सिस्टम की ये बेबसी कोरोना मरीजों पर भारी पड़ सकती है.
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अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों की देखरेख में कई मेडिकल उपकरणों की जरूरत होती है, जैसे ऑक्सीमीटर, बीपी मॉनिटर, सीटी-स्कैन मशीन. अस्पताल में इन सभी उपकरणों का होना काफी जरूरत है. इसी को लेकर हमारी टीम ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी से बात की. डॉ. जयप्रकाश ने बताया कि सिविल अस्पताल में जरूरी मेडिकल उपकरणों की कोई कमी नहीं है.
गुरुग्राम में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की जरूरत
ये बात सच है कि अभी कोरोना संक्रमण पर काफी हद तक ब्रेक लगा है. संक्रमण की भी रफ्तार काफी कम हुई है. लेकिन एक सच ये भी है कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है तो उसके लिए अभी गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग बिल्कुल तैयार नहीं है. साइबर सिटी में स्वास्थ्य ढांचे को काफी मजबूत करने की जरूरत है, क्योंकि अगर हेल्थ सिस्टम ऐसे ही चलता रहा तो तीसरी लहर में हालात काफी भयावह हो सकते हैं.