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बजट 2020: वित्त मंत्री से इस बार हरियाणा के ऑटो मोबाइल सेक्टर को है बड़ी आस

ऑटोमोबाइल सेक्टर को केंद्रीय बजट से काफी उम्मीदें हैं. उनका कहना है कि अगर सरकार का बजट अच्छा होता है तो उन्हें मंदी के दौर से निकलने में काफी सहायता मिलेगी. साथ ही ऑटोमोबाइल इंडस्ट्रियलिस्ट ने कई योजनाओं पर भी सरकार को दोबारा सोचने के लिए कहा.

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Published : Jan 30, 2020, 5:27 PM IST

gurugram automobile sector expectation from budget
वित्त मंत्री से इस बार ऑटो मोबाइल सेक्टर की बड़ी आस

गुरुग्राम: ऑटोमोबाइल सेक्टर को साल 2020 के केंद्रीय बजट से काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि ऑटोमोबाइल सेक्टर पिछले दो दशकों की सबसे बड़ी मंदी के दौर से गुजर रहा है. ऐसे में ऑटोमोबाइल सेक्टर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उम्मीद है कि वो इस बजट से फिर से ऑटोमोबाइल सेक्टर में जान डालने का काम करेंगी.

मंदी का साल रहा 2019
दरअसल, साल 2019 में ऑटो कंपनियों को सबसे ज्यादा मंदी का शिकार होना पड़ा. अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती और आर्थिक विकास दर में गिरावट के चलते गाड़ियों की मांग में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है. कारों की बिक्री हो या स्कूटर या मोटरसाइकिल या फिर कमर्शियल वाहन सभी के सेल्स औंधे मुंह जा गिरे हैं.

वित्त मंत्री से इस बार ऑटो मोबाइल सेक्टर की बड़ी आस, देखिए रिपोर्ट

सेल्स में गिरावट के चलते ऑटो कंपनियों को उत्पादन भी घटाना पड़ा था. यही नहीं कुछ दिनों के लिए तो कई कंपनियों ने प्लांट भी बंद कर दिया था. ऐसे में ऑटोमोबाइल सेक्टर को बजट से उम्मीद है कि इस बजट में उनके लिए कुछ खास हो ताकि जल्द ही ये सेक्टर मंदी से उबर सके.

इंडस्ट्रियलिस्ट चाहते हैं जीएसटी में छूट
इस सेक्टर में जुड़े व्यापारियों की मानें तो इस बजट में उम्मीद है कि सरकार जीएसटी के स्लैब में कुछ रिबेट देगी, क्योंकि जो ऑटोमोटिव के कॉम्पोनेंट है उसमें 28% तक जीएसटी लगाया जा रहा है. जिससे ऑटोमोटिव सेक्टर की मुश्किलें बढ़ गई हैं. ऐसी उम्मीद है कि इस बजट में जीएसटी का स्लैब कम किया जाए, तभी इस सेक्टर को फायदा होगा.

'बजट से पड़ेगा नौकरियों पर असर'
देश में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है. ऐसे में इंडस्ट्रियलिस्ट की मानें तो अगर बजट अच्छा होगा तो मार्केट में तेजी आएगी और तेजी आने पर नौकरियां भी बढ़ेंगी. वहीं एक अप्रैल 2020 से देशभर में बी.एस 6 अपडेशन वाले वाहन ही बिकेंगे और ऐसे में कंपनियों ने साल 2019 से ही अपने प्रोडक्ट को बी.एस 6 नॉर्म्स के हिसाब से अपडेट करना शुरू कर दिया है, क्योंकि बी.एस 6 वाली डेडलाइन नजदीक है और ऐसे में कंपनियां किसी भी किसी तरह की रिस्क नहीं लेना चाहती हैं.

'सरकार जल्द लाए स्क्रैप-पेज पॉलिसी'
ऑटोमोबाइल सेक्टर से जुड़े लोगों की मानें तो सरकार ऐसे अपडेशन में कम से कम 5 साल का गैप जरूर रखे, क्योंकि जल्दी-जल्दी अपडेशन में कंपनियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है. वहीं ऑटो सेक्टर में तेजी लाने के लिए और गाड़ियों की बिक्री बढ़ाने के लिए इन लोगों ने सरकार से स्क्रैप-पैज पॉलिसी जल्द लाने की भी मांग की है. जिससे 15 साल पुरानी गाड़ियों को बदलकर लोग नई गाड़ी खरीदें और इससे ऑटो सेक्टर को संकट से उबरने में मदद मिलेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.

ये भी पढ़े- नेता प्रतिपक्ष के वार पर डिप्टी सीएम का पलटवार, बोले- 10 साल के कार्यकाल में नहीं सुनी जनता की

ये पहली बार नहीं है जब ऑटोमोबाइल जगत से ऐसी मांग उठी है, बल्कि पहले भी ऑटो इंडस्ट्री से लोग इसी तरह की डिमांड सरकार के सामने रख चुके हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि सरकार अपने बजट में इन लोगों की मांग को पूरा करती है या नहीं.

ये भी पढे़ं- आम बजट 2020: पानीपत के किसानों ने बताई बजट से उन्हें क्या है उम्मीद

गुरुग्राम: ऑटोमोबाइल सेक्टर को साल 2020 के केंद्रीय बजट से काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि ऑटोमोबाइल सेक्टर पिछले दो दशकों की सबसे बड़ी मंदी के दौर से गुजर रहा है. ऐसे में ऑटोमोबाइल सेक्टर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उम्मीद है कि वो इस बजट से फिर से ऑटोमोबाइल सेक्टर में जान डालने का काम करेंगी.

मंदी का साल रहा 2019
दरअसल, साल 2019 में ऑटो कंपनियों को सबसे ज्यादा मंदी का शिकार होना पड़ा. अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती और आर्थिक विकास दर में गिरावट के चलते गाड़ियों की मांग में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है. कारों की बिक्री हो या स्कूटर या मोटरसाइकिल या फिर कमर्शियल वाहन सभी के सेल्स औंधे मुंह जा गिरे हैं.

वित्त मंत्री से इस बार ऑटो मोबाइल सेक्टर की बड़ी आस, देखिए रिपोर्ट

सेल्स में गिरावट के चलते ऑटो कंपनियों को उत्पादन भी घटाना पड़ा था. यही नहीं कुछ दिनों के लिए तो कई कंपनियों ने प्लांट भी बंद कर दिया था. ऐसे में ऑटोमोबाइल सेक्टर को बजट से उम्मीद है कि इस बजट में उनके लिए कुछ खास हो ताकि जल्द ही ये सेक्टर मंदी से उबर सके.

इंडस्ट्रियलिस्ट चाहते हैं जीएसटी में छूट
इस सेक्टर में जुड़े व्यापारियों की मानें तो इस बजट में उम्मीद है कि सरकार जीएसटी के स्लैब में कुछ रिबेट देगी, क्योंकि जो ऑटोमोटिव के कॉम्पोनेंट है उसमें 28% तक जीएसटी लगाया जा रहा है. जिससे ऑटोमोटिव सेक्टर की मुश्किलें बढ़ गई हैं. ऐसी उम्मीद है कि इस बजट में जीएसटी का स्लैब कम किया जाए, तभी इस सेक्टर को फायदा होगा.

'बजट से पड़ेगा नौकरियों पर असर'
देश में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है. ऐसे में इंडस्ट्रियलिस्ट की मानें तो अगर बजट अच्छा होगा तो मार्केट में तेजी आएगी और तेजी आने पर नौकरियां भी बढ़ेंगी. वहीं एक अप्रैल 2020 से देशभर में बी.एस 6 अपडेशन वाले वाहन ही बिकेंगे और ऐसे में कंपनियों ने साल 2019 से ही अपने प्रोडक्ट को बी.एस 6 नॉर्म्स के हिसाब से अपडेट करना शुरू कर दिया है, क्योंकि बी.एस 6 वाली डेडलाइन नजदीक है और ऐसे में कंपनियां किसी भी किसी तरह की रिस्क नहीं लेना चाहती हैं.

'सरकार जल्द लाए स्क्रैप-पेज पॉलिसी'
ऑटोमोबाइल सेक्टर से जुड़े लोगों की मानें तो सरकार ऐसे अपडेशन में कम से कम 5 साल का गैप जरूर रखे, क्योंकि जल्दी-जल्दी अपडेशन में कंपनियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है. वहीं ऑटो सेक्टर में तेजी लाने के लिए और गाड़ियों की बिक्री बढ़ाने के लिए इन लोगों ने सरकार से स्क्रैप-पैज पॉलिसी जल्द लाने की भी मांग की है. जिससे 15 साल पुरानी गाड़ियों को बदलकर लोग नई गाड़ी खरीदें और इससे ऑटो सेक्टर को संकट से उबरने में मदद मिलेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.

ये भी पढ़े- नेता प्रतिपक्ष के वार पर डिप्टी सीएम का पलटवार, बोले- 10 साल के कार्यकाल में नहीं सुनी जनता की

ये पहली बार नहीं है जब ऑटोमोबाइल जगत से ऐसी मांग उठी है, बल्कि पहले भी ऑटो इंडस्ट्री से लोग इसी तरह की डिमांड सरकार के सामने रख चुके हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि सरकार अपने बजट में इन लोगों की मांग को पूरा करती है या नहीं.

ये भी पढे़ं- आम बजट 2020: पानीपत के किसानों ने बताई बजट से उन्हें क्या है उम्मीद

Intro:ऑटोमोबाइल सेक्टर को साल 2020 के केंद्रीय बजट से काफी उम्मीदें हैं... क्योंकि ऑटोमोबाइल सेक्टर पिछले दो दशकों की सबसे बड़ी मंदी के दौर से गुजर रहा है.... ऐसे में ऑटोमोबाइल सेक्टर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उम्मीद है... कि वह इस बजट से फिर से ऑटोमोबाइल सेक्टर में जान डालने का काम करेगी....


Body:दरअसल साल 2019 में ऑटो कंपनियों को सबसे ज्यादा मंदी का शिकार होना पड़ा.....अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती और आर्थिक विकास दर में गिरावट के चलते गाड़ियों की मांग में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है.....कारों की बिक्री हो या स्कूटर या मोटरसाइकिल या फिर कमर्शियल वाहन सभी के सेल्स औधे मुंह जा गिरे हैं.....सेल्स में गिरावट के चलते ऑटो कंपनियों को उत्पादन भी घटाना पड़ा था.... यही नहीं बल्कि कुछ दिनों के लिए तो कई कंपनियों ने प्लांट भी बंद कर दिया था.... ऐसे में ऑटोमोबाइल सेक्टर को बजट से उम्मीद है कि इस बजट में उनके लिए कुछ खास हो ताकि जल्द ही ये सेक्टर मंदी से उबर सके....

बाइट=दीपक मैनी
बाइट=के.के गांधी

इस सेक्टर में जुड़े व्यापारियों की मानें तो इस बजट में उम्मीद है कि सरकार जीएसटी के स्लैब में कुछ रिबेट देगी.... क्योंकि जो ऑटोमोटिव के कॉम्पोनेंट है उसमें 28% तक जीएसटी लगाया जा रहा है.... जिससे ऑटोमोटिव सेक्टर की मुश्किलें बढ़ गई हैं.... ऐसी उम्मीद है कि इस बजट में जीएसटी का स्लैब कम किया जाए.... तभी इस सेक्टर को फायदा होगा.....वही देश में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है ऐसे में इंडस्ट्री उसकी मानें तो अगर बजट अच्छा होगा तो मार्केट में तेजी आएगी और तेजी आने पर नौकरियां भी बढ़ेगी....

बाइट=दीपक मैनी
बाइट=एसपी अग्रवाल

वही एक अप्रैल 2020 से देशभर में बी.एस 6 अपडेशन वाले वाहन ही बिकेंगे और ऐसे में कंपनियों ने साल 2019 से ही अपने प्रोडक्ट को बी.एस 6 नॉर्म्स के हिसाब से अपडेट करना शुरू कर दिया है..... क्योंकि बी.एस 6 वाली डेडलाइन नजदीक है और ऐसे में कंपनियां किसी भी किसी तरह की रिस्क नहीं लेना चाहती है.....ऐसे में इस अपडेशन की वजह से वाहनों के दाम बढ़ गए हैं.... और लोग सीधे बी.एस 6 वाले वाहन खरीदने का इंतजार कर रहे हैं..... जो मंदी की एक बड़ी वजह है..... ऐसे में ऑटोमोबाइल सेक्टर से जुड़े लोगों की मानें तो सरकार ऐसे अपडेशन में कम से कम 5 साल का गैप जरूर रखे क्योंकि जल्दी-जल्दी अपडेशन में कंपनियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है..... वहीं ऑटो सेक्टर में तेजी लाने के लिए और गाड़ियों की बिक्री बढ़ाने के लिए इन लोगों ने सरकार से स्क्रैप-पैज पॉलिसी जल्द लाने की भी मांग की है.... जिससे 15 साल पुरानी गाड़ियों को बदलकर लोग नई गाड़ी खरीदें और इससे ऑटो सेक्टर को संकट से उबरने में मदद मिलेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे...

बाइट=दीपक मैनी
बाइट=के.के गांधी
बाइट=एसपी अग्रवाल


Conclusion:यह पहली बार नहीं है जब ऑटोमोबाइल जगत से ऐसी मांग उठी है बल्कि पहले भी ऑटो इंडस्ट्री से लोग इसी तरह की डिमांड सरकार के सामने रख चुके हैं.... ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि सरकार अपने बजट में इन लोगों की उस मांग को पूरा करती है या नहीं....
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