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सोहना: मंडावर गांव में लकड़बग्धा देखे जाने से हड़कंप, मशक्कत के बाद वन विभाग ने किया काबू

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Published : May 12, 2020, 12:08 PM IST

अरावली की तलहटी में बसे होने के कारण सोहना के गांव मंडावर में जंगली जानवर देखे जाते हैं. ज्यादातर यहां पर तेंदुए देखे जाते रहे हैं. लेकिन इस बार यहां लकड़बग्धा देखा गया है, जिसके बाद गांव में हड़कंप मच गया.

forest department rescued a hyena
लकड़बग्धा काबू.

गुरुग्राम: सोहना के गांव मंडावर के जंगल में शिकरी जानवर भूख और प्यास मिटाने के लिए घूमते रहते हैंं. समय-समय पर यहां तेंदुओं को देखा जाता है. इस बार मंडावर गांव में हाइना देखा गया है, जिसे हिंदी में लकड़बग्धा कहते हैं. दरअसल ये लकड़बग्धा एक फार्म हाउस के तारों में फंस गया था.

लकड़बग्धा देखे जाने के बाद गांव वालों का हूजुम फार्म हाउस के पास पहुंच गया. इस दौरान वन विभाग को सूचना दी गई. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस और वन विभाग की टीम ने काफी मश्क्कत के बाद लकड़बग्धे को काबू किया है. लकड़बग्धे के रेस्क्यू के बाद वन विभाग के कर्मचारी अनिल गड़ासा ने बताया कि हाइना मरे हुए जानवर और हड्डियों को खाता है और ज्यादातर वो रात को ही शिकार पर निकलता है.

क्लिक कर देखें वीडियो.

अनिल गड़ासा ने बताया कि ये लकड़बग्धा रात को खाने की तलाश में अरावली की पहाड़ी से नीचे आया होगा, जो एक फार्म हाउस की तार फेंसिंग में फस गया. गड़सा ने बताया कि इसे जिंदा पकड़ लिया गया है. और इसे सबसे पहले उपचार के लिए लेकर जाया जाएगा, ठीक होने तक इसे निगरानी में रखा जाएगा. स्वस्थ्य होने के बाद लकड़बग्धे को इसी जंगल में फिर से छोड़ दिया जाएगा.

बता दें कि लकड़बग्घा, हाइयेनिडी कुल से संबंधित एक मांसाहारी स्तनधारी जीव है, इसका प्राकृतिक आवास एशिया और अफ्रीका दोनों महाद्वीप हैं. वर्तमान में इसकी चार जीवित प्रजाति अस्तित्व में हैं. धारीदार लकड़बग्घा (वंश:हाइयेना), भूरा लकड़बग्घा (वंश: हाइयेना), धब्बेदार लकड़बग्घा (वंश: क्रोकुटा), कीटभक्षी लकड़बग्घा (वंश: प्रोटेलिस).

गुरुग्राम: सोहना के गांव मंडावर के जंगल में शिकरी जानवर भूख और प्यास मिटाने के लिए घूमते रहते हैंं. समय-समय पर यहां तेंदुओं को देखा जाता है. इस बार मंडावर गांव में हाइना देखा गया है, जिसे हिंदी में लकड़बग्धा कहते हैं. दरअसल ये लकड़बग्धा एक फार्म हाउस के तारों में फंस गया था.

लकड़बग्धा देखे जाने के बाद गांव वालों का हूजुम फार्म हाउस के पास पहुंच गया. इस दौरान वन विभाग को सूचना दी गई. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस और वन विभाग की टीम ने काफी मश्क्कत के बाद लकड़बग्धे को काबू किया है. लकड़बग्धे के रेस्क्यू के बाद वन विभाग के कर्मचारी अनिल गड़ासा ने बताया कि हाइना मरे हुए जानवर और हड्डियों को खाता है और ज्यादातर वो रात को ही शिकार पर निकलता है.

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अनिल गड़ासा ने बताया कि ये लकड़बग्धा रात को खाने की तलाश में अरावली की पहाड़ी से नीचे आया होगा, जो एक फार्म हाउस की तार फेंसिंग में फस गया. गड़सा ने बताया कि इसे जिंदा पकड़ लिया गया है. और इसे सबसे पहले उपचार के लिए लेकर जाया जाएगा, ठीक होने तक इसे निगरानी में रखा जाएगा. स्वस्थ्य होने के बाद लकड़बग्धे को इसी जंगल में फिर से छोड़ दिया जाएगा.

बता दें कि लकड़बग्घा, हाइयेनिडी कुल से संबंधित एक मांसाहारी स्तनधारी जीव है, इसका प्राकृतिक आवास एशिया और अफ्रीका दोनों महाद्वीप हैं. वर्तमान में इसकी चार जीवित प्रजाति अस्तित्व में हैं. धारीदार लकड़बग्घा (वंश:हाइयेना), भूरा लकड़बग्घा (वंश: हाइयेना), धब्बेदार लकड़बग्घा (वंश: क्रोकुटा), कीटभक्षी लकड़बग्घा (वंश: प्रोटेलिस).

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