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सैकड़ों लोगों के सपने हो गए जल कर खाक, किसी भी नेता का नहीं मिला साथ! - haryana'

सोमवार सुबह करीब 10 बजे गुरुग्राम के नाथूपुर गांव में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जिस वक्त आग लगने की खबर आई. दमकल की आधा दर्जन से ज्यादा गाड़ियां मौके पर पहुंची उन्होंने आग पर काबू पाया तो पा लिया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, क्योंकि सभी झुग्गियां जलकर राख हो गई थी.

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Published : Mar 5, 2019, 2:49 PM IST

गुरुग्रामःदूसरे राज्यों से आए और साइबर सिटी में मजदूरी कर अपना घर चलाने वाले मजदूरों का आशियाना जलकर खाक हो गया. किसी को क्या पता था कि सोमवार सुबह 10 बजे इनके लिए आफत की घड़ी बनने वाली है. सब लोग सुबह काम पर गए और अपने काम पर पहुचे ही थे कि एक फोन आता है कि आपका आशियाना जलकर राख हो गया. तभी सभी दौड़े-दौड़े अपनी झुग्गिग्यो में पहुंचे तो देखा कि लंबी लंबी आग की लपटों ने इनके आशियाने को उखाड़ गिराया है.

बड़े दुख की बात है की 80 से ज्यादा झुग्गी जलने के बाद भी साइबर सिटी का कोई अधिकारी या प्रशासन का कोई भी अधिकारी इन झुग्गी वासियों की मदद करने नहीं पहुंचा ना ही किसी तरीके का आश्वासन दिया गया. ये लोग सरकार से गुहार लगाते रहें. बेबस लोगों के पास अब खोने के लिए कुछ नहीं बचा.
दिन रात मेहनत करके लोगों ने पैसे जोड़े थे किसी को अपने गांव में पैसे भेजने थे तो किसी को अपनी बेटी की शादी करनी थी लेकिन इन आप की लपटों ने उन पैसों को भी नहीं छोड़ा. सभी के पैसे जलकर राख हो गए.

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हैरानी की बात ये भी है कि कुछ सप्ताह पहले भी नाथूपुर में बनी अवैध झुग्गियों में आग लगी थी. पीड़ितों ने बताया कि पिछले अग्निकांड में लगभग 200 झुग्गियां आग की चपेट में आई थी, लेकिन 4 सप्ताह बाद ही ये दूसरी वारदात उसी इलाके में घटी है, जो कहीं ना कहीं प्रशासन की लापरवाही बयां करती है.

गुरुग्रामःदूसरे राज्यों से आए और साइबर सिटी में मजदूरी कर अपना घर चलाने वाले मजदूरों का आशियाना जलकर खाक हो गया. किसी को क्या पता था कि सोमवार सुबह 10 बजे इनके लिए आफत की घड़ी बनने वाली है. सब लोग सुबह काम पर गए और अपने काम पर पहुचे ही थे कि एक फोन आता है कि आपका आशियाना जलकर राख हो गया. तभी सभी दौड़े-दौड़े अपनी झुग्गिग्यो में पहुंचे तो देखा कि लंबी लंबी आग की लपटों ने इनके आशियाने को उखाड़ गिराया है.

बड़े दुख की बात है की 80 से ज्यादा झुग्गी जलने के बाद भी साइबर सिटी का कोई अधिकारी या प्रशासन का कोई भी अधिकारी इन झुग्गी वासियों की मदद करने नहीं पहुंचा ना ही किसी तरीके का आश्वासन दिया गया. ये लोग सरकार से गुहार लगाते रहें. बेबस लोगों के पास अब खोने के लिए कुछ नहीं बचा.
दिन रात मेहनत करके लोगों ने पैसे जोड़े थे किसी को अपने गांव में पैसे भेजने थे तो किसी को अपनी बेटी की शादी करनी थी लेकिन इन आप की लपटों ने उन पैसों को भी नहीं छोड़ा. सभी के पैसे जलकर राख हो गए.

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हैरानी की बात ये भी है कि कुछ सप्ताह पहले भी नाथूपुर में बनी अवैध झुग्गियों में आग लगी थी. पीड़ितों ने बताया कि पिछले अग्निकांड में लगभग 200 झुग्गियां आग की चपेट में आई थी, लेकिन 4 सप्ताह बाद ही ये दूसरी वारदात उसी इलाके में घटी है, जो कहीं ना कहीं प्रशासन की लापरवाही बयां करती है.

Intro:सोमवार सुबह करीब 10 बजे गुरुग्राम के नाथूपुर गांव में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जिस वक्त आग लगने की खबर आई.... दमकल की आधा दर्जन से ज्यादा गाड़ियां मौके पर पहुंची उन्होंने आग पर काबू पाया तो पा लिया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी क्योंकि सभी झुग्गियां जलकर राख हो गई थी.... लेकिन उसके बावजूद प्रशासन की तरफ से कोई भी अधिकारी इन झुग्गी वासियों का दर्द सुनने नहीं पहुंचा ना ही सरकार की तरफ से कोई मदद पहुची....पूरी रात इन वासियों ने आसपास की झुग्गियों में गुजारी....ना खाना.... ना पहनने को कपड़ा ओर ना ही सरकार की तरफ से कोई मदद आखिर यह लोग जाए तो जाए कहां....


Body:दूसरे राज्यों से आए और साइबर सिटी में मजदूरी कर अपना घर चलाने वाले मजदूरों का काशियाना जलकर खाक हो गया.... किसी को क्या पता था कि सोमवार सुबह 10 बजे इनके लिए आफत की घड़ी बनने वाली है... सब लोग सुबह काम पर गए और अपने काम पर पहुचे ही थे कि एक फोन आता है कि आपका आशियाना जलकर राख हो गया....तभी सभी दौड़े-दौड़े अपनी झुग्गिग्यो में पहुंचे तो देखा कि लंबी लंबी आग की लपटों ने इनके आशियाने को उखाड़ गिराया है..

बड़े दुख की बात है की 80 से ज्यादा झुग्गी जलने के बाद भी साइबर सिटी का कोई अधिकारी या प्रशासन का कोई भी अधिकारी इन झुग्गी वासियों की मदद करने नहीं पहुंचा ना ही किसी तरीके का आश्वासन दिया गया यह लोग सरकार से गुहार लगाते रहे बेबस लोग के पास अब खोने के लिए कुछ नही बचा

Walkthrough Karan Jaisingh


Conclusion:दिन रात मेहनत करके लोगों ने पैसे जोड़े थे किसी को अपने गांव में पैसे भेजने थे तो किसी को अपनी बेटी की शादी करनी थी लेकिन इन आप की लपटों ने उन पैसों को भी नहीं छोड़ा सभी के पैसे जलकर राख हो गए और यह आंसू और तस्वीरें इनके दिल का दर्द बयां करती है
कुछ सप्ताह पहले भी नाथूपुर में बनी अवैध झुग्गियों में आग लगी थी जिसमें लगभग 200 झुग्गियां आग की चपेट में आई थी लेकिन 4 सप्ताह बाद ही यह दूसरी वारदात उसी इलाके में घटती है जो कहीं ना कहीं प्रशासन की लापरवाही बयां करती है लेकिन अब देखना होगा जोगी के ठेकेदार या मालिक पर प्रशासन क्या कार्रवाई करता है....
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