गुरुग्राम: इस साल जब कोरोना ने देश में दस्तक दी तो लोगों को लगा की थोड़ी सी सावधानी बरतने से इस बीमारी से छुटकारा मिल सकता है, लेकिन कब इस महामारी ने इन 12 महीनों को अपनी ज़द में ले लिया पता ही नहीं लगा. अक्टूबर का महीना खत्म होने को है और भारत में 74 लाख के पार कोरोना के मरीजों की संख्या हो चुकी है. ऐसे में त्यौहारों का सीजन भी शुरु हो चुका है लेकिन इस बार के त्यौहार कुछ फीके ही रहेंगे. कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार ने गाइडलाइंस जारी की है. लोगों को त्यौहार मनाने की इजाजत तो है लेकिन पूरी सावधानी बरतने के लिए भी कहा गया है.
रामलीला देखने के लिए 200 लोगों को इजाजत
कुछ ही दिनों में दशहरा है और इससे पहले नवरात्रें भी शुरु हो चुकें है. लोगों के लिए गाइडलाइंस के तहत त्यौहार मनाना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है. दशहरे से पहले कई दिन रामलीला का आयोजन भी होना है जिसे देखते हुए गुरुग्राम जिला प्रशासन ने चारदीवारी के अंदर 200 लोगों की इजाजत दी है तो वहीं बाहर खुले ग्राउंड में कोई बंदिश नहीं है.
खुले मैदान में 5 हजार की जगह 1 हजार लोगों की व्यवस्था
वहीं रामलीला आयोजकों की मानें तो कोरोना से पहले 5,000 लोगों के लिए बैठने की व्यवस्था की जाती थी लेकिन अब खुले मैदान में 1 हजार लोगों के लिए ही कुर्सियां लगाई गई हैं. जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाएगा ताकि भीड़ इकट्ठी ना हो. वहीं गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी.
डॉक्टर्स की सलाह, घर पर ही देखें रामलीला
डॉक्टर्स की मानें तो प्रशासन को रामलीला के आयोजन की इजाजत नहीं देनी चाहिए थी, उनका कहना है पहले ही गुरुग्राम के लोग सावधानी नहीं बरत रहे है उपर से रामलीला के आयोजन की परमिशन देना खतरे से खाली नहीं. डॉक्टर्स ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि फोन में यूट्यूब के माध्यम से लोग रामलीला आनंद ले तो ज्यादा बेहतर है.
खैर प्रशासन द्वारा लोगों से अपील की गई है कि वो त्यौहारों के समय खुद भी एतिहात बरते क्योंकि कोरोना का कहर जारी है इसलिए मास्क और सेनेटाइजर समेत तमाम एतिहात त्योहारों के सीजन में बरतने जरूरी हैं. रही बात कोरोना संक्रमण लोगों का आंकड़ा बढ़ने की तो रोजाना देश में लाखों लोग कोरोना की चपेट में आ रहे है और ये आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है.
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