गुरुग्राम: मानेरस भूमि अधिग्रहण मामले में गुरुवार को किसानों ने प्रदर्शन (farmers protest in gurugram) किया. इस दौरान किसानों को पुलिस के बीच धक्कामुक्की (clashes in farmers and gurugram police) देखने को मिली. जिसके बाद पुलिस ने सैकड़ों की संख्या में किसानों को हिरासत में लिया. इस प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल रहीं. गिरफ्तार किसानों को पुलिस ने नोरंगपुर पुलिस लाइन में रखा.
दरअसल साल 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में मानेसर से सटे 25 गांवों की लगभग 1810 एकड़ जमीन के लिए अधिग्रहण (maneras land acquisition case) की अधिसूचना जारी की गई थी. उस वक्त किसानों ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के इस फैसले का जबरदस्त विरोध किया था. जिसके बाद मामला हाई कोर्ट में पहुंच गया. इस मामले पर हाई कोर्ट ने कमेटी बनाने का आदेश दिया था.
इतना ही नहीं कोर्ट ने किसानों के साथ बैठकर इस मसले को सुलझाने की बात भी की थी, लेकिन 2022 में भी ये मामला लंबित है. इस मामले को लेकर किसानों ने मानेसर में प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में महिलाएं भी बड़ी संख्या में मौजूद रहीं. किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात किया. जैसे ही किसान पीएम हाउस की तरफ कूच करने लगे तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की.
इस दौरान किसान और पुलिसकर्मियों के बीच धक्कामुक्की भी देखने को मिली. इसके बाद पुलिस ने सैकड़ों किसानों को हिरासत में लिया. गुरुवार सुबह करीब 10 बजे सैकड़ों की संख्या में किसान एवं महिलाएं एकत्रित हुई और दिल्ली कूच करने लगे. जैसे ही ये सभी दिल्ली-जयपुर हाइवे पर पहुंचे तो पुलिस ने इन्हें हिरासत में ले लिया. हिरासत में लिए गए किसानों को रोडवेज बसों के जरिए शहर के अलग अलग थानों में भेज दिया गया.
किसानों ने आरोप लगाया कि खट्टर सरकार उन लोगों के साथ ज्यादती कर रही है. जिस तरह बावल में भूमि अधिग्रहण के आदेश वापस लिए गए, उसी तरह मानेसर की अधिग्रहित भूमि के आदेश भी वापस लिए जाने चाहिए. किसानों का साफतौर पर कहना है कि बीजेपी सांसद की अपील के बाद भी मनोहर लाल खट्टर आदेश वापस नहीं ले रहे हैं. इतना ही नहीं किसानों का कहना है कि वो मर जाएंगे पर अपनी जमीन नही देंगे.