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गुरुग्राम: फर्जी कॉल सेंटर का पुलिस ने किया पर्दाफाश, चार आरोपियों को किया गिरफ्तार

गुरुग्राम पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर पर्दाफाश किया है. फर्जी कॉल सेंटर से कई लोगों से लाखों की ठगी की जा रही थी. पुलिस ने रेड में 15 हार्ड डिस्क भी बरामद किए हैं.

पुलिस ने चार आरोपियों को किया गिरफ्तार
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Published : Aug 8, 2019, 10:30 PM IST

गुरुग्राम: गुरुवार को गुरुग्राम पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है. पुलिस को बीती 7 तारीख को गुप्त सूत्रों से सूचना मिली कि प्लॉट नंबर 97, सेक्टर 37 में एक फर्जी कॉल सेंटर चलाया जा रहा है. जहां फोन कॉल के माध्यम से लोगों को झूठे वादे कर उनके साथ ठगी की जाती है. इसी सूचना के आधार पर गुरुग्राम पुलिस ने कॉल सेंटर में रेड की. जिसके बाद चार आरोपियों को वहां से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की गई.

फर्जी कॉल सेंटर का पुलिस ने किया पर्दाफाश

आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि अमेरिकी नागरिकों का डाटा जैसे कि नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, एड्रेस इनको ई-मेल से उपलब्ध होता था. ये लोग सर्वर की मदद से बल्क में वॉइस मेल भेजते थे. जिसमें उनके सोशल सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन बंद होने की वार्निंग दी जाती थी. इसके समाधान के लिए एक टोल फ्री नंबर भी देते थे और उनसे कहते थे कि समस्या के समाधान के लिए उस टोल फ्री नंबर पर कॉल करें.

पुलिस की मानें तो इस गोरखधंधे से ये लोग रोजाना लगभग 2 लाख रुपये की ठगी करते थे और बीते 5 महीने से ये कॉल सेंटर को चला रहे थे. वहीं आरोपियों के कब्जे से कंप्यूटर की 15 हार्ड डिस्क, अमेरिकन नागरिकों से बातचीत में सहायक लिखित स्क्रिप्ट्स, एक लैपटॉप, अमेरिकन नागरिकों द्वारा भेजे गए आइट्यून और गूगल कार्ड भी बरामद किए गए.

गुरुग्राम: गुरुवार को गुरुग्राम पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है. पुलिस को बीती 7 तारीख को गुप्त सूत्रों से सूचना मिली कि प्लॉट नंबर 97, सेक्टर 37 में एक फर्जी कॉल सेंटर चलाया जा रहा है. जहां फोन कॉल के माध्यम से लोगों को झूठे वादे कर उनके साथ ठगी की जाती है. इसी सूचना के आधार पर गुरुग्राम पुलिस ने कॉल सेंटर में रेड की. जिसके बाद चार आरोपियों को वहां से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की गई.

फर्जी कॉल सेंटर का पुलिस ने किया पर्दाफाश

आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि अमेरिकी नागरिकों का डाटा जैसे कि नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, एड्रेस इनको ई-मेल से उपलब्ध होता था. ये लोग सर्वर की मदद से बल्क में वॉइस मेल भेजते थे. जिसमें उनके सोशल सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन बंद होने की वार्निंग दी जाती थी. इसके समाधान के लिए एक टोल फ्री नंबर भी देते थे और उनसे कहते थे कि समस्या के समाधान के लिए उस टोल फ्री नंबर पर कॉल करें.

पुलिस की मानें तो इस गोरखधंधे से ये लोग रोजाना लगभग 2 लाख रुपये की ठगी करते थे और बीते 5 महीने से ये कॉल सेंटर को चला रहे थे. वहीं आरोपियों के कब्जे से कंप्यूटर की 15 हार्ड डिस्क, अमेरिकन नागरिकों से बातचीत में सहायक लिखित स्क्रिप्ट्स, एक लैपटॉप, अमेरिकन नागरिकों द्वारा भेजे गए आइट्यून और गूगल कार्ड भी बरामद किए गए.

Intro:फर्जी कॉल सेंटर का गुरुग्राम पुलिस ने किया पर्दाफाश.... कॉल सेंटर से चार आरोपियों को भी काबू करने में गुरुग्राम पुलिस ने सफलता हासिल की.... पुलिस द्वारा 15 हार्ड डिस्क, अमेरिकन नागरिकों से बातचीत में सहायक लिखित स्क्रिप्ट्स, एक लैपटॉप, अमेरिका नागरिकों द्वारा भेजे गए आई ट्यून एंड गूगल का कार्ड्स को भी गुरुग्राम पुलिस ने किया बरामद...


Body:दरअसल मामला बीते 7 तारीख का जब गुरुग्राम पुलिस के साइबर सेल की टीम को गुप्त सूत्रों से सूचना मिली कि प्लॉट नंबर 97 सेक्टर 37 गुरुग्राम में एक फर्जी कॉल सेंटर है.... जहां फोन कॉल के माध्यम से लोगों को झूठे वादे कर उनके साथ ठगी की जाती है.... जिस सूचना के आधार पर गुरुग्राम पुलिस ने कॉल सेंटर में रेड की... जिसके बाद चार आरोपियों को वहां से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की

बाइट=शमशेर सिंह, एसीपी क्राइम, गुरुग्राम पुलिस

दरअसल चार में से तीन आरोपी गुजरात के रहने वाले हैं जिनके नाम योगेश, मिलनसागर, जय जेठानी और जितेंद्र जो कि पंजाब का रहने वाला है.... वहीं आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि अमेरिकी नागरिकों का डाटा जैसे कि नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, एड्रेस आदि इनको ई-मेल से उपलब्ध होता था.... यह लोग सरवर की मदद से बल्क में वॉइस मेल भेजते थे....जिसमें उनके सोशल सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन बंद होने की वार्निंग दी जाती थी इसके समाधान के लिए एक टोल फ्री नंबर भी देते थे और उनसे कहते थे कि समस्या के समाधान के लिए उस टोल फ्री नंबर पर कॉल करें...

बाइट=शमशेर सिंह, एसीपी क्राइम, गुरुग्राम पुलिस

दरअसल अमेरिका में सोशल सिक्योरिटी बहुत महत्वपूर्ण होता है जिस चीज़ का फायदा यह आरोपी लोगो को डरा कर उठाते थे.... वही आरोपी अमेरिकन नागरिकों से अपना परिचय अमेरिका के ही संबंधित विभाग के प्रतिनिधि बताते थे और समाधान की फीस के लिए आइट्यून कार्ड या गूगल कार्ड के नंबर की मांग करते और पीड़ित घबराकर क्रेडिट कार्ड, ई टुन कार्ड या गूगल कार्ड खरीद कर उसका नंबर इन ठगों को बता देते थे....जिसके बाद वो पैसा इनके पास पहुच जाता था...

बाइट=शमशेर सिंह, एसीपी क्राइम, गुरुग्राम पुलिस


Conclusion:पुलिस की मानें तो इस गोरखधंधे से यह लोग रोजाना लगभग 2 लाख रुपये की ठगी करते थे और बीते 5 महीने से यह कॉल सेंटर को चला रहे थे.... वहीं आरोपियों के कब्जे से कंप्यूटर की 15 हार्ड डिस्क, अमेरिकन नागरिकों से बातचीत में सहायक लिखित स्क्रिप्ट्स, एक लैपटॉप, अमेरिकन नागरिकों द्वारा भेजे गए आइट्यून और गूगल कार्ड भी बरामद किए गए....वही गुरुग्राम पुलिस ने इन आरोपियों को अदालत में पेश कर जितेंद्र गिल को 1 दिन की पुलिस हिरासत में लिया गया है
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