गुरुग्राम: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक लेने गुरुग्राम पहुंचे. जहां उन्होंने किसानों के आंदोलन को लेकर कहा कि ये आंदोलन पंजाब के किसानों का आंदोलन है. हरियाणा के किसानों ने इस आंदोलन में कोई भागीदारी नहीं की है. इस पर उन्होंने हरियाणा के किसानों का आभार भी व्यक्त किया है और कहा कि ये आंदोलन मुख्य रूप से पंजाब के राजनीतिक दल और वहां के कुछ संगठनों द्वारा प्रायोजित है.
कृषि कानून के विरोध में पंजाब के किसान सड़कों पर हैं और हरियाणा से दिल्ली की और प्रवेश करने को लेकर लगातार विरोध कर रहे हैं. ऐसे में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में खालिस्तानी कनेक्शन भी हो सकते हैं, क्योंकि इस तरह की नारेबाजी भी की जा रही है कि इंदिरा गांधी को हम मार सकते हैं तो मोदी को क्यों नहीं. इस बात के कुछ सबूत भी मिले हैं इसकी जांच की जा रही है.
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इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि किसानों के नाम पर राजनीतिक पार्टियां रोटियां सेकने का भी काम कर रही हैं. वहीं केंद्रीय मंत्रियों ने किसानों से आह्वान और अपील भी की है कि कितनी संख्या में किसान मिलना चाहते हैं उसकी लिस्ट दी जाए ताकि आपसी बातचीत के तहत इसका रास्ता निकाला जाए, क्योंकि बातचीत ही इसका एक समाधान है.
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किसान आंदोलन में कुछ असामाजिक तत्व भी भीड़ के रूप में शामिल हो गए हैं, इन पर हमारी नज़र बनी हुई है।https://t.co/x14Q1hOxpj pic.twitter.com/YYgzt7If4m
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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि उनकी तरफ से पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से कई बार फोन पर बात करने की कोशिश की गई लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री बात करने के लिए तैयार ही नहीं है. पिछले 6 साल में ऐसा पहली बार हुआ है अन्यथा पहले जब भी हम फोन करते तो व्यस्तता होने पर घंटे आधे घंटे में बातचीत हो जाती थी. वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री बताएं कि उन्होंने बातचीत क्यों नहीं की.